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होमियोपैथिक संघ ने दो साल का मांगा समय

30 एमएल से अधिक स्पिरिट में बनी दवाओं पर रोक लगा दी गयी है. यह रोक नहीं हटी तो हर माह 20 करोड़ रुपये का कारोबार बाधित होगा पटना : 30 एमएल से अधिक स्पिरिट में बनी दवाओं की बिक्री पर स्वास्थ्य विभाग ने रोक लगा दी है. यदि रोक नहीं हटायी गयी तो पूरे […]

30 एमएल से अधिक स्पिरिट में बनी दवाओं पर रोक लगा दी गयी है. यह रोक नहीं हटी तो हर माह 20 करोड़ रुपये का कारोबार बाधित होगा
पटना : 30 एमएल से अधिक स्पिरिट में बनी दवाओं की बिक्री पर स्वास्थ्य विभाग ने रोक लगा दी है. यदि रोक नहीं हटायी गयी तो पूरे प्रदेश में हर माह 20 करोड़ रुपये के कारोबार पर कुप्रभाव पड़ेगा. यह कहना है बिहार राज्य हाेमियोपैथिक संघ के अध्यक्ष दाऊद का. होमियोपैथिक संघ की शुक्रवार को बैठक हुई. संघ के अध्यक्ष दाऊद ने बताया कि यह रोक की स्थिति तब है, जब व्यापारी करोड़ों रुपये की दवाओं की खरीद अन्य राज्यों से कर चुके हैं. इसके लिए बिहार सरकार को टैक्स भी चुकाया गया है.
अध्यक्ष का कहना है कि व्यापारी तभी दवाओं की बिक्री बंद करेंगे, जब तक उनकी पहले से स्टॉक में रखी दवाओं को या तो बिहार सरकार खरीदे या फिर दो साल तक दवा बेचने का समय दे, ताकि व्यापारियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हो.
आज निकालेंगे मार्च : अपनी मांगों को लेकर बिहार राज्य होमियोपैथिक संघ विरोध मार्च निकालेगा. साथ ही संघ की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्वास्थ्य सचिव कोज्ञापन सौपेंगे.
इधर ड्रग कंट्रोलर रमेश कुमार ने बताया कि शराब बंदी कानून को सफल बनाने को लेकर औषधि विभाग 30 एमएल स्पिरिट से अधिक दवा बेचने पर रोक लगायी है. उन्होंने बताया कि शहर या फिर प्रदेश के किसी अन्य जिलों में संचालित हो रही होमियोपैथी दवा कारखाने में भी 30 एमएल तक दवा बनाने की छूट दी है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में 27 मार्च को सभी व्यापारियों को इस बारे में सूचना दे दी गयी है.

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