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हैंडपंप खराब, बिजली भी नहीं, बच्चे पढ़ें तो कैसे

गरमी में सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पटना : एक ओर सरकार प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए विद्यालयों में सौ फीसदी नामांकन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. पर, स्थिति यह है कि उन स्कूलों में बच्चों के लिए न तो क्लास रूम की सुविधा है और न ही पीने के […]

गरमी में सरकारी स्कूलों की दुर्दशा
पटना : एक ओर सरकार प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए विद्यालयों में सौ फीसदी नामांकन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. पर, स्थिति यह है कि उन स्कूलों में बच्चों के लिए न तो क्लास रूम की सुविधा है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था. इस भीषण गरमी में कई स्कूलों में बिजली की व्यवस्था तक नहीं है. बच्चे स्कूलों में नामांकन तो ले लेते हैं, पर पढ़ाई करें तो कैसे?
बढ़ती गरमी और शुष्क हवाएं लोगों का हलक सुखा रही हैं. स्कूलों में पढ़ाई करने वाले नौनिहालों का बुरा हाल है. बच्चों की प्यास बुझाने के लिए लगे हैंडपंप प्यास बुझाने के बजाय हांफ रहे हैं. पानी के लिए वे कभी वे मंदिरों में तो, कभी सड़क किनारे लगे नलों का सहारा ले रहे हैं.
चुनाव खत्म, तो बिजली कनेक्शन भी खत्म: चुनाव के समय करीब 300 स्कूलों में बिजली का इंतजार किया गया था. लेकिन चुनाव खत्म होते ही यह कनेक्शन भी कट गया है. कुछ स्कूलों में बिजली तो है पर पंखा नहीं है. ऐसे में शिक्षक और छात्र दोनों परेशान हो रहे हैं.
सप्लाइ वाटर पर निर्भर 450 बच्चे: राजकीय अलकापुरी मध्य विद्यालय, गर्दनीबाग में 450 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन इन बच्चों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. एक हैंडपंप है, वह भी खराब स्थिति में है. शिक्षकों के प्रयास से कैंपस में सप्लाइ वाटर लगाये गये हैं. हालांकि वह पानी भी बदबूदार और गंदा है.
यहां स्थिति खराब
राजकीय मध्य विद्यालय बाकरंगज, प्राथमिक विद्यालय अंटाघाट, लालजीटोला स्थित कन्या मध्य विद्यालय, पटना हाइ स्कूल, राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय फुलवारी समेत कई विद्यालयों में हैंडपंप खराब हैं. यहां न तो पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था है और न इसे ठीक करने का प्रयास किये जा रहे हैं.
इससे बच्चे गरमी में प्यास नहीं बुझा पा रहे हैं. इतना ही नहीं, इन विद्यालयों में बिजली भी नहीं है. इससे बच्चे बिना पंखे के क्लास रूम में पढ़ने काे मजबूर हैं.विद्यालय के शिक्षकों की मानें तो गरमी में बच्चे जैसे ही पानी देखते हैं, वैसे ही टूट पड़ते हैं. सप्लाइ पानी पूरी तरह से पीने योग्य नहीं है. इससे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. प्राथमिक विद्यालय अंटाघाट के प्रधानाध्यापिका चंचला कुमारी बताती हैं कि 70 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इनके लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.
अपना भवन तक नहीं
स्कूल का अपना भवन नहीं है. पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से गरमी में परेशानी होती है. इसके अलावा बिजली अौर शौचालयों की भी कमी है. सप्लाइ वाटर से किसी तरह से काम चलाया जा रहा है. यह 350 बच्चों को लिए यह पर्याप्त नहीं है.
राजवंशी सिन्हा, प्रधानाध्यापक, कन्या मध्य विद्यालय, शरीफा, पटना सिटी

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