हाल रामलखन सिंह यादव हाइस्कूल का
पटना : इस स्कूल के पास कई खेलों के सामान हैं. खेलने के लिए खिलाड़ी भी हैं. लेकिन जब खेल का मैदान ही नहीं है, तो फिर खेल-कूद के फंड मिलने से भी क्या होगा? कुछ ऐसा ही हाल पुनाईचक स्थित रामलखन सिंह यादव हाइस्कूल का है.
इस स्कूल के पास भवन भी है, विद्यार्थी भी है, पर्यावरण को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल का अपना इको क्लब भी है, लेकिन मैदान नहीं होने के कारण स्कूल प्रशासन को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं.
सड़क किनारे ही है मेन गेट : सड़क किनारे ही स्कूल का मेन गेट है. जब स्कूल खुलने और बंद होने का टाइम होता है, तो स्टूडेंट की काफी भीड़ लग जाती है. छात्र-छात्राओं को साइकिल लगाने के लिए भी जगह नहीं है. क्लास के बाहर ही साइकिलें लगा दी जाती हैं.
स्कूल के मेन गेट से प्रवेश करने के बाद थोड़ा-सा रास्ता बचता है, उसके बाद क्लास का गेट शुरू हो जाता है. एक साथ तमाम विद्यार्थी क्लास रूम के बाहर खड़े हो जायें, तो भीड़ जैसी स्थिति हो जाती है. प्ले ग्राउंड नहीं रहने से खेल-कूद के लिए मिलनेवाले फंड भी खर्च नहीं हो पाते हैं. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा विभाग को भी कई बार लिखा गया, पर कुछ नहीं हुआ. इसके कारण स्कूल को अपना फंक्शन भी बाहर के किसी हॉल या दूसरे विद्यालयों में आयोजित करना पड़ता है.