बाढ़ : निर्दयी बाप ने बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में जन्म लेनेवाली अपनी छठी बेटी को गंगा नदी के किनारे फेंक दिया. बच्ची के रोने की आवाज पर नदी किनारे गये लोगों ने उसकी खोज खबर ली. बच्ची को घास में देख कर लोग दंग रह गये. इस मामले की सूचना मिलते ही बाढ़ पुलिस ने मौके पर पहुंच बच्ची को अपनी सुरक्षा में ले लिया. छानबीन के दौरान पुलिस ने बच्ची के पिता का पता लगा लिया और इलाज के लिए बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में दाखिल कराया है.
जानकारी के अनुसार बाढ़ के बुढ़नीचक मिल्लकी गांव निवासी ठेला चालक प्रमोद यादव ने अपनी पत्नी लाक्षो देवी को मंगलवार को प्रसव पीड़ा के बाद अनुमंडल अस्पताल में भरती कराया. जहां उसने रात 11 बज कर 10 मिनट पर अपनी छठी बेटी को जन्म दिया. नवजात बच्ची के होंठ कटे हुए हैं, जिसे देखते ही उसकी इलाज में होनेवाले खर्च नहीं उठा पाने के कारण लाक्षो निराश हो गयी. अस्पताल प्रबंधन द्वारा मां और बच्ची की तसवीर खींची गयी. बुधवार की सुबह लाक्षो देवी को अस्पताल से डिसचार्ज कर दिया गया. इसके बाद उसके पति प्रमोद यादव ने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया. इसके बाद प्रमोद ने मासूम बच्ची को कपड़े में लपेट कर गंगा नदी के किनारे फेंक दिया. इसमें लाक्षों की भी सहमति थी.
दंपती को पहले से हैं पांच बेटियां
प्रमोद को पूर्व से पांच बेटियां हैं, जिनमें पूजा 12 वर्ष, नेहा 10 वर्ष, छोटी आठ वर्ष, जूली पांच वर्ष व फुदों दो वर्ष की हैं. वहीं उसे चार वर्ष का पुत्र रोहित है जो गांव के आंगनबाड़ी में पढ़ रहा है.
प्रमोद ने बताया कि वह नवजात पुत्री के कटे होठ देख कर निराश हो गया था. पत्नी के कहने पर उसने इस तरह का काम किया है. वह अपनी छठी पुत्री को अपनाने के लिए तैयार है. उससे गलती हुई है , जिसका वह सुधार करना चाह रहा है. बाढ़ पुलिस ने इस संबंध में प्रमोद यादव व लाक्षो देवी को समझा कर बच्ची सौंप दिया है.