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नहीं चेते तो, अगलगी की घटना हुई तो सचिवालय में जान बचाना होगा मुश्किल

पटना: राज्य के लोगों के लिए जहां नियम-कानून बनते हैं, वही जगह अगलगी और अन्य आपदा से महफूज नहीं है. यह खुलासा तब हुआ, जब अग्निशमन अधिकारियों ने अगलगी से बचाव को लेकर सचिवालयों का सेफ्टी ऑडिट किया. यह हाल केवल पुराना सचिवालय का ही नहीं है, बल्कि सचिवालय के तमाम भवनों का है. मालूम […]

पटना: राज्य के लोगों के लिए जहां नियम-कानून बनते हैं, वही जगह अगलगी और अन्य आपदा से महफूज नहीं है. यह खुलासा तब हुआ, जब अग्निशमन अधिकारियों ने अगलगी से बचाव को लेकर सचिवालयों का सेफ्टी ऑडिट किया. यह हाल केवल पुराना सचिवालय का ही नहीं है, बल्कि सचिवालय के तमाम भवनों का है. मालूम कि सचिवालय में राज्य सरकार के सभी आला अधिकारियों के बैठने की जगह है और ऐसे में यह महत्वपूर्ण जगह कभी भी किसी संकट में घिर सकता है.

मुख्य भवन से बाहर निकलने के अधिकतर रास्ताें को बंद कर दिया गया है. ऑफिस के बाहरी हिस्से से भी बाहर आने का कोई इंतजाम नहीं है. सेफ्टी आॅडिट ने आपदा की घड़ी में लोगों को भवन से बाहर निकालने के लिए सभी पुराने दरवाजे को खाेलने अथवा निकास के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता बनाने को कहा है. वर्तमान में इन दरवाजों को ही बंद कर अधिकारियों के लिए बैठने की जगह बनायी गयी है.
सचिवालय में कहीं नहीं है अग्निशामक यंत्र
अगलगी से बचने के लिए सचिवालय के किसी भी विभाग में अग्निशामक यंत्र नहीं लगा हुआ है. पुराना सचिवालय के सिर्फ आपदा प्रबंधन विभाग के पास ही यह यंत्र है. ऐसे में एक यंत्र के सहारे छोटी-मोटी अगलगी की भी घटना से नहीं बचा जा सकता है.
पुराने भवनों में खोजे जा रहे हैं नये रास्ते
मुख्य सचिवालय में पुराने निकास द्वार की तलाश की जा रही है. ताकि किसी भी अनहोनी की स्थिति में उसका उपयोग किया जा सके. खिड़कियों से उतरने के लिए लोहे की सीढ़ी लगायी जायेगी.
बनेंगे बाहर निकलने के वैकल्पिक रास्ते
सचिवालय में सभी विभागों के लोगों के लिए बाहर आने का एक ही रास्ता है. ऐसे में किसी तरह की घटना होने पर खास कर शारीरिक रूप से अक्षम और महिलाओं के लिए बाहर निकलना किसी आफत से कम नहीं होगा. यदि उसी रास्ते में अगलगी या कोई घटना हो, तो लोगों की मुश्किलें और बढ़ जायेंगी. अग्निशमन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने सभी सचिवालयों में वैकल्पिक रास्ता बनाने का सुझाव दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पुराना सचिवालय के सभी भवनों में निचले तल में चार-चार निकास द्वार हैं, लेकिन सभी बंद हैं.
लगेगी फ्लेक्सिबल सीढ़ी
अगलगी और अन्य आपदा में ऊपरी फ्लोर से लोगों को बाहर निकलने के लिए फिलहाल कोई उपाय नहीं है. आपदा में ऐसे लोगों को बचाने के लिए फायर ब्रिगेड के आने तक इंतजार करना पड़ सकता है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि विदेशों के तर्ज पर ऊपरी फ्लोर से उतरने के लिए फ्लेक्सिबल सीढ़ी के उपयोग पर विचार किया जायेगा. इस प्रकार की सीढ़ी आपदा के समय अस्थायी सीढ़ी के रूप में काम करेगी.
नया सचिवालय में नहीं पहुंच सका था दमकल
हाल में विकास भवन में एक अगलगी की घटना में फायर ब्रिगेड की गाड़ी नया सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सकी थी. ऐसे में कोई बड़ी घटना हो सकती थी. इसके बाद राज्य सरकार के सभी सचिवालयों की अगलगी से सुरक्षा के उपाय करने का निर्देश दिया गया. डीजीपी फायर पीएन राय और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह तय किया गया कि जितना जल्द हो सचिवालय में बेकार के पड़े फर्नीचर को नीलाम किया जाये. नीलामी में यदि दिक्कत हो रही है, तो एक जेइ द्वारा सचिवालय की ऐसी सामग्रियों का मूल्याकंन कर बेच दिया जाये. इस निर्णय को पूरा करने के लिए सभी विभागों में एक-एक नोडल अफसर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है.
विकास भवन व विश्वश्वरैया भवन की भी यही स्थिति
विकास भवन और विश्वश्वरैया भवन की भी कमोवेश यही स्थिति है. सेफ्टी रिपोर्ट में गलियारों में पड़ी पुरानी संचिकाओं,
टूटे फर्नीचर आदि के कारण अगलगी की घटना की आशंका बनी रहती है. वहीं इस तरह की घटना में लोगों को बाहर निकलने के लिए एक ही रास्ता है. सीढ़ियों के पास की जगह कचरों से पटा हुआ है. अग्निशमन अधिकारियों ने सरकार को बताया है कि अगलगी की घटना में यहां लोगों को जान बचाना मुश्किल होगा. जिस गलियारे से लोगों को निकलना है, वह गलियारा टूटे फर्नीचर और सड़ी व बेकार संचिकाओं का अंबार लगा हुआ है. ये फर्नीचर और पुरानी व बेकार संचिकाएं आग की धधक को और तेज कर सकता हैं. ऐसी परिस्थिति में लोगों को यहां से निकलने का कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं है.

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