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दुगुना के नाम 300 गरीबों से ठग लिये एक करोड़
फुलवारीशरीफ: तीन सौ गरीब मजदूरों की पसीने की कमाई नन बैकिंग बेसिल इंटरनेशनल लिमिटेड में साढ़े पांच साल में दुगना करने के लालच में एक करोड़ से अधिक की राशि जमा की थी. समय पूरा होने पर मित्रमंडल कॉलोनी, साकेत विहार में स्थित नन बैंकिंग के मनैजर विनय कुमार भगत के घर के सामने रविवार […]
फुलवारीशरीफ: तीन सौ गरीब मजदूरों की पसीने की कमाई नन बैकिंग बेसिल इंटरनेशनल लिमिटेड में साढ़े पांच साल में दुगना करने के लालच में एक करोड़ से अधिक की राशि जमा की थी. समय पूरा होने पर मित्रमंडल कॉलोनी, साकेत विहार में स्थित नन बैंकिंग के मनैजर विनय कुमार भगत के घर के सामने रविवार को उपभोक्ताओं ने धरना-प्रदर्शन करके जमा धन की वापसी को लेकर नारेबाजी की. पीड़ितों ने एसएसपी से लेकर पुलिस के आलाधिकारी से भी न्याय की गुहार लगायी , पर कहीं से भी न्याय न मिलता देख उन्होंने मैनेजर के घर के आगे धरना- प्रदर्शन किया .
रुपये हड़प बनाया मकान
पीड़ितों का कहना था कि नन बैंकिंग कंपनी के मैनेजर ने गरीबों के रुपये हड़प कर आलीशान मकान बना लिया है. पीड़ित उपभोक्ताओं में केदार पासवान , कन्हैया नगर दो लाख, नगीना पासवान , चुहरमल नगर डेढ़ लाख , श्याम कांत प्रसाद, चुहरमल नगर , नब्बे हजार , राजेश पासवान दो लाख , शकुंतला देवी पच्चीस हजार , अमर पासवान बीस हजार , पूजा देवी दस हजार , प्रद्युमन कुमार सत्रह हजार , सोनी देवी पचास हजार , वीरेंद्र कुमार दस हजार , रानी देवी तीस हजार समेत तीन सौ गरीब मजदूरो ने बेसिल इंटरनेशनल लिमिटेड नन बैंकिंग कंपनी में अपने करोड़ों रुपये जमा कराये थे. केदार पासवान ने बताया कि नन बैंकिंग कंपनी के मैनेजर विनय कुमार भगत ने एजेंट राम बालक ठाकुर , श्याम बाबू महतो , रवींद्र कुमार व उपेंद्र पासवान को गरीबों से रुपये जमा कराने के लिए बहाल किया था.
रुपये दोगुना का दिखाया सब्जबाग
एजेंट ने उनलोगों को साढ़े पांच साल में दोगुना रुपये हो जाने का सब्जबाग दिखाया था . पीड़ितों को मुताबिक साढ़े पांच साल पूरा हो जाने पर जब अपने रुपये की मांग की, तो मैनेजर विनय कुमार भगत ने अक्तूबर, 2015 में सभी को रुपये देने की बात कही थी़ आश्वासन के चार महीनों के बाद भी जब रुपये नहीं मिले, तो उनलोगों ने गोलबंद होकर मैनेजर के घर पहुंच कर दबाव बनाना शुरू किया ़ इसी बीच 17 जनवरी को मैनेजर विनय ने उपभोक्ताओं के साथ मारपीट की व जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया़ उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी एसएसपी , एसडीओ सदर , फुलवारीशरीफ थाने व महादलित आयोग को दी, पर कहीं से भी किसी तरह की मदद नहीं मिली, तो मैनेजर के घर का घेराव कर धरना- प्रदर्शन किया . इस बाबत थानेदार अकिल अहमद ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है .
क्या कहना है मैनेजर का
मैनेजर विनय कुमार भगत ने कहा कि उन्होंने रुपये देने से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हमने उपभोक्ताओं से कहा कि कंपनी का हेड ऑफिस कोलकाता में है. सभी उपभोक्ता कोलकाता चलें, वहां उनका पैसा मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि कंपनी ने उपभोक्ताओं से पैसे जमा करने के लिए जिन एजेंटों को बहाल किया था, उन्होंने उपभोक्ताओं का पूरा पैसा नहीं जमा किया है.
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