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बैंक रहित 13 प्रखंडों में खुली शाखाएं
सफलता. हर प्रखंड मुख्यालय में खुल गये बैंक पटना : बिहार के हर प्रखंड मुख्यालय में अब बैंक शाखा खुल गयी है. 06 जनवरी को एसएलबीसी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बैंक रहित प्रखंडों का मामला उठाये जाने के बाद आरबीआइ ने मॉनिटेरिंग करते हुए खाली पड़े 13 ब्लॉकों में बैंक शाखाएं खुलवा […]
सफलता. हर प्रखंड मुख्यालय में खुल गये बैंक
पटना : बिहार के हर प्रखंड मुख्यालय में अब बैंक शाखा खुल गयी है. 06 जनवरी को एसएलबीसी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बैंक रहित प्रखंडों का मामला उठाये जाने के बाद आरबीआइ ने मॉनिटेरिंग करते हुए खाली पड़े 13 ब्लॉकों में बैंक शाखाएं खुलवा दी है. इनमें पांच प्रखंडों में कॉमर्शियल बैंक की जबकि आठ प्रखंडों में ग्रामीण बैंक की शाखाएं खोली गयी है. आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने बताया कि संबंधित जिलों के लीड बैंकों ने पुष्टि की है कि बैंक रहित सभी 13 ब्लॉक को कम से कम एक बैंक शाखा के साथ कवर किया गया है.
हर पांच हजार की आबादी पर बैंक शाखा : श्री वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार पांच हजार आबादी वाली हर पंचायत में एक बैंक शाखा खोलना चाहती है. आरबीआइ ने इसके लिए बैंकों को निर्देश दिया है कि ऐसे गांवों की पहचान कर वहां पर ब्रिक एवं मोर्टार शाखाएं खोले, लोगों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिले व वित्तीय समावेशन सुनिश्चित हो. एसएलबीसी ने आरबीआइ को सलाह दी थी कि वैसे गांवों की पहचान करे, जहां की आबादी पांच हजार से अधिक हो, लेकिन उनमें बैंक शाखा न हो. आरबीआइ ने इस तरह के 1,640 गांवों की पहचान कर उनमें 31 मार्च तक शाखाएं खोलने का लक्ष्य रखा है. बैंकों को लक्ष्य देकर हर तिमाही उसकी समीक्षा भी की जा रही है.
साल भर में 60.95 फीसदी बढ़ा सीडी रेशियो : उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा राज्य की कम सीडी अनुपात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. इसकी भी लगातार मॉनिटेरिंग की गयी है.
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2014 से लेकर दिसंबर 2015 की अवधि में जमा करने की दर 12.52 फीसदी रही, जबकि एडवांस 20.96% बढ़ा. इस प्रकार दिसंबर 2014 से दिसंबर 2015 के लिए वृद्धिशील सीडी अनुपात 60.95% रहा. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि एमएसएमइ क्षेत्र व बिहार में कृषि पर ध्यान केंद्रित करने के कारण रही.
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