पटना: नये बैंकिंग कानूनों के खिलाफ और वेतन समझौते को लागू करने आदि मांगों को लेकर बिहार समेत पूरे देश के बैंककर्मी बुधवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. इसका असर राजधानी समेत गया, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, छपरा, मोतिहारी, पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, बिहारशरीफ, नवादा, बांका आदि जिलों में साफ दिखा. इस दौरान राष्ट्रीयकृत, निजी, विदेशी, ग्रामीण से लेकर सहकारी बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों में काम-काज नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हुई. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर राज्य के 40 हजार अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे, जबकि देश भर में आठ लाख अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए.
निजी बैंक भी ठप रहे : बैंक संगठनों ने निजी क्षेत्र के बैंकों व एटीएम को भी ठप कराया. सुबह 10 बजे निजी व विदेशी बैंक खुले, लेकिन 12 बजे के बाद धीरे-धीरे सभी बैंकों को बंद करा दिया गया. एक्जीबिशन रोड स्थित स्टैंडर्ड चार्टर्ड, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, गांधी मैदान स्थित एचएसबीसी को भी संगठन के लोगों ने बंद कराया.
कारोबार हुआ बाधित : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक एवं बिहार प्रोविंसियल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री पीडी सिंह व सहायक सचिव संजय तिवारी ने बताया कि इस एक दिवसीय हड़ताल से 45 हजार करोड़ रुपये का कारोबार बाधित हुआ.
अकेले पटना में 15 हजार करोड़ रुपये का चेक क्लियरिंग नहीं हो सका. हड़ताल में शामिल संगठन : हड़ताल में एआइबीइए, एआइबीओसी, एनसीबीइ, एआइबीओए, बीइएफआइ, आइएनबीइएफ, आइएनबीओसी, एनओबीओ आदि बैंक संगठन शामिल हुए.