वहीं, नगर आवास विकास विभाग ने रिसाइकिलिंग प्लांट लगाने की जिम्मेवारी बिहार अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (बुडको) को दी. बुडको प्रशासन पीपीपी मोड पर एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरा की. इसके बाद बुडको, निगम और चयनित एजेंसी के साथ एकरारनामा अप्रैल 2015 में हुआ. तीन माह में कूड़ा डंपिंग यार्ड में कंपोस्ट खाद उत्पादन प्लांट लगाने की डेडलाइन तय हुई, लेकिन 12 माह के बाद भी कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. अब कंपनी ने बुडको व विभाग को पत्र भेजा है, जिसमें कहा है कि प्लांट लगाने के लिए खाली भूखंड नहीं मिला है. इससे फिर पेच फंस गया है. वहीं निगम का कहना है कि हमने जमीन खाली करा दी है.
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तीन माह का एग्रीमेंट, 12 माह में भी नहीं बना कचरा रिसाइकिलिंग प्लांट, खींचतान में कचरा प्लांट का हो गया कचरा
पटना: पटना नगर निगम और एजेंसी की आपसी खींचतान में कचरा रिसाइकिलिंग प्लांट का ही कचरा निकल गया है. खाली भूखंड जमीन को लेकर मामला फंस गया है. इसकी वजह से तीन माह का काम साल भर के बाद भी पूरा नहीं हुआ है. दरअसल ठोस कचरा प्रबंधन योजना के तहत डोर टू डोर कचरा […]
पटना: पटना नगर निगम और एजेंसी की आपसी खींचतान में कचरा रिसाइकिलिंग प्लांट का ही कचरा निकल गया है. खाली भूखंड जमीन को लेकर मामला फंस गया है. इसकी वजह से तीन माह का काम साल भर के बाद भी पूरा नहीं हुआ है. दरअसल ठोस कचरा प्रबंधन योजना के तहत डोर टू डोर कचरा उठाव, ट्रांसपोर्टेशन और कचरा रिसाइकिलिंग प्लांट लगाने का कार्य पूरा करना है. इसमें डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व ट्रांसपोर्टेशन को लेकर उपकरण की खरीद निगम प्रशासन को करनी है.
25 एकड़ में फैला है डंपिंग यार्ड : निगम क्षेत्र से निकले कचरे को गिराने के लिए बैरिया में 25 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण किया गया. वहां रोजाना आठ से नौ सौ मीटरिक टन कचरे गिराये जा रहे हैं. स्थिति यह है कि पूरे डंपिंग यार्ड में कचरों का पहाड़ खड़ा हो गया है. इस स्थिति में कंपोस्ट खाद उत्पादन करनेवाले प्लांट को लगाने में मुश्किल हो रही है. हालांकि, चयनित एजेंसी ने एकरारनामा हुआ था, तो निगम प्रशासन ने प्लांट लगाने को लेकर भूखंड खाली कराया. लेकिन, एजेंसी ने कार्य शुरू करने में विलंब किया. नगर आयुक्त जय िसंह ने कहा कि चयनित एजेंसी ने पत्र भेजा है, जिसमें कचरा और धर्मकांटा से जुड़ी शिकायत की है.
शिकायत हो चुकी है दूर
बैरिया स्थित डंपिंग यार्ड में रिसाइकिलिंग प्लांट को लेकर किये गये एकरारनामे के बाद एजेंसी ने कई शिकायत विभाग और निगम से की थी. इसके निष्पादन के लिए निगम ने यार्ड में तीन दिनों तक कचरा नहीं गिराया. पीछे से रास्ता भी तैयार किया, ताकि रोजाना कचरा गिराने में परेशानी नहीं हो. फुलवारी, दानापुर, खगौल और नगर निगम को रोजाना कचरा गिराने का भी एग्रीमेंट किया गया, ताकि एजेंसी को परेशानी नहीं हो. इसके बावजूद एजेंसी ने प्लांट नहीं लगाया.
एक नजर में प्लांट
वर्ष 2008 में रिसाइकिलिंग प्लांट लगाने की बनी योजना
वर्ष 2009 में धर्मकांटा लगाया गया और कर्मियों की प्रतिनियुक्ति हुई
वर्ष 2012 में विद्युत व कंपोस्ट खाद उत्पादन लगाने की योजना बनी
अप्रैल 2015 में चयनित एजेंसी के साथ एकरारनामा हुआ
अगस्त 2015 तक कंपोस्ट खाद उत्पादन करनेवाला प्लांट लगना था और इससे से 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जाना है.
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