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सरकारी दफ्तरों के खाते सीज कर वसूली
आयकर विभाग का बिहार में पहली बार इतने बड़े स्तर पर अभियान पटना : आयकर विभाग ने बकाये टैक्स या टीडीएस की वसूली के लिए बिहार और झारखंड में बड़े स्तर पर अभियान चला रखा है. बिहार के सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के अलावा कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बैंक खातों को सील करके बकाये […]
आयकर विभाग का बिहार में पहली बार इतने बड़े स्तर पर अभियान
पटना : आयकर विभाग ने बकाये टैक्स या टीडीएस की वसूली के लिए बिहार और झारखंड में बड़े स्तर पर अभियान चला रखा है. बिहार के सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के अलावा कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बैंक खातों को सील करके बकाये टैक्स की वसूली शुरू की जा रही है.
आयकर विभाग इस तरीके से अब तक करीब 35 करोड़ रुपये बकाये टैक्स को वसूल चुका है. यह अभियान अब भी जारी है. आयकर विभाग ने खासकर बड़े बकायेदारों की सूची तैयार कर बकाये की वसूली का काम शुरू कर रखा है. यह अभियान मार्च तक जोर-शोर से चलाया जायेगा. इसमें बिहार सरकार के कई विभागों के अनुमंडल या जिलास्तरीय कार्यालय भी शामिल हैं.
इस तरह की जा रही यह प्रक्रिया
जिनके पास काफी मात्रा में टैक्स बकाया है, उन्हें विभाग दो बार नोटिस देता है. इसके बाद भी अगर किसी ने टैक्स नहीं जमा किया है, तो उसके बैंक खाते का पता करके आयकर विभाग पहले संबंधित खाते को सील कर देता है.
इसके बाद इन खातों में से बकाये टैक्स के रुपये को विभाग अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता है. इस तरह बकाये टैक्स की वसूली जुर्माना के साथ आयकर विभाग कर रहा है. कई जिलों में सरकारी विभागों के कार्यालयों में भी बकाये टैक्स की वसूली इस तरह से की गयी है. पटना, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा समेत कई जिलों की ट्रेजरी से इस तरह से वसूली आयकर विभाग कर चुका है.
गलत पैन नंबर
सरकारी कार्यालयों में टैक्स में गड़बड़ी की बात दूसरे तरीके से सामने आ रही है. यहां काम करनेवाले कर्मचारियों का संबंधित कार्यालय ने गलत पैन नंबर जमा कर दिया है या टीडीएस जमा ही नहीं किया है.
इस कारण इनका टैक्स बकाया दिखा रहा है. सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण विभागों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है. हालांकि, इसे ठीक करने के बाद कई सरकारी कार्यालयों के काटे गये टैक्स वापस भी हो सकते हैं, जबकि निजी व्यवसायियों या प्रतिष्ठानों में टैक्स की गड़बड़ी सामने आयी है.
इन सरकारी कार्यालयों के खाते सील
पटना जिला भू अर्जन कार्यालय, एलआइसी (पटना व समस्तीपुर), बिहार टेक्सबुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन, एनएमसीएच, राज्य पुल निर्माण निगम लि (सीतामढ़ी), बीआरए विवि, बेतिया नगर पर्षद, स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, सीतामढ़ी सिविल सर्जन, दरभंगा के एमएलएसएम कॉलेज, एमएलएसएम कॉलेज, सीएम कॉलेज व केएस कॉलेज, एनएचएआइ (मधुबनी), समस्तीपुर कॉलेज, पटना जीपीओ, केवि (दरभंगा), एलएनएम विवि, बीएसएफसी (दरभंगा), आरएन कॉलेज (पंडौल), ग्रामीण कार्य विभाग कार्यालय (सीतामढ़ी), एसकेएमसीएच, अधीक्षण अभियंता (ग्रामीण कार्य, छपरा डि), अधीक्षण अभियंता (ग्रामीण कार्य, नरकटियागंज), बिजली सर्किल (दरभंगा), दूरसंचार (दरभंगा), डीएमसीएच, जेएस कॉलेज (चंदौली), बीएसएनएल (दरभंगा), वीएस जनता कॉलेज (मधुबनी), एमकेएस कॉलेज (चंदोना), आरा के एचडी जैन कॉलेज, सहजानंद ब्रह्मर्षी कॉलेज व वीर कुंवर सिंह विवि, ग्रामीण कार्य वि कार्यालय (पुपरी), आरइओ (बेनीपुर) और कॉलेज ऑफ कॉमर्स.
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