नगर निगम. 741 करोड़ का बजट पास, 526 करोड़ होंगे खर्च
नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए गत वर्ष की तुलना में 276 करोड़ रुपये अधिक का बजट पास किया है. होल्डिंग टैक्स दर का पुनरीक्षण भी किया गया है.
पटना : वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए होटल चाणक्या में गुरुवार को आयोजित विशेष बैठक में 741 करोड़ रुपये के निगम बजट पर मुहर लगायी गयी. इस बार का बजट गत वर्ष की तुलना में 276 करोड़ रुपये अधिक का है.
इसमें नागरिक सुविधा, ठोस कचरा प्रबंधन, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण आदि पर 526 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया है. मेयर अफजल इमाम की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में निगम इतिहास में पहली बार 215 करोड़ मुनाफे का बजट पारित किया गया. बजट में होल्डिंग टैक्स दर का पुनरीक्षण करने के साथ-साथ नये मकान मालिकों को टैक्स की दायरे में लाने का प्रावधान किया गया है.
नगर आयुक्त जय सिंह ने बताया कि तीन सौ करोड़ रुपये बुडको, बीआरजेपी और अन्य एजेंसियों के माध्यम से खर्च किये जाने हैं.
प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया बजट : 11 बजे से निर्धारित निगम बोर्ड की विशेष बैठक 12:15 बजे शुरू हुई. स्पर के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बजट की एक-एक बारीकी बतायी. इसके बाद बजट पर चर्चा शुरू होते ही वार्ड पार्षद बालेश्वर सिंह ने कहा कि पूर्व में भी बोर्ड की बैठक में पार्षद भत्ता को स्वीकृति मिली थी, लेकिन एक रुपया भत्ता नहीं मिल रहा है.
पार्षद भत्ता का बजट में प्रावधान करायें. उनकी बात का वार्ड पार्षद मुकेश कुमार, संजय कुमार सिंह, मो कुरैशी आदि ने भी समर्थन किया. जवाब में मेयर ने कहा कि बजट में इसके लिए करीब 22 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. सरकार के स्तर पर निर्णय के बाद इसे लागू किया जायेगा. इसके बाद वार्ड पार्षद संजय कुमार सिंह ने कहा कि सब के लिए आवास योजना के तहत छह प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा पार्षदों को भी उपलब्ध करायी जाये. इसके जवाब में नगर सचिव मुमुक्षु कुमार चौधरी ने कहा कि इस योजना का लाभ वह सभी ले सकते हैं, जिनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से कम है.
राशि का लेखा-जोखा
मद राशि
होल्डिंग टैक्स 80 करोड़
विज्ञापन शुल्क से 1.50 करोड़
मोबाइल टावर से 50 लाख
स्टांप ड्यूटी से 60 करोड़
लीज भूमि किराये से 50 लाख
सरकारी अनुदान
14वें वित्त से 20 करोड़
नाला व सड़क निर्माण 70 करोड़
सड़क निर्माण 20 करोड़
स्ट्रीट लाइट को लेकर 50 करोड़
पार्किंग को लेकर 20 लाख
चतुर्थ वित्त से 5 करोड़
जलापूर्ति को लेकर 20 करोड़
पार्क के निर्माण पर 1.50 करोड़
कहां जायेगा पैसा
मद राशि
कुल व्यय 526 करोड़
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 40.2 करोड़
बिजली व ईंधन पर 38 करोड़
सड़क निर्माण पर 30 करोड़
सिवरेज व ड्रेनेज पर 22 करोड़
संयंत्रों व मशीनरी पर 50 करोड़
वाहन क्रय पर खर्च 21 करोड़
इंटरनेट व वाई-फाई 5.47 करोड़
लाइटिंग व्यवस्था पर 30 करोड़
जिम, काजी हाउस व ट्रांसफॉर्मर पर खर्च 12.5 करोड़
वाटर टैंकर व अन्य 8 करोड़
वार्डों के विकास पर 72 करोड़
मेयर व आयुक्त के आवास निर्माण पर खर्च 2 करोड़
लैपटॉप मिलते ही चेहरे पर छायी खुशी
नगर निगम की विशेष बैठक में पार्षदों को लैपटॉप दिया गया. लैपटॉप सबसे पहले वार्ड नंबर एक के पार्षद संजय कुमार सिंह को दिया गया. लैपटॉप मिलते ही उनके चेहरे पर खुशी छा गयी. उन्होंने तुरंत लैपटॉप ऑन कर इसके फीचर्स का जायजा लिया. इसके बाद सदन में उपस्थित सभी वार्ड पार्षदों को लैपटॉप उपलब्ध कराया. टेन्योर खत्म हो जाने के बाद लैपटॉप निगम के स्टोर में जमा कराना होगा.
सीएम के निश्चय को दी गयी है प्राथमिकता
पहली बार निगम में 215 करोड़ रुपये मुनाफे का बजट पारित किया गया है. इस बजट में मुख्यमंत्री के निश्चय को प्राथमिकता दी गयी है, ताकि नागरिकों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिल सके. जलापूर्ति योजना व ठोस कचरा प्रबंधन योजना को भी बजट में प्रमुखता दी गयी है.
अफजल इमाम, मेयर, नगर निगम
सरकार से काफी फंड मिल रहा है
बजट काफी सोच-समझ कर जनता के हित में बनाया गया है. राज्य सरकार से काफी फंड मिल रहा है, जिसके माध्यम से एक-एक वार्ड को प्राथमिकता के साथ विकसित किया जायेगा. मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से तीन निश्चय को धरातल पर उताने की कोशिश करेंगे.
जय सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम
शादी में आये हैं क्या
बजट पर चर्चा के दौरान होटल के वेटर सदस्यों के बीच स्नैक्स वितरित कर रहे थे. एक वेटर जब पार्षद विनय कुमार पप्पू के पास पहुंचा तो पप्पू ने मेयर से कहा कि अध्यक्ष महोदय बैठक में आये हैं या शादी समारोह में. बैठक की गरिमा बनाये रखें. इसके जवाब में मेयर ने कहा कि पार्षदों की मांग पर ही होटल में बैठक आयोजित की गयी है. अगर खाने पर आपत्ति है, तो वेटर को मना कर दें.
वसूली का दें ब्योरा
वार्ड पार्षद दीपक कुमार चौरसिया ने सवाल उठाया कि वर्षों से विज्ञापन व मोबाइल टावर से लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है. सदन को बताया जाये कि अब तक कितनी वसूली की गयी है और आने वाले वर्ष में कितनी वसूली होगी. इसके जवाब में नगर आयुक्त जय सिंह ने बताया कि दोनों मामले हाइकोर्ट में चल रहे हैं. इससे प्रशासन के हाथ बंधे हुए हैं. हालांकि, विज्ञापन एजेंसिंयों ने खुद से 62 लाख रूपया जमा कराये हैं और अगले वित्तीय वर्ष में 1.50 करोड़ लक्ष्य रखा गया है. वहीं, मोबाइल टावर से 50 लाख रुपये का लक्ष्य रखा गया है.
अनुमान है या हकीकत
विनय कुमार पप्पू ने पूछा कि बजट में प्रत्येक वर्ष ठोस कचरा प्रबंधन, जलापूर्ति, वार्डों के विकास को लेकर फंड का प्रावधान किया जाता है. लेकिन, ये प्रावधान धरातल पर नहीं उतरते हैं. क्या इस बजट में किये गये प्रावधान हकीकत में तब्दील होंगे. इसके जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि निगम में राशि की कोई कमी नहीं है. वार्ड के लिए एक-एक करोड़ का प्रावधान किया गया, जिसके लिए पर्याप्त राशि है.