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निरीक्षण के बाद भी सुधार नहीं
पटना : रेल से सफर करने वाले यात्रियों को ट्रेन व प्लेटफाॅर्म पर शुद्ध व ठंडा पानी मिले, इसको लेकर प्रमुख मुख्य इंजीनियर, हाजीपुर प्रवीण कुमार मिश्रा ने रविवार को औचक निरीक्षण किया था. वे पटना जंकशन, राजेंद्र नगर टर्मिनल व पाटलिपुत्र जंकशन पहुंचे थे. राजधानी एक्सप्रेस में एक यात्री के हाथ रेल नीर नहीं […]
पटना : रेल से सफर करने वाले यात्रियों को ट्रेन व प्लेटफाॅर्म पर शुद्ध व ठंडा पानी मिले, इसको लेकर प्रमुख मुख्य इंजीनियर, हाजीपुर प्रवीण कुमार मिश्रा ने रविवार को औचक निरीक्षण किया था.
वे पटना जंकशन, राजेंद्र नगर टर्मिनल व पाटलिपुत्र जंकशन पहुंचे थे. राजधानी एक्सप्रेस में एक यात्री के हाथ रेल नीर नहीं देख कर भड़के भी थे. इसके बाद आस जगी कि हालात में कुछ सुधार होगा. लेकिन सोमवार दोपहर में जब दोपहर दोबारा से प्रभात खबर की टीम पटना जंकशन पहुंची, तो वहां का हाल पहले जैसा ही था. कई नलों में पानी का प्रेशर कम था. इस कारण से यात्रियों को प्लेटफाॅर्म पर पानी भरने में परेशानी हो रही थी.
यह है हाल
पानी के लिए यात्रियों को सबसे अधिक प्लेटफॉर्म नंबर पांच, नौ और आठ पर परेशान होना पड़ता है. इन प्लेटफॉर्म पर कई जगह नल नहीं है. जहां नल है, वहां प्रेशर नहीं है. यात्रियों को सुविधा मिले और गरमी में पानी की कमी नहीं हो, इसको लेकर हर दिन मुख्यालय में बैठक होती है, लेकिन नतीजा स्टेशन या ट्रेनों में नहीं दिखता है.
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
राजधानी एक्सप्रेस सहित अन्य सुपर फास्ट ट्रेनों में बोतलबंद पेयजल की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में पहले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. कई बार रेलवे के अधिकारियों पर भी कार्रवाई भी हो चुकी है. एक जांच में खुलासा हुआ था कि रेेल अधिकारियों की मिलीभगत से रेल नीर लेने की जगह कुछ निजी फर्मों को ट्रेनों में पानी आपूर्ति करने की इजाजत दे दी गयी थी. इससे सरकारी खजाने को तकरीबन 6.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
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