अस्पताल के डॉक्टरों की मानें, तो शराबबंदी कानून से पहले आइजीअाइएमएस में सात से आठ मरीज लिवर की परेशानी से ग्रस्त आते थे. वहीं, पीएमसीएच में रोजाना ऐसे 12 से 13 मरीज आ रहे थे. लेकिन, पिछले 15 दिनों में आइजीआइएमएस में 13 से 14 मरीज, जबकि पीएमसीएच में 16 से 20 लिवर के मरीज आ रहे हैं. .
Advertisement
शराबबंदी: नशा छोड़ने के बाद अस्पताल पहुंच रहे लोग, पांच फीसदी बढ़ गये मरीज
पटना: बिहार में शराबबंदी के बाद शहर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पूरी तरह से शराब की लत में डूबे रहनेवाले मरीजों के हेल्थ में परेशानी देखने को मिल रही है. राजधानी के पीएमसीएच और आइजीआइएमएस में लिवर व आंख के मरीज अधिक आ रहे हैं. ये वे मरीज हैं, […]
पटना: बिहार में शराबबंदी के बाद शहर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पूरी तरह से शराब की लत में डूबे रहनेवाले मरीजों के हेल्थ में परेशानी देखने को मिल रही है. राजधानी के पीएमसीएच और आइजीआइएमएस में लिवर व आंख के मरीज अधिक आ रहे हैं. ये वे मरीज हैं, जो शराबबंदी कानून से पहले भारी मात्रा में शराब का सेवन कर रहे थे.
आंखों में भारीपन : कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जो आंखों में भारीपन और आंख लाल होने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील सिंह की मानें, तो एकाएक शराब बंद होने की वजह से मरीजों की आंखों में लालिमा और आंखों के भारीपन आने की शिकायत मिल रही है. उन्होंने बताया कि कई ऐसे मरीज थे, जो रात में शराब का सेवन करने के बाद नींद ले रहे थे. अब उन मरीजों को शराब नहीं मिलने की वजह से नींद की परेशानी उभर गयी. नींद नहीं आने की वजह से आंखें लाल और भारीपन की समस्या हो रही है.
कम उम्र में ही शुरू होने लगी है समस्या
10 साल पहले शराब का सेवन करनेवाले लोगों को जो समस्या जीवन के अंतिम पड़ाव में शुरू हुआ करती थी, वह आज कम उम्र में ही शुरू होने लगी है. शराब पीनेवाले ऐसे नवयुवकों की संख्या बढ़ी है, जिन्हें खून की उल्टी व कोमा में जाने की समस्या हुई है. इसके मरीज भी दो से तीन गुना बढ़े हैं. उनको दवा दिया जा रहा है.
डॉ मनीष मंडल, आइजीआइएमएस
एके सेन, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement