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यहां महिलाएं-बच्चे झोले में रख कर बेचते है अंगरेजी-देसी शराब
विजय सिंह पटना : सूबे में देशी शराबबंदी की तैयारी है. सीएम से लेकर पुलिस हेड क्वार्टर से साफ आदेश है कि शराब बिकी, तो थानेदार नपेंगे. इस फरमान को लागू होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं. मतलब कि वैध देशी शराब नहीं बिकेगी, लेकिन इससे पहले राजधानी के ताजा हालात की बात […]
विजय सिंह
पटना : सूबे में देशी शराबबंदी की तैयारी है. सीएम से लेकर पुलिस हेड क्वार्टर से साफ आदेश है कि शराब बिकी, तो थानेदार नपेंगे. इस फरमान को लागू होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं.
मतलब कि वैध देशी शराब नहीं बिकेगी, लेकिन इससे पहले राजधानी के ताजा हालात की बात करें, तो अवैध शराब की बिक्री पर कोई लगाम नहीं है. खास अड्डे हैं, जो रात भर रोशन रहते हैं. यहां सब कुछ उपलब्ध हैं, अंगरेजी शराब, बियर, देशी शराब झाेले में रख कर बेची जा रही है. इस ट्रैक पर पुलिस की कार्रवाई फौरी तौर पर सख्त नहीं दिख रही है. सवाल यह है कि अगर यही रवैया रहा, तो एक अप्रैल के बाद देशी शराब बंद के आदेश का पुलिस कैसे पालन करायेगी.
दरअसल अब तक के तामम प्रयास के बाद भी अवैध शराब रोकने में पुलिस सफल नहीं हो पायी है. बड़ी छापेमारी हुई, बड़ी बरामदगी हुई, भारी मात्रा में शराब पकड़ी गयी, लेकिन बिक्री नहीं रुकी. अब सरकारी आदेश के बाद पुलिस इस चुनौती से कैसे निबटती है, यह देखना होगा.
फिलहाल अभी पुलिस की तरफ से कोई सख्ती नहीं की जा रही है. जहां पहले शराब अैवध रूप से बिकती थी, वहां अब भी बिक रही है. महिलाएं और बच्चे झोले में शराब और बियर रख कर बेचते हैं. थाना क्षेत्र में क्या हो रहा है, पुलिस इससे अनजान नहीं है. फिर भी कार्रवई के नाम पर कुछ घर-पकड़ होती है, पर कारोबार रुकता नहीं है. हालांकि सिगौड़ी के थानेदार पर इसी को लेकर कार्रवाई हुई है, इसके बाद भी अन्य थानों पर कोई असर नहीं है.
खड़ी रहती है पुलिस की गाड़ी, पीछे सजता है मयखाना
अवैध शराब बिक्री के अलावा कुछ ऐसी अंग्रेजी शराब दुकानें हैं, जहां दुकान के बाहर खुलेआम मयखाना लगता है. इसमें इनकम टैक्स के पास, यारपुर डोमखाना के पास, सिपारा पुल के पास व हड़ताली मोड़ की शराब दुकानें शामिल हैं. इसके अलावा सबसे खास बात आर ब्लाॅक की शराब दुकान की है. यहां शाम से ही शराब दुकान के ठीक सामने पुलिस की जीप खड़ी रहती है और दुकान के पीछे खुलेआम जाम चलता है. मतलब कि पुलिस के संरक्षण में यह अवैध बार चलते हैं.
ये अड्डे रात भर रहते हैं ‘गुलजार’
राजधानी में अवैध शराब के कुछ खास अड्डे हैं, जहां बेरोकटोक बोतलें बिकती हैं. इसमें चीना कोठी और उसके आसपास का इलाका, स्टेशन गली, चितकोहरा पुल के नीचे, यारपुर डोम बस्ती, मीठापुर बस स्टैंड के सामने तथा धनुष पुल राजेंद्र नगर के नीचे शामिल हैं. इसके अलावा भी अवैध शराब बिक्री के कई ठिकाने हैं, जहां कुछ भी चोरी से नहीं होता है.
महिलाएं और बच्चे झोले में शराब और बियर रख कर बेचते हैं. पुलिस इससे अनजान नहीं है. इसके बाद भी इस मदहोशी के काले कारोबार को रोक नहीं पा रही है. साफ है कि यह पुलिस के लिए कमाऊ अड्डा है. यहां तक थानेदारी पाने के लिए जुगाड़ लगाने से पहले यह देख लिया जाता है कि किस थाना इलाके में अवैध शराब बिक्री से कितने की आमदनी है.
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