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पूर्ण बंदी में भी मिली 4320 बोतल देशी शराब

शराबबंदी. मालसलामी पुलिस ने गुप्त सूचना पर की कार्रवाई, झाड़ी में शराब का किया गया था भंडारण सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी अवैध ढंग से भंडारण की गयी 90 कार्टन शराब को मालसलामी पुलिस ने बुधवार को जब्त किया, जिनमें 4320 बोतलें हैं. पटना सिटी : सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू […]

शराबबंदी. मालसलामी पुलिस ने गुप्त सूचना पर की कार्रवाई, झाड़ी में शराब का किया गया था भंडारण
सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी अवैध ढंग से भंडारण की गयी 90 कार्टन शराब को मालसलामी पुलिस ने बुधवार को जब्त किया, जिनमें 4320 बोतलें हैं.
पटना सिटी : सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद अवैध ढंग से भंडारण किये गये 90 कार्टन शराब को मालसलामी पुलिस ने बुधवार को जब्त किया , जो लगभग 4320 बोतल है. थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि शराब माफियाओं ने दमराही घाट मुहल्ले में झाड़ी के अंदर अवैध ढंग से देसी शराब का भंडारण कर रखा है. इस सूचना के बाद पुलिस टीम ने छापेमारी की. जहां पर अवैध ढंग से 90 कार्टन में भंडारण की गयी देसी शराब जब्त की गयी.
थानाध्यक्ष के अनुसार एक कार्टन में देसी शराब की 48 बोतल होती है. पुलिस अब यह पता लगाने में लगी है कि किसकी ओर से शराब भंडारण किया गया है, उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
पूर्ण शराबबंदी को लेकर मनाया विजय दिवस : दिशा नशा विमुक्ति सह पुनर्वास केंद्र की ओर से बुधवार को विजय दिवस मनाया गया, जिसमें नशा से पीड़ित रोगियो के इलाज के लिए संस्था की ओर से 50 बेडों वाले एक पुनर्वास केंद्र सरकार को समर्पित करने का निर्णय लिया गया.
संस्था के सचिव ने बिहार सरकार को पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि संस्था 28 वर्षों से नशा के खिलाफ काम कर रही है. 1988 में कुछ पटना विवि के छात्रों की ओर से यूथ मोबिलाइजेशन फॉर नेशनल एडवांसमेंट, पटना के नशा के खिलाफ अभियान के तहत की गयी थी. इसके तहत पटना में कुल पांच नशा विमुक्ति केंद्र चलाये जा रहे हैं. इसमें करीब 300 से अधिक लोगों का उपचार किया जाता है.
पूर्ण शराबबंदी को लेकर महिलाओं में खुशी : जीविका की प्रखंड परियोजना प्रबंधक शिफा गुप्ता ने पूर्ण शराबबंदी के निर्णय का स्वागत किया है. प्रगति महिला ग्राम संगठन की अर्चना दीदी एवं कंगन महिला ग्राम संगठन की शिव कुमारी देवी के नेतृत्व में घूम -घूम कर महिलाओं ने अबीर-गुलाल लगा कर खुशी मनायी. शिफा गुप्ता ने पूर्णशराब बंदी के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी है.
शराब सहित कारोबारी गिरफ्तार
बख्तियारपुर : सालिमपुर पुलिस ने हिदयातपुर से 250 एमएल की 114 बोतल देसी शराब बरामद की है. शराबबंदी के बाद दुकानदार रामनिवास सिंह अपनी दुकान में गुप्त रूप से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री कर रहा था. पुलिस ने छापेमारी कर कारोबारी रामनिवास सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया .
पटना : शराबबंदी के बाद पीएमसीएच के नेत्र विभाग में 20 बेड का नशा मुक्ति वार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है. यह वार्ड गुरुवार से काम करने लगेगा. फिलहाल एनएमसीएच में 10 बेड का नशा मुक्ति वार्ड चल रहा था. वहां भी 10 बेड बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा आंगनबाड़ी सेविका व आशा को ग्रामीण क्षेत्र से ऐसे लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया है.
पीएचसी स्तर पर बनाया गया काउंसेलिंग सेंटर : नशा मुक्ति वार्ड अभी मेडिकल कॉलेजों में बनाया गया है, लेकिन पीएचसी स्तर तक शराब का सेवन करने वालों की काउंसेलिंग की पूर्ण व्यवस्था की गयी है. आशा व आंगनबाड़ी सेविका को ग्रामीण स्तर पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया है और घर-घर जाकर शराब नहीं पीने से हुए बीमारों को चिह्नित कराना है.
आज प्रधान सचिव करेंगे निरीक्षण : वर्ल्ड हेल्ल्थ डे पर पीएमसीएच परिसर में गुरुवार को मुफत मधुमेह जांच शिविर का आयोजन किया जायेगा और बाकी विभागों में भी मरीजों को बीमारियों के प्रति जागरूक होंगे. पीएमसी प्राचार्य डॉ एन.आर.विश्वास ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान प्रधान सचिव मौजूद रहेंगे और मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेंगे. इसके बाद वह इमरजेंसी व वार्ड का भी निरीक्षण करेंगे. अस्पताल के हर विभाग में एचओडी के माध्यम से कोई ना कोई कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसका लाभ मरीज से अधिक उनके साथ आये परिजनों को मिलेगा.
दवा खरीद की प्रक्रिया हुई तेज : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बुधवार को पीएमसीएच में दवाओं की कमी को लेकर बैठक की. इसमें अधीक्षक व प्राचार्य सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे. फिलहाल अस्पताल के आेपीडी व इमरजेंसी में दवा को लेकर परेशानी है और मरीजों को हर दवा बाहर से लाना पड़ रहा है.
अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने कहा कि अस्पताल में मरीजों को दवा मिले, इसको लेकर समीक्षा की गयी है और दवा की कमी को कैसे दूर किया जाये, इसके बारे में रिपोर्ट तैयार की गयी है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर दवा आये, इसके लिए ड्रग कंट्रोलर को डायरेक्शन दिया गया है.
शराब की तस्करी राेकने के लिए रेल पुलिस ने शुरू की कवायद
पटना : शराब की तस्करी रोकने के लिए रेल पुलिस ने कवायद शुरू कर दी है. खास बात यह है कि बिहार के चार रेल जिला (पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार, जमालपुर) की जीआरपी समन्वय बना कर शराब की तस्करी रोकने के लिए प्रयास कर रही है. इसके लिए हाइटेक व्यवस्था की जा रही है.
इस व्यवस्था के लिए पहले ही रेल पुलिस की ओर से प्रस्ताव भेजा जा चुका था और धीरे-धीरे वे सामान मिल रहे है. बिहार की रेल पुलिस के लिए दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी को रोकना एक तरह से चुनौती भी है. रेल एसपी पीएन मिश्रा ने बताया कि शराब की तस्करी के लिए कई स्तर पर जांच शुरू कर दी गयी है.
रेल आइजी की अध्यक्षता में बनायी गयी है रेलवे समन्वय समिति : शराब की तस्करी को रोकने के लिए रेल आइजी अमित कुमार की अध्यक्षता में रेलवे समन्वय समिति का गठन किया गया है. जिसमें रेल डीआइजी आरएस चौहान, पटना जिला रेल के एसपी पीएन मिश्रा इस्ट सेंट्रल रेलवे के सीसीएम एसके लाल शामिल किये गये है.
इस मुद्दे को लेकर रेलवे समन्वय समिति की बैठक मद्य निषेद्य विभाग के अधिकारियों के साथ भी हो चुकी है. जिसमें शराब तस्करी रोकने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होगी और उसमें कितने खर्च होंगे आदि पर विचार किया जा चुका है. हाइटेक व्यवस्था के तहत रेल पुलिस को लैंडलाइन फोन, मोबाइल फोन, मोबाइल सीम, कंप्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस, जेनरेटर, ड्रगन लाइट, टॉर्च, बैटरी, स्टील कैमरा, बाइक, जीप व सीसीटीवी कैमरा आदि भी दिये जा रहे है.
सीमा पर विशेष नजर : बिहार से सटे नेपाल की सीमा पर चार रेल खंड रक्सौल-बेतिया, रक्सौल-नरकटियागंज-सीतामढ़ी, जयनगर-मधुबनी व जोगबनी-अररिया पर पुलिस की विशेष नजर है.
रेल पुलिस यह संभावना जता रही है कि सूबे में शराब बंदी के बाद नेपाल से रेल के माध्यम से अवैध रूप से शराब लायी जा सकती है.
डॉक्टर साहब! शराब न मिलल, तो खा हतीन भांग
पटना सिटी : डॉक्टर साहब पांच दिन से शराब न मिलल, तो भांग खाये लगथीन हैं, कुछ करहूं ताकि छूट जाये. हाजीपुर से आये 35 वर्षीय युवक के परिजन मरीज की व्यथा कुछ इसी अंदाज में बता रहे थे. मरीज के उपचार में लगे मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ केके सिंह चिकित्सक डॉ गजाला इमाम को निर्देशित करते हैं .दवा लिखने को कहते हैं. परिजनों को भी समझाते हैं, जबकि डॉ विनोद कुमार को मरीज की हिस्ट्री लिखने का निर्देश दिया जाता है.
इसी बीच पीएमसीएच से रेफर होकर आये लगभग 50 वर्षीय मरीज कदमकुआं निवासी हैं, वे दस वर्षों से शराब की चपेट में हैं, वे चक्कर आने, सुस्ती रहने की शिकायत करते हैं. उन्हें लेकर भतीजा कहता है कि शराब नहीं मिलने पर बेचैन हो बेहोश हो गये थे, पीएमसीएच ले गये, वहां दवा चला, अब आपके यहां लाये हैं.
विभागाध्यक्ष कहते हैं, भरती कर देते हैं. भतीजा व मरीज भी स्वीकृति देते हैं. यही बीच लगभग 20 वर्ष का युवक सुल्तानगंज से मां के साथ आता है. हाथ- पांव में कंपन से वो चल नहीं पा रहा है. आवाज में लड़खड़ाहट की स्थिति देख उसे भी भरती किया जाता है. कुछ इसी तरह की स्थिति बुधवार को अगमकुआं स्थित संक्रामक रोग अस्पताल में नशा विमुक्ति इकाई के आउटडोर में बनी थी. बुधवार को अस्पताल में उपचार के लिए हाजीपुर, राघोपुर, कदमकुआं, खुसरूपुर, हनुमान नगर व सुल्तानगंज समेत अन्य जगहों से मरीज आ रहे हैं. चिकित्सक डॉ गजाला बताती हैं कि ज्यादातर मरीज 20 से 45 वर्ष की आयु के हैं.
कुछ मरीज 50 से 60 के बीच में हैं.
बुधवार को ओपीडी में उपचार कराने के लिए आठ मरीज आये. इनमें चार मरीजों को भरती किया गया, जबकि इंडोर में नौ मरीजों का उपचार चल रहा है. इकाई के नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार के स्वास्थ्य विभाग में प्रधान सचिव के यहां बैठक में शामिल होने से ओपीडी में मरीजों को देखने का काम डॉ गजाला इमाम व डॉ विनोद कुमार ने संभाल रखा था. विभागाध्यक्ष खुद मरीजों को देख कनीय चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे. बुधवार को अस्पताल में उपचार के लिए हाजीपुर, राघोपुर, कदमकुआं, खुसरूपुर, हनुमान नगर व सुल्तानगंज समेत अन्य जगहों से मरीज आ रहे हैं. चिकित्सक डॉ गजाला बताती हैं कि ज्यादातर मरीज 20 से 45 वर्ष की आयु के हैं. कुछ मरीज 50 से 60 के बीच में हैं.
30 बेडों की होगी इकाई : मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि पूर्ण शराबबंदी के बाद मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है. अब इकाई तीस बेडों की होगी. ऊपर में बेड लगाने व आवश्यक संसाधन जुटाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है. एक-दो दिनों के अंदर सेंट्रल पैथोलॉजी के शिफ्ट होने के बाद बेड लगाने का कार्य होगा. फिलहाल सेंटल पौथोलॉजी में जो कमरे खाली हुए उसमें बेड लगाने का कार्य चल रहा है. इकाई में मरीजों की सुविधा के लिए बुधवार को चार पंखे लगाये गये.
आक्रामक हो जाता है मरीज का व्यवहार
पटना सिटी. नशा की चपेट में आये व्यक्ति को जब नशा नहीं मिलता है, तो उसका व्यवहार आक्रमक हो जाता है. हाथ-पांव में कंपन, गुस्सा, आवाज में लड़खड़ाहट व थरथराहट, अनाप-शनाप बकने की आदत के साथ औचक मिरगी का दौड़ा भी पड़ता है. विभागाध्यक्ष डॉ केके सिंह कहते हैं कि यहां उपचार कराने के बाद घर ले जाने पर मरीज के प्रति परिवार के लोगों को जागरूक होना होगा. उपचार के बाद वह यह नहीं समझे की नशा छूट गया.
नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार कहते हैं कि मरीज को उपचार के साथ काउंसिलिंग से नशा मुक्त कराया जा सकता है. इसके लिए परिवार का सहयोग आवश्यक है.

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