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खसरे की चपेट में सात अनुमंडल
बीमारी. राजधानी से सटे गांवों में कहर, डेढ़ माह में सामने आये 152 मरीज इस गरमी में पटना और आसपास के इलाकों में बीमारियों का कहर थम नहीं रहा है. लोग डायरिया से जूझ ही रहे थे कि खसरे ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया पटना : डायरिया के बाद अब खसरे ने लोगों […]
बीमारी. राजधानी से सटे गांवों में कहर, डेढ़ माह में सामने आये 152 मरीज
इस गरमी में पटना और आसपास के इलाकों में बीमारियों का कहर थम नहीं रहा है. लोग डायरिया से जूझ ही रहे थे कि खसरे ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया
पटना : डायरिया के बाद अब खसरे ने लोगों को अपनी चेपट में लेना शुरू कर दिया है. राजधानी से सटे गांवों में खसरा तेजी से अपना पांव पसार रहा है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले डेढ़ महीने में सात अनुमंडल के 152 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. पटना मेटिकल कॉलेज अस्पताल सहित प्रदेश के अन्य अस्पतालों में इस रोग के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मौसम में गरमी के चलते खसरे का प्रसार हो रहा है. वहीं, खसरे से बचने के लिए अस्पतालों में टीका व दवाएं भी नहीं हैं.
ये अनुमंडल आये चपेट में : स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एक मार्च से 15 अप्रैल तक प्रदेश में खसरा से 152 मरीज पीड़ित हुयें हैं. इसमें सबसे अधिक मनेर में 57, बिहटा में 21, दानापुर में 10, मसाैढ़ी में 29, बख्तियारपुर में 17, गर्दनीबाग में 4, धनरुआ में 14 लोग पीड़ित हुये हैं. इसके अलावा बाकी जिलों में खसरा के मरीज आ रहे हैं. इनमें आधे मरीजों का इलाज हो चुका है, बाकी मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है.
खसरे के लक्षण व बचाव
डॉ वर्षा सिंह ने बताया कि अगर किसी को भी बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, आंखों में लालीपन के साथ शरीर पर लाल-लाल छोटे-छोटे दाने निकले हों, तो ये खसरा रोग के लक्षण हो सकते हैं. इसके लिए पास के ग्राम आरोग्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र व स्वास्थ्य केंद्र पर तत्काल पहुंचकर इलाज करायें. उन्होंने बताया कि इसको माता जी समझ कर पूजा नहीं करें, बल्की डॉक्टरों से सलाह लें.
टीका व दवाओं का स्टॉक भेजा जा रहा है
गरमी से जुड़ी बीमारी और उसके पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट आ चुकी हैं. रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. जिन अस्पतालों में खसरे का टीका व दवा नहीं है, वहां स्टॉक भेजा जा रहा है.
डॉ जीएस सिंह, सिविल सर्जन
पारा बढ़ने के साथ ही डायरिया का प्रकोप भी बढ़ गया है. 15 फरवरी से 15 अप्रैल तक दो महीनों में डायरिया के 31 हजार केस सामने आ चुके हैं. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित प्रदेश के अन्य अस्पतालों में इस रोग के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है.
दूसरी ओर डायरिया से बचने के लिए अस्पतालों में दवाएं गायब हो चुकी हैं. इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सिविल सर्जन जीएस सिंह ने कहा कि डायरिया से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय में उपलब्ध हो गयी है. पटना के सरकारी अस्पतालों में मिजिल्स सहित कई वैक्सीन भेजी जा रही है. ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो. उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जायेगा.
पटना के इन इलाकों में डायरिया का प्रकोप
पटना जिले के शहरी क्षेत्र के साथ ही सभी प्रखंडों में इसका असर है. शहर में गर्दनीबाग क्षेत्र में अब तक 23 मरीज मिले हैं. इसके अलावा दानापुर में 18, दुल्हिन बाजार में 14, अथमलगोला में 11, गुलजारबाग में 34, पटना सिटी में 07, फुलवारीशरीफ में 09, बिहटा में 21, बिक्रम में 13, खुसरूपुर में 11, मोकामा में 02, धनरुआ में 40 व मसौढ़ी में 11 मरीज पाये गये हैं. इनका इलाज स्थानीय स्तर पर कराया गया.
कहां कितने मरीज
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 15 फरवरी से 15 अप्रैल तक प्रदेश में डायरिया से 32 हजार 723 लोग पीड़ित हुए हैं. इसमें सबसे अधिक खगड़िया में 3,264 हैं. पूर्णिया में 2,921, बक्सर में 1023, आरा में 873, समस्तीपुर में 2,869, बेगूसराय में 2,418, वैशाली में 1,529, सीतामढ़ी में 1,510, अररिया में 1,299, सीवान में 1,223 तथा पटना में 882, औरंगाबाद 1203, भागलपुर 938, गया 1209, सीतामढ़ी 1403, छपरा 1694 लोग पीड़ित हुए हैं.
14 हजार मरीजों का हुआ इलाज
18 अप्रैल तक सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों में 14 हजार डायरिया के मरीज इलाज करा चुके हैं. वहीं चार हजार मरीज बीच में ही अपना इलाज बंद कर खुद से ट्रीटमेंट चला रहे हैं. बाकी मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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