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पिपलावां ने शराब को दिया धक्का, बना जिले का पहला शराबमुक्त गांव
मिसाल. नौबतपुर की जैतिपुर पंचायत के आदमपुर पिपलावां गांव ने बनाया इतिहास पटना/नौबतपुर : नौबतपुर प्रखंड के जैतीपुर पंचायत का आदमपुर पिपलावां गांव जिले का पहला शराबमुक्त गांव बन गया है. यहां लगभग 210 घर हैं, जिसमें ज्यादातर घर शराब से दूर हो गया है. शराबमुक्त होने के बाद इस गांव में गुरुवार को जश्न […]
मिसाल. नौबतपुर की जैतिपुर पंचायत के आदमपुर पिपलावां गांव ने बनाया इतिहास
पटना/नौबतपुर : नौबतपुर प्रखंड के जैतीपुर पंचायत का आदमपुर पिपलावां गांव जिले का पहला शराबमुक्त गांव बन गया है. यहां लगभग 210 घर हैं, जिसमें ज्यादातर घर शराब से दूर हो गया है. शराबमुक्त होने के बाद इस गांव में गुरुवार को जश्न मनाया गया. जिला प्रशासन ने समारोह आयोजित किया और कला जत्था के कलाकारों ने लोकगीत और नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को शराब से दूर होने के फायदे बताये. जीविका के बैनर तले आयोजित समारोह में जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने इसे शराब मुक्त गांव घोषित किया.
इससे पहले डीएम संजय अग्रवाल जैसे ही गांव को शराब मुक्त करने की घोषणा करने पहुंचे कि गांव की कुछ महिलाएं खड़ी होकर डीएम को गांव के दूसरे छोर चलने के लिए इशारा किया. इसके बाद डीएम ने तुरंत अधिकारियों को भट्ठी तोड़ने के लिए कूच करने का इशारा किया. खरौना मुसहरी में शराब की भट्ठियां तोड़ी गयी और चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया.
क्या कहते हैं गांव के लोग?
समारोह में शराब नहीं पीने की शपथ लेने वालो में शामिल गनौरी मांझी ने बताया कि शराब पीकर घर जाने पर उसकी पत्नी से अक्सर झड़प हो जाया करती थी और बच्चे भी हमसे दूर हो रहे हैं.
इसलिए मैंने शपथ लिया है कि शराब को हाथ नहीं लगाऊंगा. उमेश मांझी ने बताया कि मजदूरी करने के बाद बदन हाथ मे बहुत दर्द होने के कारन शराब पीता था, लेकिन तबीयत बिगड़ गयी. इसके बाद जीविका की दीदी जी ने समझाया कि शराब से ही सेहत पर असर पड़ रहा है. शराब से सेहत और पैसे दोनो की बर्बादी है. फिर इलाज कराने को भी कोई मदद नहीं कर रहा था, तो मैंने शराब छोड़ने का मन बना लिया. विकलांग महिला फिलदौह जहां ने बताया कि इसी शराब की वजह से उनकी पढ़ाई नहीं हो सकी है. वह अपने पति को शराब पीने नहीं देंगी, जिससे उनके बच्चों के पढाई के लिए पैसा बच सके. असगरी खातुन ने कहा कि उनका पति शराब पीता था, लेकिन उन्होंने अपने पति को शराब नहीं पीने देने का बीड़ा उठाया है.
आदमपुर पिपलावां गांव को जानिए
आदमपुर पिपलावां की आबादी तीन हजार है. यहां मुख्यत: अत्यंत पिछड़ी जाति के लोग रहते हैं. तेली, रविदास, पासवान, चौधरी, महतो और मुस्लिम जाति के लोग हैं. कुल 210 परिवारों की 1710 महिलाएं जीविका संगठन से जुड़ी हैं. यहां के 110 घरों में शौचालय नहीं है.
इस गांव को शराब मुक्त घोषित करने के पहले जीविका ने सर्वे किया और फिर वहां से आंकड़े आए कि महज आठ घरों में लोग शराब पी रहे हैं. इसमें से तीन एडिक्ट हैं, जिन्हें नशामुक्ति केंद्र भेजा जाएगा और पांच लोगों की पत्नी ने गारंटी दी है कि उनके पति अब शराब को हाथ नहीं लगाएंगे.
अपने गांव को अल्कोहल फ्री बनाओ, शौचालय पाओ
रविशंकर उपाध्याय
पटना : क्या आपके गांव में अवैध शराब की भट्ठियां हैं? क्या लोग शराब पीकर घर और समाज में लड़ाई-झगड़ा करते हैं? इन सवालों के बीच एक सवाल यह भी कि क्या आपके गांव के ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं है? यदि इनके जवाब हां है तो आपके पास एक सुनहरा मौका है. आप अपने गांव को अल्कोहल फ्री बनाने का प्रण कीजिये. इसके लिए कार्ययोजना तैयार करें. एक सप्ताह के भीतर यदि गांव को शराब मुक्त बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो फिर आपके गांव के शौचालय विहीन सभी घरों में शौचालय बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से राशि मुहैया करायी जायेगी. हरेक एपीएल व बीपीएल परिवार को 12 हजार रुपये प्रशासन की ओर से शौचालय बनाने के लिए दिया जायेगा.
यह पहल पटना के डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने की है. उन्होंने पटना जिले के गांवों को अल्कोहल फ्री करने की सूचना प्रशासन को देने के बाद वहां पर जांच के बाद यह सुविधा प्रदान करने का भरोसा दिलाया है. नौबतपुर प्रखंड के आदमपुर पिपलावां गांव को अल्कोहल फ्री करने के दौरान जब डीएम ने वहां के शौचालय विहीन 111 घरों को शौचालय देने की घोषणा की तो पास के जैतीपुर गांव की एक महिला ने पूछ लिया कि क्या हम सब खुले में शौच करने जाएं? इसके बाद डीएम एसके अग्रवाल ने अन्य गांवों के लिए भी इस योजना की घोषणा की.
पांच गांवों को इसी सप्ताह मिलेगी सौगात : जिला प्रशासन की इस पहल का फायदा इसी सप्ताह पटना जिले के पांच गांवों को मिलेगा. जैतीपुर इस श्रेणी का दूसरा गांव होगा और फिर घोसवरी का तारशद, फुलवारी शरीफ का मोइउद्दीनपुर, बख्तियारपुर का केवलबिगहा और बेलछी का फतेहपुर गांव इस कड़ी में शामिल होंगे.
इन गांवों में जीविका की टीम सर्वे करेगी और फिर इसी सप्ताह उन्हें अल्कोहल फ्री गांव घोषित किया जायेगा. इसके बाद सभी शौचालय विहीन घरों को शौचालय निर्माण के लिए राशि दी जायेगी. राशि देने के पहले प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि शौचालय निर्माण का आधार खड़ा हो गया है, ताकि उन पैसों का कहीं भी दुरुपयोग नहीं हो.
डीएम ने बताया कि 31 मार्च तक पटना के सभी 23 प्रखंड में एक-एक अल्कोहल फ्री गांव बनायेंगे ताकि उससे पूरे प्रखंड को प्रेरणा मिले. ऐसे सभी गांव आदर्श गांव होंगे.
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