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निफ्ट, एनआइडी और आर्किटेक्चर की तैयारी के लिए आरएफएस द्वारा नये बैच का आरंभ

निफ्ट, एनआइडी और आर्किटेक्चर की तैयारी के लिए आरएफएस द्वारा नये बैच का आरंभ- एनआइडी टाॅपर ज्योति आनंद द्वारा छात्रों को नये बैच में बेहतरीन मार्गदर्शन का मौकापटना. आरएफएस के चेयरमैन प्रो राज चित्रकार ने बताया कि निफ्ट, एनआइडी और आर्किटेक्चर की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए आरएफएस द्वारा नये बैच का आरंभ 11 […]

निफ्ट, एनआइडी और आर्किटेक्चर की तैयारी के लिए आरएफएस द्वारा नये बैच का आरंभ- एनआइडी टाॅपर ज्योति आनंद द्वारा छात्रों को नये बैच में बेहतरीन मार्गदर्शन का मौकापटना. आरएफएस के चेयरमैन प्रो राज चित्रकार ने बताया कि निफ्ट, एनआइडी और आर्किटेक्चर की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए आरएफएस द्वारा नये बैच का आरंभ 11 अप्र्र्रैल से बोरिंग रोड स्थित सुमति पैलेस में किया जायेगा. यदि बिहारी छात्र-छात्राएं क्रिएटिविटी के क्षेत्र में कलात्मक व सृजनात्मक सोच रखते हैं तो बिहारी प्रतिभाओं को आरएफएस जरूर मौका देना चाहेगा ताकि बिहारी छात्र-छात्राएं भी डिजाइन व आर्किटेक्चर के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर सकें. इस संदर्भ में प्रो राज का कहना है कि ‘यदि बच्चे सात से आठ महीने पूरी लगन से कड़ी मेहनत करें, तो निफ्ट, एनआइडी या आर्किटेक्चर के क्षेत्र में टाॅप रैंक के साथ सफलता पा सकते हैं. आरएफएस इस बाबत अपने संस्थान में चल रहे बारह फैकल्टी द्वारा नये-नये तकनीक एवं स्टडी मैटरियल उपलब्ध कराकर छात्रों को बेहतरीन मार्ग दर्शन करता है. यहां छात्र-छात्राओं का दाखिला तुलनात्मक रूप से काफी कम फीस में लिया जाता है और बच्चे परीक्षा में जब तक सफल नहीं हो जाते, तब तक उन्हें पढ़ाया जाता है. इसी वजह से आरएफएस का रिजल्ट प्रायः शत-प्रतिशत रहता है. बच्चों को परफॉर्मेंस के आधार पर जेनरल ग्रुप, एचीवर ग्रुप एवं विनर ग्रुप में बांट कर पढ़ाया जाता है. आज आरएफएस इस मुकाम पर पहुंच चुका है कि बच्चे दिल्ली, नेपाल, कोलकाता, पंजाब, नागालैंड जैसे शहरों से शिक्षा लेने के लिए आते हैं. ज्यादातर बच्चे उस घरों से आते है, जहां पहले से ही उस घर में आरएफएस से सफल छात्र-छात्राओं का रिजल्ट हो चुका है. ये तो लगातार कड़ी मेहनत का प्रतिफल है. प्रो राज ने बताया कि यदि किसी कारण से आरएफएस के बच्चे निफ्ट और एनआइडी प्रवेश परीक्षा में असफल रह जाते हैं, तो ऐसे बच्चों को सिम्बाॅसिस, बीआर्क एवं नाटा की प्रवेश परीक्षा की तैयारी निःशुल्क कराई जाती है. यही कारण है कि आरएफएस में पढ़ने के इच्छुक बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती आ रही है. प्रो राज की बिहारी छात्रों को सलाह है आरएफएस में डिजाइन एवं आर्किटेक्चर के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए जोर आजमाइश करना चाहिए, क्योंकि भूमंडीकरण के इस दौर में मंदी का प्रभाव भले ही आइटी व अन्य सेक्टर पर पड़ा हो पर डिजाइनिंग व आर्किटेक्चर का क्षेत्र इससे अछूता रहा है.

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