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समुदाय आधारित सूचना प्रणाली बचाव में कारगर

कार्यशाला : आपदा से बचाव की दी गयी जानकारी पटना : बद्रीनाथ में एक ग्लेशियर टूटने से उतराखंड में दस हजार लोग काल के गाल में समा गये थे. नेपाल के भूकंपीय जोन में तो 2700 ग्लेशियर हैं. फर्ज कीजिए अगर वे एक साथ टूटेंगे तो बिहार में कैसी तबाही मचेगी. ऐसी प्राकृतिक आपदा के […]

कार्यशाला : आपदा से बचाव की दी गयी जानकारी
पटना : बद्रीनाथ में एक ग्लेशियर टूटने से उतराखंड में दस हजार लोग काल के गाल में समा गये थे. नेपाल के भूकंपीय जोन में तो 2700 ग्लेशियर हैं. फर्ज कीजिए अगर वे एक साथ टूटेंगे तो बिहार में कैसी तबाही मचेगी. ऐसी प्राकृतिक आपदा के दौरान जान–माल की क्षति कम हो, इसके लिए समुदाय आधारित बाढ पूर्व सूचना प्रणाली को मजबूत करना होगा. कोसी व नारायणी नदियों की बाढ़ से भारत और नेपाल की तराई वाले इलाकों में हर साल होनेवाली तबाही और उसके दुष्प्रभावों से बचाव में समुदाय आधारित सूचना प्रणाली ही कारगर हो सकती है.
सोमवार को पटना के बुद्ध इन होटल में आयोजित मीडिया भागीदारी कार्यशाला में ये बातें सामने आयीं. आइडीएफ के चेयरमैन बाबुल प्रसाद ने अर्ली वार्निंग सिस्टम, बाढ पीडित इलाकों में जीविका व कृशि के वैकल्पिक साधनों को बढावा देने में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया. आइडीएफ,एलडब्लूआर और जीडीएस की ओर से आयोजित कार्यशाला में अलग–अलग मीडिया संस्थानों और एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद थे. जीडीएस के प्राजेक्ट डायरेक्टर अमिताभ मिश्रा ने कहा कि नेपाल के सुस्ता से पश्चिम चंपारण के चकदहवा के बीच रिले सिस्टम से बाढ पूर्व चेतावनी का जो मॉडल विकसित किया गया है, उसे अन्य इलाकों में भी लागू करना चाहिए. उन्होंने सरकारी तंत्र से आनेवाली सूचना का जिक्र करते हुए कहा कि नेपाल के डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड मेटलर्जी से सूचनाएं दिल्ली स्थित वाटर रिसोर्स कमीशन को भेजी जाती हैं. वहां से सूचना संबंधित जिले के डीएम को दी जाती है.
इस प्रक्रिया में काफी विलंब हो जाता है. लेकिन समुदाय आधारित सूचना तंत्र से जनता को सीधे सूचना मिलती है. नेपाल में लुथरन वर्ल्ड रीलिफ (एलडब्लूआर) की प्रोग्राम मैनेजर भुमिका ने कहा कि नेपाल और भारत की मीडिया को समुदाय आधारित सूचना तंत्र को प्रचारित करने में मदद करनी चाहिए. इस मॉडल को लागू करने के लिए मीडिया को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. प्रोग्राम मैनेजर दीपनीता विश्वास ने कहा अर्ली वार्निंग सिस्टम को प्रभावी बनाने में भारत का एसएसबी और नेपाल का एसएसपी (सशस्त्र सीमा प्रहरी) कारगर भूमिका अदा कर सकता है.आइडीएफ के प्रोग्राम मैनेजर आदित्य ने बाढ़ पीडित इलाकों में अर्ली वार्निंग सिस्टम पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया.

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