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गर्दनीबाग इलाके में फैला चिकेन पॉक्स

सावधान. पांच डॉक्टरों की टीम गठित इलाके में चिकेन पॉक्स के दर्जनों मरीज हैं, लेकिन अस्पताल ने महज दो मरीजों का ही आंकड़ा जिला स्वास्थ्य कार्यालय को भेजा है. पटना : अस्पताल प्रशासन के उदासीन रवैये और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों में इन दिनों चिकेन पॉक्स की बीमारी फैल रही है. इससे कई […]

सावधान. पांच डॉक्टरों की टीम गठित
इलाके में चिकेन पॉक्स के दर्जनों मरीज हैं, लेकिन अस्पताल ने महज दो मरीजों का ही आंकड़ा जिला स्वास्थ्य कार्यालय को भेजा है.
पटना : अस्पताल प्रशासन के उदासीन रवैये और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों में इन दिनों चिकेन पॉक्स की बीमारी फैल रही है. इससे कई मरीज गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं. यह स्थिति शहर के गर्दनीबाग इलाके की है. गर्दनीबाग अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा है कि इलाके में चिकेन पॉक्स तेजी से फैल रहा है. दुखद तो यह है कि इलाके में चिकेन पॉक्स के दर्जनों मरीज हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने महज दो मरीजों का ही आंकड़ा जिला स्वास्थ्य कार्यालय को भेजा है.
निरीक्षण के बाद खुली डॉक्टरों की पोल : स्वास्थ्य विभाग को महज दो मरीजों को चिकेन पॉक्स की रिपोर्ट देने का खुलासा तब हुआ, जब उसकी ओर से गठित जिला प्रतिरक्षा टीम गर्दनीबाग के कपलिया मुहल्ले में पहुंची.
प्रतिरक्षा अधिकारी प्रशांत कुमार संग पहुंची टीम ने जब मोहल्ले के लोगों से बात की, तो लगभग 20 मरीजों में चिकेन पॉक्स के लक्षण मिले. निरीक्षण के बाद गर्दनीबाग अस्पताल के पांच डॉक्टरों की मेडिकल टीम मोहल्ले में पहुंची और इलाज किया. इसके बाद यहां सुविधाएं बहाल की गयीं.
गंदगी से फैली बीमारी : तापमान में अचानक बदलाव के कारण और वायरस के प्रकोप से चिकेन पॉक्स की बीमारी पिछले 20 दिनों से फैल गयी है. एक से दूसरे लोगों में यह बीमारी फैल गयी.
कपलिया कॉलोनी में माला देवी, अंश कुमार, सिब्बु कुमार सहित 20 लोगों को चिकेन पॉक्स की बीमारी है. वहीं समाज सेवी दशरथ पासवान ने बताया कि यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इससे मरीजों में तेजी से चिकेन पॉक्स फैल रहा है. लेकिन, यहां डॉक्टरों की टीम नहीं आती है. इतना ही नहीं, दवा व इंजेक्शन भी नहीं दिया जाता है. इस संबंध में सिविल सर्जन गिरिंद्र शेखर सिंह से कई बार संपर्क साधा गया, लेकिन फोन नहीं उठाया.
चिकेन पॉक्स के लक्षण
चर्म रोग विशेषज्ञ व पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ सुधांशु कुमार सिंह ने बताया कि चिकेन पॉक्स की शुरुआत से पहले पैरों और पीठ में दर्द, हल्की बुखार व खांसी, भूख में कमी, सिर में दर्द, थकावट, उल्टियां जैसे लक्षण नजर आते हैं. 24 घंटे के अंदर पेट या पीठ और चेहरे पर लाल खुजलीदार फुंसियां उभरने लगती हैं, जो बाद में पूरे शरीर पर फैल जाती है. चिकेन पॉक्स के फफोले एक इंच चौड़े होते हैं और उनका तल लाल रंग का होता है. यह 2 से 4 दिनों में पूरे शरीर में तेजी से फैलते हैं.
इस तरह करें बचाव
बच्चों का समय-समय पर टीकाकरण जरूर करायें.चिकेन पॉक्स से बचाव के लिए सीएक्सवी वैक्सीनेशन एकमात्र विकल्प है. गर्भवती महिला को डोज दी जाती है, जिससे बच्चा सुरक्षित रहे. अगर गर्भवती महिला को दवा नहीं दी गयी है, तो जन्म के 14 हफ्ते के भीतर बच्चों को चिकेन पॉक्स की तीन डोज दी जानी चाहिए.
12 से 15 महीने की उम्र के बीच बच्चों को चिकेन पॉक्स का टीका और 4 से 6 वर्ष की उम्र के बीच बूस्टर टीका लगवा लेना चाहिए.
जिन मरीजों को बीमारी है उनसे दूरी बनायें, साथ ही मरीजों को फोकलों को नहीं फोड़ना चाहिए.समय पर दवा लेने से 4 से 6 दिन के अंदर खुद ठीक हो जाता है फोकला.
यदि फुंसियों में ज्यादा खुजली हो, तो छोटे बच्चों को 1 से 4 चम्मच और बड़े बच्चों को 1 से 2 चम्मच हल्दी को एक गिलास दूध में मिला कर दिन में दो बार देने से लाभ होगा.तुलसी के पांच पत्तों को चाय बनाते समय उबाल लें और छान कर पीने से दर्द, खुजली में राहत मिलती है.

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