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स्कूल खुलते ही परीक्षा का बोझ
नया पैटर्न. नौवीं की परीक्षा 28 से, 70 हजार बच्चे होंगे शामिल राज्य में पहली बार नौवीं कक्षा की परीक्षा बोर्ड परीक्षा के तर्ज पर होगी. छात्रों के लिए परेशानी इस बात की है कि उन्हें छुट्टियां खत्म होने के तुरंत बाद परीक्षा देनी होगी. पटना : सोमवार से नौवीं की परीक्षा शुरू है. यानी, […]
नया पैटर्न. नौवीं की परीक्षा 28 से, 70 हजार बच्चे होंगे शामिल
राज्य में पहली बार नौवीं कक्षा की परीक्षा बोर्ड परीक्षा के तर्ज पर होगी. छात्रों के लिए परेशानी इस बात की है कि उन्हें छुट्टियां खत्म होने के तुरंत बाद परीक्षा देनी होगी.
पटना : सोमवार से नौवीं की परीक्षा शुरू है. यानी, पूरे एक महीने बाद स्कूल खुलते ही पटना जिले के करीब 70 हजार बच्चे सीधे इस परीक्षा में शामिल होंगे. जिला शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षा को लेकर आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गयी है. प्रश्न पत्र प्रिंट कराये जा रहे हैं. शनिवार से रविवार तक जिले के सभी स्कूलों में प्रश्न-पत्र बांट दिये जायेंगे, ताकि सोमवार से परीक्षा शुरू हो सके.
यह परीक्षा दो पालियों में होगी. पहली पाली सुबह दस से एक बजे तक जबकि दूसरी पाली दोपहर दो से पांच बजे तक चलेगी. 30 फीसदी से कम अंक लाने वाले बच्चों को दूसरी कक्षा में प्रोन्नति नहीं मिल सकेगी.
पहली बार एक प्रश्नपत्र और एक तिथि : पहली बार नौवीं की परीक्षा बोर्ड के तर्ज पर ली जानी है. शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशानुसार स्कूल स्तर पर होनेवाली की परीक्षा में पूरे बिहार में एक प्रश्न पत्र और समान तिथि (28 से 30 मार्च) पर परीक्षा ली जायेगी.
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने तैयार किया प्रश्नपत्र : परीक्षा का आयोजन बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से किया जा रहा है.
इसके लिए परिषद की ओर से प्रश्न पत्र तैयार कर जिला शिक्षा कार्यालय को छपाई के लिए भेजा गया था. इसके अलावा स्कूल स्तर पर सभी बच्चों को टेलीफोन से परीक्षा की जानकारी दी गयी है.
10 अप्रैल तक मूल्यांकन : परीक्षा जिला प्रशासन की मॉनीटरिंग में होगी. परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त हो, इसके लिए वीक्षकों पर भी पूरी नजर रखी जायेगी. इसके लिए सभी थानों को सूचना दे दी गयी है. हालांकि बच्चों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए अलग स्कूल में सेंटर नहीं दिया जायेगा.
उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर ही 10 अप्रैल तक कर लिया जायेगा. 64 फीसदी पर डिस्टिंक्शन : 30 फीसदी से कम अंक लाने वाले फेल कहलाएंगे. 30 या इससे अधिक लेकिन 45 फीसदी से कम अंक लाने वाले थर्ड डिवीजन होंगे. 45 फीसदी या इससे अधिक लेकिन 60 फीसदी से कम अंक लाने वाले सेकेंड डिवीजन होंगे. 60 फीसदी या इससे अधिक लेकिन 64 फीसदी से कम अंक लानेवाले फर्स्ट डिवीजन होंगे. 64 फीसदी या अधिक अंक लानेवाले डिस्टिंक्शन कहलाएंगे.
11 अप्रैल को विद्यालय स्तर पर बैठक बुलायी जायेगी. इसमें अभिभावक भी मौजूद होंगे. बैठक में बच्चों को वार्षिक रिपोर्ट कार्ड मिलेगा. स्कूल द्वारा तैयार रिपोर्ट कार्ड 20 अप्रैल तक जिला शिक्षा कार्यलय को भेजा जायेगा. रिपोर्ट बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद को हार्ड व सॉफ्ट कॉपी के रूप में भी भेजा जाना है.
मौलवी और फोकानिया परीक्षा 25 अप्रैल से
बिहार राज्य मदरसा बोर्ड की मौलवी इंटर और फोकानिया मैट्रिक परीक्षा 25 अप्रैल से शुरू होगी, जो आठ मई तक चलेगी. इन दोनों परीक्षाओं में एक लाख 36 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे.
इसके लिए राज्य में 250 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. पटना जिले में चार परीक्षा केंद्र है. मौलवी में 48 हजार, तो फोकानिया में 88 हजार परीक्षार्थी भाग लेंगे. मदरसा बोर्ड के सचिव खुर्शीद आलम ने बताया कि परीक्षा दोनों पालियों में ली जायेगी. इसके लिए सभी मदरसों से 20 अप्रैल तक प्रैक्टिकल परीक्षा लिये जाने का निर्देश भेजा गया है.
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