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सात सालों में दोगुनी से अधिक बढ़ी लागत, फिर भी नहीं मिला शुद्ध जल
पेयजल. 18 वार्डों के लिए नयी एजेंसी की चयन प्रक्रिया शुरू जलापूर्ति योजना का प्रोजेक्ट कॉस्ट 420 करोड़ से बढ़ कर 927 करोड़ रुपये हो गया है. इसके बावजूद पेयजल की समस्या जस की तस है. पटना : राजधानी में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए बनाये गये पटना वाटर प्रोजेक्ट की लागत […]
पेयजल. 18 वार्डों के लिए नयी एजेंसी की चयन प्रक्रिया शुरू
जलापूर्ति योजना का प्रोजेक्ट कॉस्ट 420 करोड़ से बढ़ कर 927 करोड़ रुपये हो गया है. इसके बावजूद पेयजल की समस्या जस की तस है.
पटना : राजधानी में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए बनाये गये पटना वाटर प्रोजेक्ट की लागत सात साल में दोगुनी से अधिक बढ़ गयी है. भारत सरकार की नुरूम योजना के तहत वर्ष 2008 में 420 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ.
लेकिन, 100 करोड़ रुपये के खर्च के बावजूद एक घर तक भी पानी नहीं पहुंच सका. मौजूदा स्थिति में इसका प्रोजेक्ट खर्च बढ़ कर 927 करोड़ रुपये हो गया है. एजेंसी से काम वापस लिए जाने के डेढ़ साल बाद बुडको प्रशासन ने फिलहाल 18 वार्डों में कार्य पूरा करने के लिए टेंडर निकाल कर नयी एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू की है.
अब दो भागों में पूरी होगी योजना : नगर आवास विकास विभाग ने अब योजना को दो भागों में पूरा करने का निर्णय लिया है.
पहले भाग में गैमन इंडिया द्वारा किये गये आधे-अधूरे काम को पूरा किया जायेगा. दूसरे भाग में निगम बोर्ड अपने स्तर से काम पूरा करायेगा. विभाग ने योजना के पहले हिस्से को पूरा करने की जिम्मेवारी बुडको को दी है. बुडको 171.70 करोड़ की लागत से निगम क्षेत्र के 18 वार्डों में बने आधे-अधूरे जलमीनार टावरों का निर्माण कार्य पूरा करने के साथ साथ जलापूर्ति पाइप बिछायेगा.
फिलहाल ग्राउंड वाटर ही किया जायेगा सप्लाइ : पटना जलापूर्ति योजना के तहत राजधानीवासियों को गंगाजल व ग्राउंड वाटर घर-घर पहुंचाना था. गंगा पानी को प्योरिफाइ करने के लिए दीघा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया, जो आधा-अधूरा निर्मित है. हालांकि, इस योजना के अधर में लटकने के बाद वर्तमान में ग्राउंड वाटर ही सप्लाइ करने की योजना तैयार की गयी है.
89 किमी पाइप लाइन: नगर निगम के 18 वार्डों में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 89 किलोमीटर पाइप लाइन की डीपीआर तैयार की गयी है. इसमें पूर्व में योजना पर काम कर चुके गैमन इंडिया ने इन वार्डों में जलमीनार बनाने के साथ साथ 33 किमी पाइप लाइन भी बिछा दी है. अब 55.34 किमी पाइप लाइन बिछाना है और जल मीनार टावर का निर्माण किया जाना है. इस पर 171.70 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
इन स्थानों पर बनेगी जलमीनार
राजाबाजार, शेखपुरा, एसके पुरी, एसके नगर, अदालतगंज, अंटा घाट, कतरा, मीना बाजार, मंगल तालाब, दीदारगंज, खांजेकला, मीठापुर रोड नंबर-10, गर्दनीबाग रोड नंबर-15, बेऊर जेल के समीप, करबिगहिया, एमआइजी सेक्टर-सात, लोहिया नगर और बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी सेक्टर-छह.
एक नजर में योजना
2012 में लागत 537 करोड़ रुपये
24 माह में प्रोजेक्ट करना था पूरा
18 स्थानों में शुरू किया गया था जलमीनार बनाने का कार्य
मौजूदा स्थिति
18 वार्डों में सप्लाइ की योजना
171.70 करोड़ किये जायेंगे खर्च
33.34 किमी पाइप लाइन बिछेगी
927 करोड़ रुपये हो गयी है योजना की लागत
फिर भी कायम रहेगी पेयजल समस्या
इस योजना के पूरा होने के बाद भी राजधानी में पीने के पानी की समस्या से निजात नहीं मिलेगी. इसकी वजह है कि शेष 54 वार्डों में योजना कैसे और कौन पूरा करायेगा इसको लेकर विभागीय स्तर पर निर्णय लिया जाना शेष है. अभी सिर्फ 18 वार्डों यानी एक चौथाई हिस्से में ही कामपूरा होगा.
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