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जनता दरबार : सीएम से की फरियाद, घर उजड़ने से बचा लीजिए मुख्यमंत्री जी
संतोषा अपार्टमेंट के तोड़े जाने के खिलाफ लोगों ने सीएम से की फरियाद संतोषा अपार्टमेंट के लोगों ने कहा कि दूसरों की गलती की सजा उन्हें न दी जाये. पटना : मुख्यमंत्री जी, हमलोगों का घर उजड़ने से बचा लीजिए. अब हम लोग कहां जायेंगे. दूसरे की गलती की सजा हमें भुगतने ना दें. कुछ […]
संतोषा अपार्टमेंट के तोड़े जाने के खिलाफ लोगों ने सीएम से की फरियाद
संतोषा अपार्टमेंट के लोगों ने कहा कि दूसरों की गलती की सजा उन्हें न दी जाये.
पटना : मुख्यमंत्री जी, हमलोगों का घर उजड़ने से बचा लीजिए. अब हम लोग कहां जायेंगे. दूसरे की गलती की सजा हमें भुगतने ना दें. कुछ इस अंदाज में राजधानी स्थित संतोषा अपार्टमेंट की फरियादियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में फरियाद की. सुमन अरोडा़, शकुंतला अग्रवाल समेत छह महिलाओं का एक प्रतिनिधिमंडल संतोषा अपार्टमेंट नहीं तोड़ने की फरियाद लेकर पहुंचा. इनका कहना था कि संतोषा अपार्टमेंट की तरह ही मुंबई में कैंपा कोला का केस था. उस मामले में राज्य सरकार ने हस्तक्षेप कर लोगों को रिलीफ दिलवायी थी.
अब हमलोगों इस अपार्टमेंट में 18 सालों से रह रहे हैं. बिजली, पानी समेत सारा खर्च देते हैं. यहां तक कि अगल-बगल में बड़ी बिल्डिंग हैं, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं होती है. जो पैसा था उसे केस लड़ने में खर्च कर दिया है. इसमें करीब 250-300 लोग रहते हैं. भूकंप की वजह से पिछले साल इसमें दरार आ गयी है. अगर ऊपर से इसे तोड़ा जायेगा तो नीचे के फ्लैट पर इसका असर होगा. मुख्यमंत्री ने इस मामले के कोर्ट में होने के कारण कुछ करने से इनकार किया है.
एक ही फ्लैट को दो लोगों को कर दी रजिस्ट्री : पटना के रुकनपुरा से आयी रीता कुमारी ने बताया कि लवकुश अपार्टमेंट के लिए बिल्डर ने आठ साल पहले आठ लाख रुपये लिये. रजिस्ट्री भी की, लेकिन बाद में उसी फ्लैट के एक डीएसपी को रजिस्ट्री कर दी. इसके बाद से फ्लैट पर कब्जा नहीं हो पा रहा है.
इसको लेकर उनके पति छह बार जनता दरबार में आ चुके हैं, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री ने इस मामले को देखने का निर्देश दिया. इसके बाद पटना के सिटी एसपी चंदन कुशवाहा ने बताया कि पटना नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने उन महिला के पक्ष में फैसला दिया है, जबकि दूसरा पक्ष सिविल कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले चुका है.
जलाया दो बल्ब, बिल आया 11 हजार : नौबतपुर के रामस्वरूप ने मुख्यमंत्री के पास बिजली बिल माफ कराने की फरियाद की. उन्होंने बताया कि उनकी झोंपड़ी में दो बल्ब जलता है और 11 हजार का बिल आ गया है. मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को इस मामले पर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
नहीं किया सेवा समंजन : नवगछिया से आये नंद मोहन शर्मा ने कहा कि वे सिंचाई विभाग के 1981 से काम कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने भी उनकी सेवा समंजन करने के लिए लिखा, लेकिन उनका नहीं किया गया और उनसे जूनियर पदाधिकारियों का कर दिया गया. जल संसाधन विभाग ने इस पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. वहीं, गया के नीमचक बथानी से आये सुरेंद्र यादव ने कहा कि जनवरी महीने में ही उनके यहां आग लग गयी, लेकिन अब तक मुआवजा की राशि उन्हें नहीं मिली है.
प्रोमोशन का अब तक नहीं मिला लाभ : फतुहा के छोटू ठाकुर वीएसडब्ल्यू से 1996 में रिटायर हुए, लेकिन प्रोमोशन का लाभ उन्हें अब तक नहीं दिया गया है. वे कई बार जनता दरबार में आ चुके हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन दे दिया जाता है कि अब हो जायेगा, लेकिन प्रोमोशन नहीं मिलने से पेंशन की राशि में बढ़ोतरी नहीं हो रही है.
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