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16 से फिर से बैंड, बाजा, बराती

शादी : अप्रैल माह में 21 और 23 को छोड़ 16 से 29 तक हर दिन शुभ मुहूर्त पटना : विश्व पंचांग, ऋषिकेश पंचांग व मिथिला पंचांग के अनुसार 2016 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त एक बार फिर 16 अप्रैल से शुरू हो जायेगा. शहनाई गूंजने लगेगी. होली के बाद बाजार में भी शादी […]

शादी : अप्रैल माह में 21 और 23 को छोड़ 16 से 29 तक हर दिन शुभ मुहूर्त
पटना : विश्व पंचांग, ऋषिकेश पंचांग व मिथिला पंचांग के अनुसार 2016 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त एक बार फिर 16 अप्रैल से शुरू हो जायेगा. शहनाई गूंजने लगेगी. होली के बाद बाजार में भी शादी की खरीदारी शुरू हो गयी है और लोग पूरी तरह से शादी समारोह के मूड में आ गये हैं.
दूल्हे व दुल्हन के डिजाइनर कपड़ों से पटा बाजारअब बाजार में खरीदारी का माहौल बदल गया है. बड़ी दुकानों में दूल्हा-दुल्हन के लेटेस्ट डिजाइन लाये गये हैं, ताकि कोई एक बार दुकान में पहुंचे, तो उसे सारे ड्रेस मैटेरियल्स एक ही जगह मिल जाये.
शादी के शुभ दिन
अप्रैल : 16, 17, 18, 19, 20, 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29
मई : 1, 4
जून : 27, 29
जुलाई : 1, 4, 8, 9, 10, 11, 13, 14
नवंबर : 23, 24, 30
दिसंबर : 1, 3, 8, 9, 12, 13
सभी मुहूर्त सर्वोत्तम
शादी का शुभ लग्न 16 अप्रैल से शुरू होकर 29 अप्रैल तक चलेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि अप्रैल का सभी मुहूर्त सर्वोत्तम है.
पं श्रीपति त्रिपाठी
अंतरजातीय विवाह : नहीं मिला एक भी लाभार्थी
पटना : अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश कर रही है. इसके लिए मौजूद योजना को सरल और आसान बनाया गया है. दो दिसंबर, 2015 के बाद अंतरजातीय विवाह करनेवाले जोड़ों के लिए योजना की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गयी. वर या वधु में से किसी एक के सामान्य श्रेणी से होने की बाध्यता भी समाप्त कर दी गयी. इतना सब किये जाने के बावजूद पिछले आठ महीनों में योजना का लाभ लेने के लिए एक भी आवेदन नहीं आया है.
विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 कुल आवंटित राशि एक करोड़ रुपये में से मात्र 17 लाख ही खर्च हो सके. राज्यभर से लाभार्थियों की संख्या मात्र 34 रही. ऐसा ही हाल वर्ष 2013-14 में रहा. तब कुल आवंटित राशि 50 लाख रुपये में मात्र 20 लाख 75 हजार ही बांटे गये.
220 आवेदन में मात्र 25 को स्वीकृति : जिला बाल संरक्षण इकाई से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013-14 के बीच योजना के तहत लाभ लेने के लिए 220 आवेदन आये. इनमें 25 की ही स्वीकृति हो सकी है. वहीं, 2014-15 में 19 आवेदन ही आये. उनमें नौ को ही लाभ मिला.
सका है. अन्य आवेदन त्रुटी के कारण रिजेक्ट हो गये. इकाई के मानें तो, आवेदन में कई आवेदनों में कोई कांटेक्ट नंबर नहीं होता है. इससे आवेदन रिजेक्ट होने पर उन्हें सूचित नहीं कर पाते हैं.
योजना को ऐसे बनाया गया सरल
पहले इस योजना के तहत सिर्फ पांच हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान था. बाद में इसे बढ़ाकर 25 हजार, 50 हजार और अब एक लाख रुपये कर दिया गया है. मार्च 2014 के बाद शादी करने वाले प्रति जोड़ों को 50 हजार रुपये की राशि दी जानी है. वहीं, दो सितंबर, 2015 के बाद शादी करने वाले जोड़ो को योजना के एक लाख रुपये का लाभ दिया जाना है.
योजना में ये हुए थे बदलाव
– 4 मार्च 2014 के बाद विवाह करने वाले जोड़ों को 50 हजार रुपये का मिलेगा लाभ
– 2 सितंबर 2015 के बाद शादी करने वाले जोड़ों को एक लाख रुपये का लाभ
– शादी के दो साल तक कर सकेंगे आवेदन
– अंतर्जातीय विवाह संबंधी कार्य करने के लिए प्रत्येक प्रत्येक जिले में नोडेल ऑफिसर (सहायक बाल संरक्षण पदाधिकारी) की नियुक्ति की गयी है
-योजना की राशि अब राष्ट्रीय बचत पत्र के जरिये न देकर सीधे बैंक से एफडी के द्वारा दी जायेगी
इस स्तर से होती है जांच
जिला बाल संरक्षण इकाई से आवेदन लेकर जमा कर सकते हैं. उसके साथ वर-वधु का आवासीय, जाति व जन्म प्रमाण पत्र भी जमा करें. साथ ही विवाह का निबंधन प्रमाण, संयुक्त फोटो व फोटो युक्त पहचान पत्र जमा करें. इसके बाद आवेदनों को जांच के लिए ब्लॉक में बीडीओ के पास भेजा जाता है. फिर, डीएम द्वारा स्वीकृति मिलने पर वधु को राशि दी जाती है.

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