पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने बयान जारी कर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर एससी-एसटी छात्रवृत्ति योजना में हवा में आरोप लगाने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि एससी एसटी कल्याण विभाग से रोज एक न एक मुद्दा पेश कर रहे हैं, लेकिन वे मुद्दे फेक और झूठे हैं. बीजेपी वाले दलित वर्ग को दबाने में विश्वास रखते हैं और सुशील मोदी को एससी एसटी विभाग सबसे कमजोर लग रहा है.
वे अनुसूचित जाति और जन जाति के लोगों के साथ कोई हमदर्दी नहीं रखते हैं, लेकिन इनके नाम पर राजनीति खूब करते है. बिहार के सभी एससी-एसटी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं. गांव में एक कहावत है कि कमजोर को देख कर सामान्य लोग भी उफान मारने लगते है तो सुशील मोदी फिलहाल यही कर रहे है.
उन्होंने कहा कि सुशील कुमार मोदी इस बार भी गलती कर गए और बिना तथ्यों की जानकारी के बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार के एससी-एसटी विभाग के तरफ से जो कॉलेज में 2012-13 में नामांकन कराया गया था वो आज नही है. उन्होने एक इस कॉलेज के एक ही सचिव होने की बात कही है.
उन्हाेनें कहा कि सुशील मोदी ने अपने स्तर जो जांच किया वो सतही है , तथ्यों से परे है. ये तीनों कॉलेज अलीगढ़ में थे , तीनों का रजिस्ट्रेशन उत्तर प्रदेश सरकार के पास था सभी दस्तावेज़ों को देखने और जांचने का बाद ही एससी-एसटी विभाग के तरफ से उक्त संस्थान में छात्रों का नामांकन कराया गया था. 2012-13 में ये संस्थान थे और बिहार के छात्र वहां रह कर पढ़ाई भी करते थे.
लेकिन 2015 में आर्थिक कमी के कारण संस्थान प्रबंधन ने इन संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया . इसकी सूचना यूपी सरकार को दी गई तब यूपी सरकार ने सत्र पूरा करने के बाद संस्थानों को बंद करने निर्देश दिया. संस्थान के बंद होने की वजह से ही अभी उक्त संस्थान के चार करोड़ रुपए विभाग के पास है जो किसी ने दावा नही किया है.
एक एक पैसे का हिसाब मिल जाता जब सुशील मोदी विभाग से इसकी जानकारी मांगते ? लेकिन सुशील मोदी को तो हवा में बात करने की आदत हो गई है अ़फवाहों पर ये सरकार भी बना लेते है लेकिन यथार्थ कुछ और होता है ।