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कहीं चेक कांड की तरह न हश्र हो इस गबन का

सुमित पटना : जिला कल्याण शाखा से 1.38 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में तीन क्लर्कों पर एफआइआर व एक डीपीओ पर विभागीय कार्रवाई कर भले ही जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन अगर इस मामले की सही तरीके से पुलिसिया जांच नहीं हुई तो इसका हश्र भी ‘ चेक कांड ‘ […]

सुमित
पटना : जिला कल्याण शाखा से 1.38 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में तीन क्लर्कों पर एफआइआर व एक डीपीओ पर विभागीय कार्रवाई कर भले ही जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन अगर इस मामले की सही तरीके से पुलिसिया जांच नहीं हुई तो इसका हश्र भी ‘ चेक कांड ‘ जैसा होगा.
करीब डेढ़ साल पहले कुछ लोगों ने जिला योजना शाखा व जिला कल्याण शाखा से चेक के जरिये 04 करोड़ 42 लाख 65 हजार रुपये की फर्जी निकासी की थी, लेकिन उस मामले में न तो अब तक किसी को सजा हुई न ही कोई सरकार का यह पैसा ही वापस हो पाया है. मामले में बनाये गये तमाम अभियुक्त जेल के बाहर हैं और सरकारी पैसा उनकी पेट के अंदर.
आरोपित छूटा, नाजिर भी पदस्थापित : जिला योजना शाखा से 3.56 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में प्रशासन ने तत्कालीन नाजिर वीरेंद्र कुमार, पूर्व नाजिर विकास कुमार व अनुसेवी जगदीश प्रसाद को अभियुक्त बनाया था. जांच में चेक की निकासी के दस आरोपित पर भी नामजद प्राथमिकी हुई थी. पर, फिलहाल सभी अभियुक्त जेल के बाहर हैं. धनबाद से गिरफ्तार हुए मास्टरमाइंड बंटी की जमानत हो चुकी है, जबकि तत्कालीन पूर्व व वर्तमान नाजिर भी जिला समाहरणालय से पदस्थापित हो चुके हैं.
कल्याण शाखा से छात्रवृत्ति राशि की हुई थी निकासी
उस वक्त कल्याण शाखा के 12 चेक के माध्यम से 86.65 लाख रुपये की अवैध निकासी हुई थी. इस मामले में नाजिर विजय कुमार राय को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई के लिए प्रपत्र क गठित किया गया था.
मगर उसका भी पदस्थापन हो गया है. राशि की निकासी बैंक ऑफ इंडिया की रांची मुरादपुर ब्रांच से हुई थी. मामले के बाद तत्कालीन डीएम डॉ सरवण कुमार ने फर्जी निकासी से निबटने को लेकर कई नियम बनाये थे, मगर विभाग से जुड़े मास्टर माइंड लोगों ने फर्जीगिरी का तोड़ निकाल ही लिया. पुराने गबन मामले में कई लोगों का नाम सामने आया था, जिसके नाम पर खाते से रकम की निकासी हुई थी. इसमें चेन्नई के टी महादेवन व धनबाद के भूपेंद्र सिंह चोपड़ा उर्फ बंटी सिंह को किंगपिन कहा गया था. इनके कहने पर ही बाकी लोगों ने अपने खाते में चेक डाल कर उसे भुनाया था. लेकिन सबूत रहते हुए भी पुलिस इस मामले में आगे बढ़ कर कार्रवाई कर सकी.
इनसे वसूलिए रकम
टी महादेवन, पिता आर तानू कृष्णन, चेन्नई
श्री निवासन, चेन्नई
विकास माड्या, वाना स्ट्रीट, चेन्नई
उपेंद्र कुमार, बलिया यूपी
भूपेंद्र सिंह चोपड़ा उर्फ बंटी सिंह, सुदामडीह, धनबाद
अजय कुमार, टाटानगर
पवन मिश्रा, पटना
साशिम, दिल्ली
राजेश, दिल्ली
मेसर्स भैरव इंफो
तीन चेकों से हुई थी अवैध निकासी
उस मामले में योजना शाखा के 3.56 करोड़ रुपये की निकासी तीन चेक के जरिये हुई थी. इनमें दो चेक चेन्नई की आंध्रा बैंक व बड़ौदा शाखा में जबकि तीसरा चेक बैंक ऑफ बड़ौदा की धनबाद शाखा में भुनाया गया था. चेन्नई में यह राशि पेंटागन ग्लोबल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के एमडी टी महादेवन और धनबाद में सोमनाथ व गुरू के नाम से भुनायी गयी थी. बावजूद इनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई

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