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सुखमय जीवन के लिए श्रद्धा जरूरी
रामकथा. शिव विवाह का रोचक प्रसंग पटना : रामकथा के दूसरे दिन मंगलवार को संत श्री सुधीरजी महाराज ने कहा कि जिसमें श्रद्धा नहीं, उसका जीवन सदा दुखमय रहेगा. सांसारिक मोह में पड़ कर लोग दूसरों के प्रति श्रद्धा नहीं रखते हैं. हमेशा दूसरे का भला नहीं चाह कर उसके बुरा होने के बारे में […]
रामकथा. शिव विवाह का रोचक प्रसंग
पटना : रामकथा के दूसरे दिन मंगलवार को संत श्री सुधीरजी महाराज ने कहा कि जिसमें श्रद्धा नहीं, उसका जीवन सदा दुखमय रहेगा. सांसारिक मोह में पड़ कर लोग दूसरों के प्रति श्रद्धा नहीं रखते हैं. हमेशा दूसरे का भला नहीं चाह कर उसके बुरा होने के बारे में सोचते रहते हैं. ऐसे लोगों का कभी भला नहीं होता है.
श्री महाराजजी ने शिव विवाह का रोचक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि पार्वती के जन्म के पहले हिमाचल सूखा पड़ा था, लेकिन उनके जन्म के बाद हिमाचल हरा- भरा हो गया. पार्वती के जन्म के बाद नारद मुनि हिमाचल राजा के पास पहुंचे. हिमाचल राजा ने अपनी पुत्री पार्वती की हस्तरेखा देखने को कहा.
नारद मुनि ने कहा कि पार्वती की रेखा, तो विलकुल जगदम्बा की तरह है, लेकिन एक रेखा विवाह की कटी-फटी है. इसका पति नंग-धड़ंग व भूत-प्रेत के साथ रहनेवाला होगा. यह सुनकर पार्वती की माता मैना क्रोध से जल उठीं. इसके बाद नारद मुनि ने कहा कि यह सब लक्षण भगवान शंकर से मिलता जुलता है. लेकिन, शंकर को पाने के लिए पार्वती को कठिन तपस्या करनी होगी. इसके लिए पार्वती को तैयार करना होगा.
जब मैना रानी पार्वती के पास पहुंचीं, तो उसे बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी. संत श्री सुधीरजी महाराज ने कहा कि गुरु खोजा नहीं जाता, बल्कि स्वयं प्रकट होते हैं. भारत की संस्कृति गुरु प्रधान है. गुरु इसलिए बनाये जाते हैं किमनुष्य अहंकार व विकृतियों से बचे व जीवन सदमार्गी बने. कथा के दौरान विजय कुमार, किशोर पुरिया, नवनीत रंजन, विनय कुमार, मोती लाल खेमका आदि मौजूद थे.
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