इसमें गर्भवती महिलाओं की पहली तिमाही में पंजीकरण, प्रसव पूर्ण तीन जांच करानेवाली गर्भवती महिलाओं, जटिल प्रकार प्रसव के मैनेजमेंट, संस्थागत प्रसव, सिजेरियन से प्रसव का प्रतिशत, मातृत्व मृत्यु की रिपोर्ट, मातृत्व मृत्यु का रिव्यू, प्रति हजार पर मृत पैदा होने वाले नवजात, समय पर स्तनपान कराने, औसत से कम वजन के पैदा होने वाले बच्चों का प्रतिशत, घर में जन्म के बाद 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा देखभाल, एसएनसीयू में इलाज का औसत समय, पूर्ण टीकाकरण, जिला अस्पतालों में शिशु वार्ड में बच्चों का बेड आॅकुपेंसी दर, शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग प्रतिशत, रक्त अधिकोश का जिला अस्पताल में व्यवस्था आिद शामिल हैं. इसके साथ ही पेनाल्टी के तहत जो अंकों में कटौती की व्यवस्था की गयी है, उसमें समय पर जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि का भुगतान नहीं करना, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल और जिला अस्पताल में प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा सिजेरियन आपरेशन का नहीं किया जाना, नन फंक्शनल एसएनयूसी जैसे आठ सूचकांक निर्धारित किये गये हैं.
Advertisement
स्वास्थ्य मानकों पर समस्तीपुर अव्वल, पटना 21वें रैंक पर
पटना: स्वास्थ्य मानकों पर स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव का गृह जिला गोपालगंज 10 वें रैंक पर है. सरकार के नाक के नीचे रहनेवाला जिला और सबसे अधिक पदस्थापित डाॅक्टरों वाला पटना जिला का रैंक 21 वें स्थान पर है. विभिन्न स्वास्थ्य सूचकांकों पर राज्य के जिलों की रैंकिंग करायी गयी है. 47 सूचकांकों पर दिसंबर, […]
पटना: स्वास्थ्य मानकों पर स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव का गृह जिला गोपालगंज 10 वें रैंक पर है. सरकार के नाक के नीचे रहनेवाला जिला और सबसे अधिक पदस्थापित डाॅक्टरों वाला पटना जिला का रैंक 21 वें स्थान पर है. विभिन्न स्वास्थ्य सूचकांकों पर राज्य के जिलों की रैंकिंग करायी गयी है. 47 सूचकांकों पर दिसंबर, 2015 में करायी गयी रैंकिंग में राज्य के 38 जिला व सभी नौ प्रमंडलों में समस्तीपुर जिला स्वास्थ्य सेवा देने के मामले में टॉप पर रहा है, जबकि पूर्वी चंपारण जिला फिसड्डी साबित हुआ है. प्रमंडल स्तर पर दरभंगा प्रमंडल अव्वल रहा, जबकि तिरहुत की स्थिति सबसे खराब रही.
राज्य स्वास्थ्य समिति ने मैनेजमेंट एंड इन्फार्मेशन सिस्टम (एमआइएस) के माध्यम से इसकी मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करायी है. दिसंबर 2015 की रिपोर्ट को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व जिला पदाधिकारियों को भेजा है. इसमें कहा गया है कि राज्य में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के मूल्यांकन के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण सूचकांकों पर को देखकर प्रमंडल एवं जिलों के स्तर पदाधिकारियों व कर्मचारियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा का भाव जागृत करने के लिए सेवाओं का मूल्यांकन कराया जा रहा है और इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है. आयुक्तों व जिलाधिकारियों को पत्र भेजते हुए अनुरोध किया गया है कि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए अपने स्तर से आवश्यक निर्देश दिये जायें. भारत सरकार ने इन आंकड़ों को 22 जनवरी 2016 को जारी किया है.
द्वारा कालाजार के मरीजों को लेकर दिये गये गलत आंकड़ों पर नाराजगी व्यक्त की गयी है. दिसंबर माह में स्वास्थ्य मानकों पर राजधानी पटना 21 वें स्थान पर है.
मंत्री का गृह जिला गोपालगंज 10वें स्थान पर
समस्तीपुर पहले नंबर पर, उसके बाद पूर्णिया, बेगूसराय,पश्चिम चंपारण,सहरसा, नालंदा, सीवान, नवादा, गोपालगंज, मुंगेर, बांका, अररिया, गया, बक्सर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी,दरभंगा, लखीसराय, मधेपुरा, पटना, कैमूर, अरवल, वैशाली, कटिहार, भोजपुर, भागलपुर, सारण, जहानाबाद, किशनगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, शेखपुरा, सुपौल, औरंगाबाद, रोहतास, जमुई और अंतिम पायदान पर पूर्वी चंपारण जिला खड़ा है. प्रमंडलों में दरभंगा पहले स्थान पर उसके बाद पूर्णिया, मुंगेर, कोसी, भागलपुर, पटना, मगध और अंतिम स्तर पर तिरहुत प्रमंडल शामिल है.
सुविधाओं के 47 सूचकांकों पर तय हुआ रैंक
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक पदाधिकारी जीतेंद्र श्रीवास्तव के मुतािबक अस्पतालों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कुल 47 सूचकांक निर्धारित किया गया है. इसमें एक सूचकांक पेनाल्टी इंडिकेटर के रूप में भी शामिल किया गया है. इन इंडिकेटरों के लिए कुल 400 अंक बनाये गये हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement