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एक दिन-एक साथ बनेंगे 21 सौ स्कूलों में सोख्ते

आज सीतामढ़ी जिला प्रशासन का बड़ा कदम, स्वच्छता और भूजल रिचार्ज को लेकर अनूठा अभियान पुष्यमित्र पटना : स्वच्छता, बच्चों की सेहत और वाटर रिचार्ज के सामूहिक लक्ष्य को लेकर सीतामढ़ी जिला प्रशासन 21 अप्रैल को एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. इस रोज जिले के सभी 2100 सरकारी स्कूलों में एक साथ हैंडपंपों […]

आज सीतामढ़ी जिला प्रशासन का बड़ा कदम, स्वच्छता और भूजल रिचार्ज को लेकर अनूठा अभियान
पुष्यमित्र
पटना : स्वच्छता, बच्चों की सेहत और वाटर रिचार्ज के सामूहिक लक्ष्य को लेकर सीतामढ़ी जिला प्रशासन 21 अप्रैल को एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. इस रोज जिले के सभी 2100 सरकारी स्कूलों में एक साथ हैंडपंपों के पास सोक-पिट(सोख्ता) का निर्माण किया जायेगा. यूनिसेफ की सहयोग से चलाये जा रहे इस अभियान का मकसद हैंडपंपों के पास जमा होनेवाले कीचड़युक्त दूषित जल की वजह से होनेवाली बीमारियों से बच्चों को बचाना तो है ही, साथ ही इससे बड़ी मात्रा में भूजल रिचार्च होगा और बच्चे भी साफ-सफाई के इस पहलू से वाकिफ होंगे. माना जा रहा है कि यह अपने तरह का अनूठा विश्व रिकाॅर्ड हो सकता है.
इसके लिए जिला प्रशासन ने गिनीज बुक ऑप वर्ल्ड रिकाॅर्ड और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड से भी संपर्क किया है. अभियान के बारे में बताते हुए सीतामढ़ी के डीएम राजीव रोशन कहते हैं कि हैंडपंप के आसपास जमा कीचड़ और उसमें पनपने वाला लार्वा सेहत के लिए काफी खतरनाक होता है. इससे मलेरिया, चिकेन-गुनिया, एइसी, ब्रेन मलेरिया जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं.
मगर ग्रामीण इलाकों में लोगों में साफ-सफाई के इस पहलू को लेकर उदासीनता रहती है. इस संबंध में बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है. हमने यह अभियान इसलिए चलाया है कि स्कूलों में इस तरह के खतरे को तो रोका जाये ही, साथ ही लोगों तक संदेश भी पहुंचे कि हमें हैंडपंप के पास की गंदगी को इग्नोर नहीं करना है.
अभियान के बारे में बताते हुए रोशन कहते हैं कि इसकी खासियत यह होगी कि सभी सोख्ते खुद स्कूल के शिक्षक और छात्र मिल कर तैयार करेंगे और यह दो से चार हजार रुपये के खर्च में तैयार हो जायेगा. इसके लिए किसी अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत नहीं. इतना पैसा हर स्कूल के विकास फंड में रहता ही है.
वे कहते हैं कि इस अभियान के लिए पहले जिला स्तर पर सभी विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया, फिर प्रखंड स्तर पर सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और दो अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है.
हर स्कूल में तैयारी हो रही है कि कैसे विश्व पृथ्वी दिवस से एक दिन पहले इस अनूठे अभियान को एक साथ अंजाम दिया जा सके. जिलाधिकारी कहते हैं कि इस अभियान की प्रेरणा उन्हें नीतीश के सात निश्चयों से मिली है, जिसमें स्वच्छता पर बड़ा जोर है. अभियान में जानबूझ कर बच्चों को शामिल किया गया है, ताकि वे इस बहाने स्वच्छता का पाठ सीख सकें.
इस अभियान में साझीदार यूनिसेफ ने जिला से लेकर प्रखंड स्तर में प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, और तकनीकी सहयोग दिया है. यूनिसेफ के वाटर सेनिटेशन एंड हाइजीन विशेषज्ञ प्रवीण मोरे कहते हैं, इस अभियान से भूजल रिचार्ज और जलजनित रोगों से मुक्ति तो मिलेगी ही, साथ ही हमें उम्मीद है कि स्कूलों के बच्चे अपने परिजनों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करेंगे और उत्तर बिहार की इस बड़ी समस्या से निजात पाया जा सकेगा.

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