पटना : बिहार में नये उत्पाद संशोधन नीति को मंजूरी मिल जाने के बाद सूबे के गांवों में अब देसी शराब का मिलना बिल्कुल बंद हो गया है. देसी शराब के बचे हुए स्टॉक को जेसीबी और बाकी गाड़ियों को बुलवाकर भारी मात्रा में नष्ट किया गया. पूरे बिहार में खासकर मुजफ्फरपुर, भागलपुर और पटना के अलावा सभी जिलों में देसी शराब को भारी मात्रा में नष्ट किया गया. जेसीबी मशीनों से सभी बोतलों को नष्ट किया गया. सरकार ने नष्ट के दौरान वीडियो रिकार्डिंग करवाया और उत्पाद विभाग के अधिकारियों को भी तैनात रखा. अनुमान के मुताबिक करोड़ों रुपये की देसी और मशालेदार शराब को नष्ट किया गया.
राज्यपाल की मंजूरी मिल जाने के बाद यह विधेयक पूरी तरह लागू हो गया है. आज सुबह से ही उन दुकानों के शटर गिरा दिये गये हैं जिन पर सुबह होते लोगों की भीड़ लग जाती थी. बिहार के गांवों में अवैध रूप से शराब का स्टॉक रखने और बेचने वालों पर विभाग अपनी नजर गड़ाये हुए है. इस तरह की सूचना कहीं से भी प्राप्त होने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इतना ही नहीं संबंधित थाने के थाना प्रभारी को भी दंड का भागीदार बनाया जायेगा. बिहार सरकार प्रथम चरण में खुली रहने वाली 650 दुकानों को खुद ही संचालित करेगी और उसकी रिटेल बिक्री करेगी. शराब पीने वालों को लिमिट के हिसाब से अंग्रेजी शराब उपलब्ध करायी जायेगी.