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ऐसा बिहार बनाएं कि सब दिन रहे होली

होली. सीएम ने खेली फूलों की होली, कहा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सीएम हाउस पहुंच कर नीतीश कुमार को दी बधाई पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7, सर्कुलर रोड स्थित सीएम हाउस में गुरुवार को फूलों की होली खेली. सीएम हाउस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत आये सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं के […]

होली. सीएम ने खेली फूलों की होली, कहा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सीएम हाउस पहुंच कर नीतीश कुमार को दी बधाई
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7, सर्कुलर रोड स्थित सीएम हाउस में गुरुवार को फूलों की होली खेली. सीएम हाउस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत आये सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री ने फूलों की होली के साथ-साथ उन्हें चंदन का टीका लगाकर होली की शुभकामनाएं दी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम सब मिलकर ऐसा खूबसूरत बिहार बनाएं कि सब दिन होली जैसा माहौल बना रहे. होली खुशियों का त्योहार है. सबके जीवन में खुशियां रहें, यही हमारी कामना है. पूरे देश में समृद्धि आये, आपस में प्रेम व सद्भाव का वातावरण बना रहे, देश तरक्की के रास्ते पर चले और बिहार तरक्की करे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि होली का त्योहार आपसी प्रेम, पारस्परिक सौहार्द, सामाजिक सद्भाव व सहनशीलता का त्योहार है. हर बिहार वासी को सोचना चाहिए कि आपसी मेल जोल और मोहब्बत के साथ होली मनाने में जो उमंग और उत्साह बिहार ही नहीं पूरे देश में रहता है, वैसा वातावरण सब दिन बना रहे.
7, सर्कुलर रोड स्थित सीएम हाउस में आयोजित होली मिलन समारोह में बिहार विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सांसद आरसीपी सिंंह, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम क्रियान्वयन व नीति सलाहकार प्रशांत किशोर, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, नगर विकास व आवास मंत्री महेश्वर हजारी, राजस्व मंत्री मदन मोहन झा, एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष निराला, सांसद गुलाम रसूल बलियावी, विधान पार्षद श्री संजय सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद संजय सिंह, विधायक भोला यादव, जदयू नेता रमई राम, डीजीपी पीके ठाकुर, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार, एडीजी मुख्यालय सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, उंची जातियों के आयोग के अध्यक्ष डा गोपाल प्रसाद सिन्हा, जदयू प्रवक्ता डा अजय आलोक, मधु प्रसाद, राज्य खाद्य आयोग के सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, प्रमोद चंद्रवंशी सहित अनेक विधानपार्षद, गणमान्य व्यक्ति, महागंठबंधन के नेतागण व राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेे माथे पर चंदन का टीका लगाकर और फूल की होली खेलकर बधाई व शुभकामनाएं दीं. लोगों ने भी बारी- बारी से मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें चंदन का टीका लगाकर व फूलों की होली खेल कर उन्हें शुभकामनाएं दीं.
भारत-मेक्सिको की जलवायु एक जैसी : सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके 1, अणे मार्ग स्थित कार्यालय कक्ष में गुरुवार को मेक्सिको में भारत के नव नियुक्त राजदूत मुक्तेश के परदेशी ने मुलाकात की. बिहार में कृषि विकास के लिए यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेक्सिको में भारत के नव नियुक्त राजदूत मुक्तेश के परदेशी से सीआइएमएमवाइटी और बोरलॉग इंस्टीच्यूट ऑफ साउथ एशिया (बीआइएसए) पुसा, समस्तीपुर के बीच समन्वय का काम करने को कहा, ताकि सीआइएमएमवाइटी से ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक बीआइएसए आ सके और जलवायु परिवर्तन से कृषि पर हो रहे प्रभाव पर अनुसंधान कर उन्नत प्रजाति के बीज व कृषि प्रक्रिया का विकास कर सके.
साथ ही डेमोस्ट्रेशन ज्यादा से ज्यादा किया जा सके. इससे बिहार के किसानों की मदद की जा सकेगी और बिहार में कृषि के विकास के लिए यह लाभदायक होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत व मेक्सिको की जलवायु लगभग एक तरह की है.
इससे कृषि के क्षेत्र में होनेवाले अनुसंधान से दोनों देशों का फायदा होगा. भारत के हरित क्रांति में मेक्सिको का अहम योगदान रहा है. कृषि के अलावा पुरातत्व, इतिहास, पर्यटन व सांस्कृतिक संबंधों पर भी चर्चा की गयी. मुलाकात के दौरान चंचल कुमार, मनीष कुमार वर्मा, डाॅ गोपाल सिंह भी मौजूद थे.
इनसे पहले 28 फरवरी को मुख्यमंत्री से इंटरनेशनल मेज (मक्का) ह्वीट (गेहूं) इंप्रूवमेंट सेंटर के महानिदेशक प्रो डॉ मार्टिन जे क्रॉफ और बोरलॉग इंस्टीच्यूट ऑफ साउथ एशिया (बीआइएसए) के महानिदेशक डॉ एचएस गुप्ता ने मुलाकात की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोरलॉग इंस्टीच्यूट ऑफ साउथ एशिया पुसा समस्तापुर का भ्रमण भी किया था. सीआइएमएमवाइटी मेक्सिको का कृषि शोध संस्थान है और बीआइएसए समस्तीपुर में स्थापित कृषि अनुसंधान केंद्र है. इसमें परिशुद्धता कृषि, फॉर्म यांत्रिकीकरण, जलवायु परिर्वतन से संबंधित अनुसंधान और रिसर्च चल रहा है. पर्यावरण में बदलाव के कारण फरवरी माह में तापमान में अधिकता हो रही है. इससे गेहूं की पैदावार में कमी आ रही है. कमी के कारण गेहूं के दाने का सूखना व कम होना देखा जा रहा है.
इस संदर्भ में सीआइएमएमवाइटी और बीआइएसए के सहयोग से अनुसंधान किया जा रहा है. संस्थान के महानिदेशक ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया था कि जलवायु परर्वितन सूखा और बाढ़ की स्थिति में पैदावार को बढ़ाने के लिए तकनीकों का विकास किया जायेगा, ताकि किसानों को लाभ मिल सके.

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