aबजट पर चर्चा. वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा में किया दावा
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बजट पर चर्चा : विकास का उच्च दर हासिल करेगा बिहार
aबजट पर चर्चा. वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा में किया दावा पक्ष-विपक्ष की ओर से टीका-टिप्पणी भी हुई बिहार को यदि विशेष राज्य का दर्जा मिला होता, तो संकट नहीं झेलना पड़ता पटना : महागंठबंधन की सरकार बिहार का समावेशी और स्थायी विकास करेगी. हम विकास का उच्च वृद्धि दर हासिल करने में […]
पक्ष-विपक्ष की ओर से टीका-टिप्पणी भी हुई
बिहार को यदि विशेष राज्य का दर्जा मिला होता, तो संकट नहीं झेलना पड़ता
पटना : महागंठबंधन की सरकार बिहार का समावेशी और स्थायी विकास करेगी. हम विकास का उच्च वृद्धि दर हासिल करने में कामयाब होंगे. यह दावा बुधवार को वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा में किया है. वे विधानसभा में वर्ष 2016-17 के बजट पर सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे. उनके जवाब से असंतुष्ट विपक्ष सदन से वाॅकआउट कर गया. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अपने ‘सात निश्चयों’ में तो कुछ बजट के पहले ही पूरे कर दिये हैं.
महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पहले ही पूरा कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में वाइ-फाइ की सुविधाएं मिलनी शुरू हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दो वर्षों में घर-घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य भी हासिल कर लेगी. अप्रैल, 2016 से सरकार सातों निश्चयों पर युद्ध स्तर पर काम करना शुरू कर देगी.
वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि ‘सुशासन के कार्यक्रम’ व ‘सात निश्चयों’ को जमीन पर उतारने के लिए संसाधनों का जुगाड़ करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, पर हमें भरोसा है कि हम संसाधन जुटा लेंगे. उन्होंने कहा कि यदि बिहार के हिस्से की केंद्रीय करों में कटौती न होती, तो सरकार ‘सात निश्चयों’ को तय समय से पहल अमली जामा पहनाने में सफल रहती.
उन्होंने कहा कि केंद्र से इस वर्ष 64,973. 82 करोड़ मिलने का अनुमान था, पर मिलेगा अब 55,235. 71 करोड़ ही. यानी 9740.11 करोड़ कम मिलेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र ने विभिन्न तरह के सेस भी लगाये हैं, किंतु इस मद का कोई हिस्सा बिहार को नहीं मिलेगा. उन्होंने केंद्र सरकार से 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर बिहार को उसका हिस्सा मुहैय्या कराने की अपील की.
वित्त मंत्री ने तय राशि भी खर्च न कर पाने के विपक्ष के आरोपों के जवाब में कहा कि सरकार ने सभी विभागों को चेतावनी दी है कि 31 मार्च तक स्वीकृत राशि खर्च न करने वालों विभागों के वर्ष 20160-17 के आउट-ले में कटौती कर दी जायेगी.
उन्होंने केंद्र सरकार पर बिहार की हकमारी करने का आरोप लगाया. बीआरजीएफ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और इंदिरा आवास योजना सहित कई योजनाओं में कटौती की गयी है, इसको ले कर सूबे पर 4800 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि बिहार को यदि विशेष राज्य का दर्जा मिला होता, तो यह संकट नहीं झेलना पड़ता. तब हमें केंद्र से 90 प्रतिशत का अनुदान मिलता.
नंद किशोर को गुस्सा क्यों आता है
वित्त मंत्री अब्दुल वारी सिद्दिकी और भाजपा नेता नंद किशोर यादव के बीच खूब नोक-झोंक हुई. वित्त मंत्री ने कहा कि नंद किशोर यादव को गुस्सा क्यों आता है. दोनों ने एक दूसरे पर शायराना अंदाज में आरोप-प्रत्यारोप भी लगाये. सिद्दीकी ने भाजपा विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मेरा हाथ-हाथ, तुम्हारा हाथ कर-कमल, मेरा पैर-पैर, तुम्हार पैर पदुका-चरण, मेरा मुंह-मुंह, तुम्हारा मुंह मुख-मंडल..’.
इसके जवाब में भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने फिल्मी गीत का मुखड़ा सुनाया-‘ झूठ बोले कौआ काटे..’. उन्होंने कहा कि यदि सिद्दिकी साहेब झूठ बोलियेगा, तो कौआ काट लेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि पक्ष-विपक्ष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. विपक्ष हमारी कमियों को सार्थक ढ़ंग से सुझाव दे, उसका स्वागत है.
धान खरीद का 683 करोड़ भुगतान
पटना : विधान परिषद में धान खरीद मामले में उठाये गये सवाल का जवाब दो मंत्रियों ने दिया. हालांकि, मंत्री के जवाब देने के क्रम में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार माेदी ने खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी से कहा कि लेटेस्ट आंकड़ा ठीक कर लीजिये. भाजपा के कृष्ष्ण कुमार सिंह, लाल बाबू प्रसाद व मंगल पांडेय ने धान खरीद से संबंधित सवाल किया. जवाब में खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि 24 फरवरी तक 6़ 63 लाख मीटरिक टन धान की खरीद हुई है. धान खरीद के मामले में किसानों को 683 करोड़ भुगतान किया गया है.
मंत्री के जवाब देने के क्रम में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंत्री जी आपके विभाग के साइट पर लेटेस्ट आंकड़ा आठ लाख मीटरिक टन धान खरीद का है. आंकड़ा ठीक कर लीजिये. उन्होंने कहा कि जिले में जितने धान खरीद का लक्ष्य था उससे बहुत कम खरीद हुई है. बीच में सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने उठ कर कहा कि सहकारिता विभाग से भी यह मामला जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य खाद्य निगम को दो लाख दो हजार छत्तीस मीटरिक टन चावल तैयार कर दिया गया है.
राज्य खाद्य निगम के द्वारा पैक्स को 343़ 22 करोड़ का भुगतान किया गया है. वहीं, संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा में कहा कि बिहार में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य हर हाल में पूरा होगा. वे विधायक रामदेव राय के ध्यानाकर्षण पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि एक मार्च तक पैक्सों द्वारा 7,99,398 मीटरिक टन धान की खरीद हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में इस तिथि से से ज्यादा है. 31 मार्च तक 30 लाख मीटरिक टन धान की अधिप्राप्ति का जो लक्ष्य है उसे पूरा कर लिया जायेगा. विपक्ष के वेल में हंगामे के बीच श्रवण कुमार ने जवाब दिया.
किसानों की समस्या होगी दूर
सहरसा के किसानों की समस्या जल्द दूर होगी. पूर्वी कोसी तटबंध के सटे पूर्वी भाग में सीपेज और नहरों के पानी की वजह से बहुत सारी जमीन में जल जमाव के कारण खेती नहीं पा रही है. इसके लिए अब चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में एक टीम स्थल का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी.
विधायक दिनेश चंद्र यादव के सवाल पर यह आश्वासन जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने दिया. बिहार विधानसभा में उन्होंने कहा कि चीफ इंजीनियर विधायक दिनेश चंद्र यादव को भी अपने साथ रख लेंगे और जो भी क्षेत्र की समस्या होगी उस पर जानकारी ले कर रिपोर्ट देंगे. मंत्री ने 100 एकड़ जमीन के जल जमाव की बात कही. इस पर विधायक नीरज कुमार सिंह ने कहा कि 10 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन इसमें फंसी हुई है. यह मामला हाल फिलहाल का नहीं 20 सालों से चला आ रहा है. उधर, विधायक सीताराम यादव ने मधुबनी जिले के बासोपट्टी में बछराजा नदी के लिए स्लूइस गेट नहीं होने से किसानों की समस्या का सवाल उठाया. इस पर जल संसाधन मंत्री ने कहा कि स्लूइस गेट का कोई प्रस्ताव नहीं है और यह बरसाती नदी है. इस पर सदस्य ने बताया कि यह बरसाती नदी नहीं स्थायी है. इससे किसानों व सरकार को लाभ होगा और उत्पादन बढ़ेगा.
अशोक सिंह ने मांझी को घेरा
जदयू के औरंगाबाद जिले के रफीगंज के विधायक अशोक कुमार सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के एक दिन पहले दिये बयान को खारिज करते हुए उनसे माफी मांगनें की मांग की. शून्यकाल में जदयू विधायक ने यह मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि रफीगंज के जदयू विधायक अशोक कुमार सिंह ने शून्यकाल शुरू होते ही सबसे पहले इस मामले को उठाया. उन्होंने स्पीकर विजय कुमार चौधरी से कहा कि जीतन राम मांझी ने जो बयान दिया है उसके लिए वे या तो सबूत पेश करें या फिर सदन में माफी मांगें. कमीशन पर उनके बयान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान हुआ है.
इस पर स्पीकर ने उसे व्यवस्था का प्रश्न मानने से इनकार कर दिया. लेकिन, सिंह चुप नहीं हुए. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम ने बिना किसी सबूत या प्रमाण के ही आरोप लगा रहे हैं. जिस समय अशोक कुमार सिंह सदन में इस मामले को उठा रहे थे, उस समय पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी सदन में मौजूद थे. इधर, सदन के बाहर मांझी अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने अपने आरोपों को सही मानते हुए सीबीआइ जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर उनके आरोप गलत साबित हुए तो वे विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.
पटना : विधानसभा में बुधवार को विपक्ष ने शून्यकाल में राज्य की विधि व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया और वेल में उतर तक जमकर नारेबाजी की. विपक्षी सदस्य शून्यकाल और ध्यानाकर्षण के दौरान वेल में ही रहे अौर सरकार विरोधी नारे लगाये.
मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा जहां कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा कर रही थी, वहीं रालोसपा के विधायक रोहतास के दर्जन से ज्यादा प्रखंडों में पीने का पानी नहीं मिलने की समस्या को लेकर वेल में उतर आये थे. शून्यकाल में सदस्यों ने क्षेत्रहित से लेकर राज्यहित का मामला उठाया. इस दौरान पक्ष-विपक्ष की ओर से टीका-टिप्पणी भी की गयी. शून्यकाल में भागरथी देवी जब समस्या उठी रही थीं तो सत्ता पक्ष के लोगों ने कुछ कहा तो वह उखड़ गयीं. उन्होंने कहा कि हुजूर हमर बात गौर से सुनल जाये. आ गइल बा, और इहां बड़का बनल बा. इनका समझायल जाये. खाली हाऊ-हाऊ बोलते बारन.
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सदन में शून्यकाल में पुराने सदस्य भाषण दे रहे हैं.नियम प्रक्रिया को सरकार गंभीरता से लेती है और उसी पर सरकार जवाब देगी. अगर नये विधायक ऐसा करते हैं तो वह क्षम्य है. हम लोग यहां भाषण सुनने के लिए नहीं बैठे हैं. वहीं, स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शून्यकाल में तुरंत हुई घटना की बात उठायी जाती है. इसमें पुराने मामले को न उठाएं. वहीं, विधान परिषद में जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल के बयानवाजी के खिलाफ वेपक्ष वेल में उतरा.
विपक्षी सदस्यों ने वेल में राज्य में बढ़ रहे अपराध व सत्ताधारी विधायकों के कारनामे के खिलाफ सरकार विरोधी नारे लगाये गये. विपक्ष के हंगामे को लेकर सदन की कर्रवाई भोजनावकाश से लगभग आधा घंटे पहले स्थगित कर दी गई. इससे पहले सदन की कार्रवाई दोपहर बारह बजे जैसे ही शुरू हुई भाजपा के लाल बाबू प्रसाद व रजनीश कुमार ने जदयू विधायक गोपाल मंडल के विवादित बयान व बढ़ रहे अपराध को लेकर चर्चा कराने की सभापति से मांग की.
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