पटना: अब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में भी संविदा पर डीएसपी बहाल होंगे. बिहार पुलिस के सेवानिवृत्त डीएसपी स्तर के आठ अधिकारियों को संविदा के आधार पर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शर्त यह है कि उन्हीं अधिकारियों को नियुक्त किया जायेगा, जिन्होंने अपने सेवाकाल में कम-से-कम दो वर्ष तक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, निगरानी विद्युत पर्षद कोषांग अथवा सीबीआइ में काम किया हो.
सैकड़ों मुकदमे लंबित
दरअसल, भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ लंबित मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाकर उन्हें सजा दिलाने के लिए निगरानी विभाग के पास पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों का टोटा पड़ गया है. हर साल घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार होनेवाले लोकसेवकों की तादाद बढ़ती जा रही है, जबकि उन्हें सजा दिलाने के लिए अधिकारियों की भारी कमी है. सैकड़ों मुकदमे अदालतों में लंबित हैं.
निगरानी विभाग ने इन आठ डीएसपी स्तर के अधिकारियों को संविदा पर दो साल के लिए नियुक्त करने से संबंधित अपनी सेवा शर्तो का निर्धारण कर लिया है. आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी, 2014 है. आवेदक की अधिकतम आयु 63 साल व सेवा इतिहास भी साफ-सुथरा होना चाहिए. उनका काम संतोषजनक नहीं पाये जाने पर उन्हें एक माह की नोटिस पर हटाया भी जा सकता है.
नियोजित डीएसपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं दंड प्रक्रिया संहिता के तहत पुलिस अधिकारी के रूप में काम करने की समस्त शक्तियां दी जायेंगी. इनका मासिक मानदेय सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त अंतिम वेतन राशि से उनकी पेंशन राशि को घटाने के बाद जो राशि होगी वही देय होगी. इन्हें भ्रष्टाचार संबंधी जांच व अनुसंधान के कार्यो में लगाया जायेगा.