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निगम प्रशासन की अनदेखी से लटका कचरा प्रबंधन

पटना: नियमित कचरे का उठाव नहीं होने व जगह-जगह कूड़े का अंबार देख पिछले दिनों हाइकोर्ट ने निगम प्रशासन को फटकार लगायी थी व कहा था कि नियमित कचरे का उठाव सुनिश्चित करें. इसे लेकर निगम ने आनन-फानन में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन की योजना बनायी. एजेंसी को आउटसोर्स करने के लिए […]

पटना: नियमित कचरे का उठाव नहीं होने व जगह-जगह कूड़े का अंबार देख पिछले दिनों हाइकोर्ट ने निगम प्रशासन को फटकार लगायी थी व कहा था कि नियमित कचरे का उठाव सुनिश्चित करें. इसे लेकर निगम ने आनन-फानन में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन की योजना बनायी.

एजेंसी को आउटसोर्स करने के लिए टेंडर निकाला गया और प्री-बिड बैठक की गयी. इसमें भाग लेनेवाली दर्जन भर नामचीन एजेंसियों ने योजना की सेवा-शर्त में सुधार करने को कहा था, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी उसमें सुधार नहीं किया गया. ये सब है योजनाएं : निगम क्षेत्र से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने के बाद उसे बैरिया स्थित डंपिंग यार्ड में पहुंचाया जाना है. साथ ही वहां कचरा रिसाइकिलिंग प्लांट भी लगाया जाना है. प्लांट लगाने का काम बिहार अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रा लि (बुडको) के जिम्मे है.

वहीं, निगम को एजेंसी के चयन के साथ ट्रांसपोर्टेशन के लिए वाहनों की खरीदारी करना है.क्यों हो रहा है विलंब : निगम ने इससे पहले कोई बड़ा या ग्लोबल टेंडर नहीं निकाला था.टेंडर की तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए निगम प्रशासन के पास टेक्नीशियन भी नहीं है. इसके चलते अब तक सेवा-शर्त में संशोधन नहीं किया जा सका है. सेवा-शर्त में जब तक संशोधन नहीं होगा, तब तक कोई एजेंसी टेंडर नहीं डालेगी. एजेंसी की क्वेरीज को भी बतानेवाला कोई नहीं है. इन सबके कारण योजना को धरातल पर उतारने में विलंब हो रही है.

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