पटना : राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने कहा है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता का खास ख्याल रखा जायेगा. सड़क की गुणवत्ता की जांच अब मशीन से होगी. इसके लिए अलग से मॉनीटरिंग सेल बनाया जा रहा है, जो इस माह के अंत तक काम करने लगेगा. स्वतंत्र पर्यवेक्षक के तौक पर ग्रेजुएट इंजीनियर की सेवा ली जायेगी. वे गुरुवार को सूचना भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पांच लाल में 36 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इस मौके पर विभाग के सचिव विनय कुमार ने विस्तार से विभाग की योजनाओं और चल रहे काम की जानकारी दी. ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए विभाग कृतसंकल्प है.
सड़क निर्माण में गुणवत्ता का खास ख्याल रखा जा रहा है. केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की हकमारी की जा रही है, हमारा बकाया पैसा 8742 करोड़ नहीं दिया जा रहा है. इस बार भी बजट में पीएमजीएसवाइ में मात्र 19 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. बिहार को विशेष दर्जा तो नहीं ही मिला, 125 लाख करोड़ के भी पैकेज का भी पता नहीं है. केंद्र की नाइंसाफी के बाद भी हमलोग सड़क निर्माण में जुटे हैं.
सचिव विनय कुमार ने बताया कि राज्य की कुल 1.40 लाख किमी सड़क में से 1.22 लाख किमी सड़क विभाग के पास है. अगले पांच साल में सीएम ग्राम सड़क योजना से 250 से अधिक की आबादीवाले बसावटों के बारहमासी सड़क से जोड़ दिया जायेगा.
अभी 15 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण चल रहा है. राज्य के 31 हजार बसावट जो कोर नेटवर्क से छूटे हैं उनका सर्वे शुरू हो गया है. ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना से यहां सड़क का निर्माण होगा.
एमएमजीएसवाइ में 29861 किलोमीटर सड़क बनेगी. हर साल 5780 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. अब केंद्रीय एजेंसी की जगह विभाग खुद सड़क बनायेगा. 5000 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए विश्व बैंक राशि उपलब्ध करायेगा. 10 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए ब्रिक्स से लोन लिया जायेगा. पीएमजीएसवाइ फेज दो में 10 हजार किलोमीटर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जायेगी.