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शिक्षकों के वेतन भुगतान पर भिड़े चौधरी और मोदी

पटना : विधान परिषद में शुक्रवार को शिक्षकों के वेतन भुगतान के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. शिक्षा मंत्री ने वेतन भुगतान में देरी के लिए केंद्र से सर्व शिक्षा अभियान की राशि मिलने में देरी और कटौती को जिम्मेवार बताया. साथ […]

पटना : विधान परिषद में शुक्रवार को शिक्षकों के वेतन भुगतान के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. शिक्षा मंत्री ने वेतन भुगतान में देरी के लिए केंद्र से सर्व शिक्षा अभियान की राशि मिलने में देरी और कटौती को जिम्मेवार बताया.
साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान की राशि नहीं भी देगी, तो भी राज्य सरकार अपने बूते शिक्षकों के वेतन का भुगतान करेगी. वहीं, मोदी ने कहा कि शिक्षकों को वेतन देना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है. उन्होंने सवाल किया कि क्या राज्य सरकर ने शिक्षकों के वेतन में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार से अनुमति ली थी? प्रश्नकाल में निर्दलीय संजीव श्याम सिंह ने कहा कि राज्य के ढाई लाख प्राथमिक शिक्षकों के वेतन का भुगतान सितंबर के बाद नहीं किया गया है.
वेतन भुगतान में देरी को स्वीकारते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सितंबर, 2015 तक शिक्षकों के नयी दर (नया वेतनमान) से वेतन भुगतान के लिए जिलों को राशि उपलब्ध करा दी गयी है. चौधरी ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान की राशि नहीं मिलने के कारण वेतन भुगतान में देरी हुई है.
भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी और जदयू के डाॅ संजीव कुमार सिंह, नीरज कुमार सहित अन्य सत्ताधारी दलों के सदस्यों द्वारा वेतन भुगतान में देरी संबंधी प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मार्च, 2016 तक के वेतन के लिए अनुपूरक बजट से पैसे का इंतजाम कर लिया गया है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वेतन भुगतान में देरी के लिए हमेशा केंद्र से राशि नहीं मिलने की बात की जाती है, जबकि शिक्षकों को वेतन देना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है.
राशि का इंतजाम भी राज्य सरकार को ही करना है. यदि वेतन के लिए पैसे कमी है, तो केंद्रीय करों में मिले 14 हजार करोड़ में से खर्च करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राज्य सकार शिक्षकों का वेतन बढ़ा दिया और शिक्षा बजट में कटौती कर दी है, जबकि राज्य सरकार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश अगले आठ-दस माह में लागू करना होगा. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा राज्य के साथ ही केंद्र की भी जिम्मेवारी है.इस जिम्मेवारी से केंद्र सरकार भाग नहीं सकती है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के वेतन पर जितनी राजनीति यहां हो रही है, उतनी राजनीति केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी के दरवाजे पर होती, तो इस समस्या का समाधान हो गया होता. केंद्र ने बिहार को मिलनेवाली राशि में कटौती कर दी है.
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी दलों की मांग पर राज्य सरकार ने शिक्षकों को वेतनमान देने का निर्णय लिया था. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य को सर्व शिक्षा अभियान की राशि मार्च के बाद भी नहीं देगी, तब भी राज्य सरकार शिक्षकों को वेतन भुगतान करेगी.
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वित्त रहित इंटर और डिग्री कॉलेजों में अनुदान में मद की राशि के वितरण में गड़बड़ी और प्रबंधन का विरोध करने पर सेवा से हटाने की उच्च स्तरीय जांच करायी जायेगी.
भाकपा के प्रो संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इनकी समस्या को दूर करने के लिए प्राधिकार का गठन कर दिया गया है. मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट जदयू के डा संजीव कुमार सिंह ने कहा कि प्रबंधन द्वारा अनुदान में गड़बड़ी का विरोध करने वालों को सेवा से हटाया जाता है.
वे ऐसे छह-सात कॉलेज की सूची भी सौंप सकते हैं. सभापति ने भी सहमति दी, पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब सरकार सक्षम है जांच कराने में तो सदन से जांच क्यों? शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के राजकीयकृत परियोजना माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को एक सप्ताह में शुरू कर देंगे.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों में बीपीएल श्रेणी के बच्चों के एडमिशन के लिए सरकार नयी नीति बनायेगी और ऐसे बच्चों का एडमिशन सख्ती से कराया जायेगा.
आपको अभी 25 प्रश्नों का जवाब देना है : विधान परिषद की पहली पाली में शिक्षा विभाग के प्रश्न सबसे अधिक था. नियाजित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर सुशील मोदी के साथ नोंक झोंक हुई. इस दाैरान अशोक चौधरी आक्रोशित हो गये तो उपसभापति हारूण रसीद ने कहा कि मंत्री जी आप धैर्य रखें, आपको 25 प्रश्नों का जवाब देना है.

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