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‘जमीन’ में अटकी सड़क

बाधा : एजेंसी चयन के बाद भी चार फोरलेन का काम रुका फोर लेन निर्माण के लिए एजेंसी का चयन होने के बाद भी जमीन नहीं िमलने के कारण निर्माण में बाधा पहुंच रही है. राज्य में पटना-बक्सर, पटना-डोभी, छपरा-मुजफ्फरपुर व फारबिसगंज-जोगबनी फोर लेन के लिए लगभग 1400 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन की जरूरत है. पटना […]

बाधा : एजेंसी चयन के बाद भी चार फोरलेन का काम रुका
फोर लेन निर्माण के लिए एजेंसी का चयन होने के बाद भी जमीन नहीं िमलने के कारण निर्माण में बाधा पहुंच रही है. राज्य में पटना-बक्सर, पटना-डोभी, छपरा-मुजफ्फरपुर व फारबिसगंज-जोगबनी फोर लेन के लिए लगभग 1400 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन की जरूरत है.
पटना : राज्य में फोर लेन के निर्माण में जमीन नहीं मिलने से निर्माण काम बाधित है. फोर लेन निर्माण के लिए एजेंसी का चयन होने के बाद भी निर्माण काम में बाधा पहुंच रही है. राज्य में पटना-बक्सर, पटना-डोभी, छपरा-मुजफ्फरपुर व फारबिसगंज-जोगबनी फोर लेन बन रहा है.
इसके लिए लगभग 1400 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन की जरूरत है. इसके बदले में अब तक लगभग 460 हेक्टयर जमीन मिला है. जमीन नहीं मिलने के कारण फोर लेन बनाने का काम प्रभावित हो रहा है. एन एच के निर्माण में तेजी लाने के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी से मुलाकात कर जानकारी दी थी. फोर लेन निर्माण के लिए एनएचएआई द्वारा जमीन अधिग्रहण के लिए राशि उपलब्ध कराने के बावजूद जमीन नहीं मिली है. इसकी वजह है कि फोर लेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन मालिक से एग्रीमेंट पहले हुआ था. उस हिसाब से राशि का भुगतान हुआ.
अब जमीन लेने पर चार गुना राशि का भुगतान होना है. इससे जमीन मालिक जमीन देने में इनकार कर रहे हैं. जानकारों का कहना है जहां 50 फीसदी से कम राशि का भुगतान हुआ है, वहां जमीन मालिक को चार गुना राशि का अब भुगतान करना होगा. ऐसे में फिर से आकलन करने में समय लगेगा व फोर लेन के निर्माण में देरी होगी. एनएचएआई के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि फोर लेन निर्माण के लिए जमीन अधग्रिहण नहीं होने से काम में बाधा होती है. फोर लेन निर्माण के लिए एजेंसी तय हो गया है. जमीन अधग्रिहण कराने का काम जिला प्रशासन का है.
पटना-बक्सर फोर लेन
पटना-बक्सर फोर लेन के लिए सड़क की चौड़ाई के लिए 60 मीटर जगह चाहिए. जबकि मात्र 30 मीटर जगह उपलब्ध है. फोर लेन निर्माण के लिए 557 हेक्टेयर जमीन की अतिरक्ति जरूरत है. तीन पार्ट में बनने वाले फोर लेन में अलग-अलग पार्ट में 12 से 20 फीसदी जमीन मिली है. पटना-बक्सर के बीव 125 किलोमीटर फोर लेन का निर्माण होना है. तीन पार्ट में बननेवाले फोर लेन के लिए दो एजेंसी का चयन हुआ है. एजेंसी तय होने के बावजूद काम की प्रगति नहीं है. फोर लेन के निर्माण पर लगभग 1800 करोड़ खर्च होगा.
पटना-डोभी फोर लेन
पटना-डोभी के बीच 127 किलोमीटर फोर लेन निर्माण में 70 किलोमीटर नया वायपास का निर्माण होना है. इसके लिए 708 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. अभी मात्र 35 फीसदी जमीन एनएचएआई को उपलब्ध हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार पटना व जहानाबाद में जमीन की अधिक समस्या है. खासकर वकास जमीन को लेकर परेशानी हो रही है. जमीन अधग्रिहण के दौरान वकास की जमीन मिलने के कारण प्रशासन के लिए परेशानी हो रही है. वकास जमीन वह है जो जमींदार या उसके लोगों द्वारा खुद उस पर खेती की जा रही है. प्रशासन को जमीन लौटाने के बात भी उसे फिर से रैयती बना लिया गया है. इस वजह से जमीन अधग्रिहण में परेशानी हो रही है. पटना-डोभी के बीच फोर लेन निर्माण पर लगभग दो हजार करोड़ खर्च अनुमानित है.
फारबिसगंज-जोगबनी फोर लेन
फारबिसगंज-जोगबनी के बीच नौ किलोमीटर फोर लेन का निर्माण होना है. फोर लेन निर्माण के लिए 130 हेक्टेयर अतिरक्ति जमीन की आवश्यकता है. फोर लेन निर्माण के लिए 70 फीसदी जमीन अधिग्रहण हुुआ है. सड़क निर्माण पर लगभग 200 करोड़ खर्च अनुमानित है.
छपरा-मुजफ्फरपुर टू लेन
छपरा-मुजफ्फरपुर के बीच 74 किलोमीटर पेव्ड शोल्डर के साथ टू लेन का निर्माण हो रहा है. सड़क के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर सड़क चौड़ा होगा. इसके लिए 42 हेक्टेयर अतिरक्ति जमीन की जरूरत है. सड़क निर्माण के लिए मात्र 15 फीसदी जमीन उपलब्ध हुआ है. सड़क निर्माण के लिए एजेंसी तय है. इस पर लगभग 400 करोड़ खर्च अनुमानित है.
पटना-डोभी फोर लेन
पटना-डोभी के बीच 127 किलोमीटर फोर लेन निर्माण में 70 किलोमीटर नया वायपास का निर्माण होना है. इसके लिए 708 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. अभी मात्र 35 फीसदी जमीन एनएचएआई को उपलब्ध हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार पटना व जहानाबाद में जमीन की अधिक समस्या है. खासकर वकास जमीन को लेकर परेशानी हो रही है. जमीन अधग्रिहण के दौरान वकास की जमीन मिलने के कारण प्रशासन के लिए परेशानी हो रही है.
वकास जमीन वह है जो जमींदार या उसके लोगों द्वारा खुद उस पर खेती की जा रही है. प्रशासन को जमीन लौटाने के बात भी उसे फिर से रैयती बना लिया गया है. इस वजह से जमीन अधग्रिहण में परेशानी हो रही है. पटना-डोभी के बीच फोर लेन निर्माण पर लगभग दो हजार करोड़ खर्च अनुमानित है.

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