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नौ महीने बाद भी बिहार को नहीं मिली पैकेज की राशि!
कौशिक रंजन पटना : पिछले वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान आरा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी. राज्य के वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने बताया कि राज्य को इस पैकेज में कोई रुपये मिलने की […]
कौशिक रंजन
पटना : पिछले वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान आरा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी. राज्य के वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने बताया कि राज्य को इस पैकेज में कोई रुपये मिलने की जानकारी नहीं है.
इस पैकेज में राज्य को किसी तरह की कोई सहायता अभी तक नहीं मिली है. पिछले साल अगस्त महीने में की गयी यह घोषणा आज तक जमीन पर नहीं उतर पायी है. नौ महीने गुजरने के बाद भी राज्य को इस विशेष पैकेज में एक चवन्नी तक नहीं मिली है. राज्य सरकार ने कई बार विशेष पैकेज देने की मांग भी की है, लेकिन केंद्र की तरफ से किसी तरह का कोई जवाब नहीं आया.
प्रधानमंत्री ने जिस समय स्पेशल पैकेज की घोषणा की थी उस समय वित्तीय वर्ष 2015-16 चल रहा था. वित्त विभाग के सूत्र बताते हैं कि 2015-16 में पैकेज का एक रुपया नहीं मिला, मौजूदा वत्तिीय वर्ष 2016-17 में भी अभी तक केंद्र की तरफ से कोई पहल नहीं हुई है. इस पैकेज में राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को समाहित किया गया था, जिसमें बरौनी रिफाइनरी कारखाने का वस्तिार, पटना-बक्सर एनएच समेत अन्य कई अहम प्रोजेक्ट शामिल हैं.
केंद्रीय कर और ग्रांट में ही सिर्फ मिले रुपये : वित्त विभाग से
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य को केंद्रीय करों में हस्सिेदारी के तौर पर 50 हजारकरोड़ से ज्यादा रुपये मिलने थे, लेकिन इसमें 48 हजार करोड़ से थोड़ा ज्यादा रुपये ही मिले. वहीं, केंद्र से ही 18 हजार करोड़ रुपये ग्रांट के रूप में मिलने थे, जिसमें पूरे रुपये मिल गये हैं.
इन दोनों के अलावा केंद्र से किसी तरह की कोई अतििरक्त सहायता या रुपये नहीं प्राप्त हुए हैं. चालू वर्ष मेंअभी तक किसी तरह की कोई सहायता केंद्र से नहीं आयी है. न ही स्पेशल पैकेज देने से संबंधित ही कोई जानकारी आयी है.
85 फीसदी रुपये केंद्र को ही करना था खर्च : केंद्र की तरफ से 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की जो घोषणा की गयी है. उसमें 85
फीसदी रुपये सीधे केंद्र सरकार या केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से ही खर्च होना था. इसमें महज 15 फीसदी (करीब 19 करोड़) रुपये ही राज्य के माध्यम से खर्च करने का प्रावधान किया गया है.
1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में सबसे ज्यादा रुपये 54 हजार 713 करोड़ रुपये राज्य में दो हजार 775 किमी एनएच और ब्रिज बनाने के लिए देना प्रस्तावित है.
बिजली क्षेत्र में 16 हजार 130 करोड़ रुपये की मदद से विद्युतीकरण करने का प्रस्ताव है.किसानों के लिए 3 हजार 094 करोड़ रुपये मिलना है. शिक्षा में एक हजार करोड़ की अतिरक्ति सहायता है. पटना, गया, रक्सौल व पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने की भी योजना है.
2013 में 8 हजार करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने की घोषणा. थी, इसे बढ़ाकर 40 हजार करोड़ करने की भी घोषणा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो विचारधारा है, उससे मैं सहमत नहीं हूं. वह देश के प्रधानमंत्री हैं, उनकी इज्जत है. पीएम ने बिहार आकर 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा की. इस पद की गरिमा के मुताबिक यह जरूरी यह है कि उनके खिलाफ कोई अंगुली नहीं उठाये. उन्हें इस मामले में किसी तरह का झूठ नहीं बोलना चाहिए.
ब्दुल बारी िसद्दीकी, वित्त मंत्री,बिहार
इन क्षेत्रों में इतने रुपये देने की घोषणा
हाइवे 54,713
पेट्रोलियम और गैस 21,476
बिजली 16,130
ग्रामीण सड़क 13,820
रेलवे 8,870
एयरपोर्ट 2,700
किसानों के लिए 3,094
कौशल विकास 1,550
शक्षिा 1,000
स्वास्थ्य 600
पर्यटन 600
डिजिटल बिहार 440
(सभी आंकड़े करोड़ में)
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