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आरटीआइ मांगनेवालों को पूरी सुरक्षा
पटना : सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून को ज्यादा सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सूचना आयोग और गृह विभाग ने एक खास पहल की है. इसके तहत किसी सरकारी कार्यालय या अन्य किसी संस्थानों में आरटीआइ के माध्यम से सूचना मांगनेवालों की अब पूरी तरह से सुरक्षा की जायेगी. सूचना मांगने वाले किसी […]
पटना : सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून को ज्यादा सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सूचना आयोग और गृह विभाग ने एक खास पहल की है. इसके तहत किसी सरकारी कार्यालय या अन्य किसी संस्थानों में आरटीआइ के माध्यम से सूचना मांगनेवालों की अब पूरी तरह से सुरक्षा की जायेगी. सूचना मांगने वाले किसी व्यक्ति को अगर झूठे मुकदमा में फंसाया जाता है, तो वे इसकी शिकायत सीधे गृह विभाग या सूचना आयोग में कर सकते हैं.
गृह विभाग ने प्रताड़ित हुए ऐसे किसी आवेदकों से प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए एक विशेष कोषांग का गठन किया है. कोषांग में आनेवाली शिकायतों का निबटारा एक महीने के अंदर कर दिया जायेगा. इन मामलों में जांच के बाद समुचित आदेश पारित कर दिया जायेगा. सभी शिकायतों की जांच संबंधित जिला के एसपी स्तर से करायी जायेगी.
गृह विभाग ने एसपी को खुद इसकी जांच करने का आदेश दिया है. उन्हें अपने अधीनस्थ किसी पदाधिकारी को इसकी जांच की जिम्मेवारी नहीं सौंपनी होगी. अगर किसी जिला के एसपी के खिलाफ ही शिकायत मिलती है, तो इसकी जांच संबंधित रेंज के डीआइजी करेंगे. इन शिकायतों के निबटारे की समीक्षा प्रत्येक 15 दिन पर गृह विभाग के स्तर पर की जायेगी. इसके लिए विशेष सचिव (विशेष) विभाग को अधिकृत किया गया है. अगर किसी जिला में एक महीने के अंदर शिकायतों का निबटारा नहीं होता है, तो संबंधित एसपी से तुरंत संपर्क करके अपडेट स्थिति प्राप्त की जायेगी और उनसे प्रतिवेदन प्राप्त किया जायेगा.
विभाग के प्रधान सचिव लंबित मामलों की समीक्षा प्रत्येक महीने में एक बार अवश्य करेंगे. राज्य में आरटीआइ कानून विशेषतौर से सरकारी कार्यालयों में गलत या अवैध करने वालों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है.
कई सरकारी कार्यालयों मसलन थाना, प्रखंड और जिला कार्यालयों या ऐसे अन्य स्थानों पर
आरटीआइ के तहत सूचना मांगने वालों को एक तो सूचना नहीं दी जाती या उन्हें कई तरह से प्रताड़ित किया जाता है. कई स्थानों सूचना मांगने वालों पर झूठे मुकदमा भी दायर कर दिया जाता है.
एक अनुमान के मुताबिक, पिछले आठ-नौ महीनों में आरटीआइ के तहत विभिन्न स्थानों पर सूचना मांगने वाले करीब 150 लोगों को झूठे मुकदमा में फंसाया गया है. इनमें लोगों को कई तरह से धमकी भी मिली है कि वे अपना आवेदन वापस ले लें या उन्हें उटपटांग सूचना देकर जवाब से संतुष्ट होने के लिए दवाब दिया जा रहा है.
हेल्पलाइन नंबर किया गया जारी
सूचना आयोग ने भी ऐसे मामलों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक विशेष हेल्प लाइन नंबर जारी किया है, जिस पर इस तरह के मामलों की तुरंत शिकायत की जा सकती है. सूचना आयोग ने इन शिकायतों की मॉनीटरिंग करने के लिए पदाधिकारी की तैनाती कर दी है. इस नंबर पर करते सकते हैं शिकायत, 0612-2219435.
सूचना आयोग ने भी ऐसे मामलों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक विशेष हेल्प लाइन नंबर जारी किया है, जिस पर इस तरह के मामलों की तुरंत शिकायत की जा सकती है. सूचना आयोग ने इन शिकायतों की मॉनीटरिंग करने के लिए पदाधिकारी की तैनाती कर दी है. इस नंबर पर सकते हैं शिकायत, 0612-2219435.
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