पटना : बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने भारतीय संविधान को देश की संस्कृति का सच्चा संवाहक बताते हुए आज कहा कि देश का संविधान हम सबको सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के समान अवसर प्रदान करता है.राज्यपालने पटना स्थित ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट में इंडियन कॉन्सिल ऑफ फिलोसिफिकल रिसर्च द्वारा प्रायोजित तथा पटना विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भारतीय दर्शन और दलित आख्यान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में यह बातें कही.
राज्यपाल ने कहा कि डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ने देश को संविधान के रूप में एक ऐसा मर्यादा ग्रंथ दिया है जिसमें हमारे विकास की समस्त संभावनाएं मौजूद है. यह संविधान हम सभी नागरिकों को समता और स्वतंत्रता का समान अधिकार देता है. उन्होंने कहा कि समता और स्वतंत्रता किसी सभ्य समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण शर्त है, जिस समाज और देश में समता और स्वतंत्रता नहीं है, वह समाज कभी भी तरक्की नहीं कर सकता. समाज में शांति रहे, सुव्यवस्था रहे और सदभावना रहे, इसके लिए जरूरी है कि समाज में समता और स्वतंत्रता रहे. कोविन्द ने कहा कि भारतीय संविधान कमजोर और अभिवंचित वर्गोंं को जो सामाजिक संरक्षण प्रदान करता है उसका उद्देश्य यही है कि भारतीय समाज में सबके विकास के लिए समान अवसर सुनिश्चित किये जाएं.
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं भारतीय संविधान दोनों हमें सामाजिक असमानता अस्पृश्यता एवं किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को प्रोत्साहित करने की अनुमति नहीं देते। सामाजिक समरसता हमारी राष्ट्रीय एकता का मूल मंत्र है. कोविंद ने कहा कि समाज के अभिवंचित वर्ग को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना ना केवल हमारी संवैधानिक बाध्यता है बल्कि यह हमारे सामाजिक विकास और राष्ट्रीय एकात्मकता की अनिवार्य शर्त भी है.