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जंगली हाथियों को लेकर बिहार-झारखंड में टकराव, बिहार ने केंद्र से की शिकायत

पटना : जंगली हाथियों के उत्पात को ले कर अब बिहार-झारखंड के वन विभाग के बीच ठन गयी है. दो दिन पहले ही औरंगाबाद से वन विभाग ने जंगली हाथियों के झुंड को झारखंड की ओर विदा किया था. वन विभाग ने झारखंड वन विभाग को हाथियों के साथ कोई छेड़खानी न हो, इसकी हिदायत […]

पटना : जंगली हाथियों के उत्पात को ले कर अब बिहार-झारखंड के वन विभाग के बीच ठन गयी है. दो दिन पहले ही औरंगाबाद से वन विभाग ने जंगली हाथियों के झुंड को झारखंड की ओर विदा किया था.
वन विभाग ने झारखंड वन विभाग को हाथियों के साथ कोई छेड़खानी न हो, इसकी हिदायत भी दी थी, पर झारखंड में ऐसा हुआ नहीं. झारखंड की ओर गये 15 जंगली हाथियों का झुंड एक दिन बाद पुन: गया के टंडवा में पहुंच गया. शुक्र है कि जंगली हाथियों ने किसी को आहत नहीं किया है, सिर्फ फसलों को ही नुकसान पहुंचाया है.
इससे नाराज बिहार सरकार ने झारखंड से पुन: जंगली हाथियों के झुंड को बिहार की तरफ खदेड़े जाने को लेकर केंद्र सरकार से शिकायत की है. बिहार सरकार के वन विभाग ने झारखंड सरकार और केंद्रीय वन पर्यावरण विभाग को आपत्ति पत्र भेजा है. राज्य के मुख्य वन प्राणी प्रतिपालक एसएस चौधरी ने गुुरुवार को बताया कि जंगली हाथियों के झुंड को झारखंड के रास्ते ओड़िशा-छत्तीसगढ़ के जंगल की तरफ लौट जाना था, बशर्ते झुंड के साथ कोई छेड़छाड़ न हो.
लेकिन, हुआ इसका उल्टा. झारखंड में प्रवेश करने के बाद हाथियों के झुंड के साथ ग्रामीणों ने छेड़छाड़ की और झुंड पुन: बिहार के गया-टंडवा इलाके में चला आया. उन्होंने बताया कि जंगली हाथियों का झुंड भोजन की तलाश में गया में आया है. वह किसी को नुकसान नहीं करेगा. नुकसान वह तभी करेगा, जब उसके साथ छेड़छाड़ होगी.
दो दिन पहले हुई पांच राज्यों की बैठक का भी नहीं निकला नतीजा
राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी शिकायत में कहा है कि दो दिन पहले पटना में जंगली पशुओं पर बिना कोई हिंसा के निजात पाने को लेकर इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक में बिहार-झारखंड समेत पांच राज्यों के वन विभाग के पदाधिकारी भी मौजूद थे. लेकिन, झारखंड की ओर से इस बैठक में लिये गये निर्णय पर अमल नहीं किया गया.
उन्होंने गया-टंडवा के ग्राणीणों से जंगली हाथियों के साथ कोई छेड़छाड़ न करने की अपील की है. उन्होंने दावा किया है कि हाथियों के झुंड सूर्यास्त के बाद शेरघाटी-बांके बाजार के रास्ते निकल जायेगा. जहां तक हाथियों द्वारा फसल नुकसान पहुंचाने का सवाल है, तो सरकार ने पहले ही प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान कर रखा है.
उन्होंने बताया कि गया-टंडवा में हाथियों के झुंड को नियंत्रित करने के लिए बाकुड़ा जिला टीम को वहां तैनात किया गया है. यही नहीं, शूटर शफ्फाक अली शान को भी वहां भेजा गया है. उन्होंने बताया कि आज देर शाम को हाथियों के खिलाफ ड्राइविंग अभियान चलाया जायेगा.

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