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पूरे राज्य में पेयजल के लिए हाहाकार : मंगल
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि बिहार में यह कैसा बहार है जहां पीने के पानी का हाहाकार है. ताल–तलैये सूख जाने के कारण पशुधन के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. पांडेय ने कहा कि पूरे राज्य में पेयजल की भारी किल्लत उत्पन्न हो गयी है, वहीं […]
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि बिहार में यह कैसा बहार है जहां पीने के पानी का हाहाकार है. ताल–तलैये सूख जाने के कारण पशुधन के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. पांडेय ने कहा कि पूरे राज्य में पेयजल की भारी किल्लत उत्पन्न हो गयी है, वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता के लिए जिम्मेवार नगर विकास विभाग वर्ष 2015–16 में कुल बजट राशि में से 44 प्रतिशत राशि का उपयोग ही नहीं कर सका.
पीएचइडी भी बीते वित्तीय वर्ष में बजट राशि का शत–प्रतिशत उपयोग करने में विफल रहा. मध्य बिहार में हालत इतनी गंभीर हो गयी है कि गया जिले में फल्गू और धड़धड़ी नदी में गढ्ढा खोदकर ग्रामीण पानी की निकाल रहे हैं.भागलपुर एक ऐसा शहर है जहां 70 प्रतिशत घरों में सप्लाई वाटर की सुविधा है ही नहीं.
कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, गया और नालन्दा जिला का एक बड़ा हिस्सा भीषण सूखे की चपेट में है. नवादा, रोहतास, लखीसराय, भागलपुर, शेखपुरा और पटना में भूजल एक से दो फीट नीचे चला गया है.
बावजूद इसके राज्य सरकार की ओर से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय में से एक घर–घर नल से जल पहुंचाने की योजना की हवा तो पहले ही साल निकल गयी. ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री चापाकल योजना के बंद हो जाने से ग्रामीण बूंद–बूंद जल को तरस रहे हैं. स्थिति इतनी खराब हो गयी है कि राजधानी पटना में नल से जल नहीं मिल रहा है.
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