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गांवों में शुद्ध पानी पर 800 करोड़ होंगे खर्च

ग्रामीण इलाके में 600 मिनी जलापूर्ति योजना से पानी पहुंचाने का हो रहा काम पटना : राज्य के ग्रामीण इलाके के टोले में पानी पहुंचाने के लिए 800 करोड़ की योजना पर काम हो रहा है. योजना के तहत राज्य के 38 जिले के ग्रामीण इलाके के टोले में मिली जलापूर्ति योजना , स्कूलों में […]

ग्रामीण इलाके में 600 मिनी जलापूर्ति योजना से पानी पहुंचाने का हो रहा काम
पटना : राज्य के ग्रामीण इलाके के टोले में पानी पहुंचाने के लिए 800 करोड़ की योजना पर काम हो रहा है. योजना के तहत राज्य के 38 जिले के ग्रामीण इलाके के टोले में मिली जलापूर्ति योजना , स्कूलों में रनिंग वाटर व दूषित जलापूर्ति वाले इलाके में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर पानी पहुंचाया जा रहा है.
ग्रामीण इलाके में 600 मिनी जलापूर्ति योजना से पानी पहुंचाने का काम हो रहा है. जिस इलाके में बिजली आपूर्ति की सुविधा नहीं है उस इलाके में सौर ऊर्जा चालित वाटर पंप लगा कर पानी पहुंचाया जा रहा है. योजना के तहत 60 फीसदी काम हुआ है. केंद्र सरेकार ने बिहार में हो रहे इस काम की प्रशंसा की है.
ग्रामीण इलाके में जलापूर्ति व्यवस्था में केंद्र का भी सहयोग है. केंद्र द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के जलापूर्ति के लिए राशि दी जा रही है. योजना के तहत केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी पचास-पचास फीसदी है. चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र द्वारा इस मद में 210 करोड़ मिलना है.
केंद्र ने 140 करोड़ राशि रिलीज कर दी है. शेष राशि 70 करोड़ शीघ्र उपलब्ध होगा. हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय की बैठक में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने योजना के तहत हो रहे काम का ब्योरा प्रस्तुत किया था. इस पर केंद्र ने शेष राशि देने पर सहमति व्यक्त की.योजना के तहत हो रहे काम पर संतुष्टि व्यक्त की गयी.
टोला चिह्नित कर योजना पर हो रहा काम
ग्रामीण इलाके में टोले को चिह्नित कर वहां जलापूर्ति की व्यवस्था कर रही है. इसकी जिम्मेवारी जिले को दी गयी है. सभी 38 जिले में विभाग द्वारा टोले का चयन कर वहां काम शुरू किया गया है. एससी-एसटी बहुल्य टोले में जहां बिजली आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है.
उस इलाके में सौर ऊर्जा से 534 मिनी जलापूर्ति योजना पर काम हो रहा है. स्कूलों में ओवर हेड टैंक के माध्यम से रनिंग पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. ग्रामीण इलाके में 6631 प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में रनिंग पेयजल की व्यवस्था की गयी है. दूषित जलापूर्ति वाले इलाके में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर जलापूर्ति करना है. राज्य के 13 जिले में आर्सेनिक, 11 जिले में फ्लोराइड व नौ जिले में आयरन की मात्रा अधिक है. इन इलाके में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर जलापूर्ति हो रही है.
विभागीय सूत्र ने बताया कि योजना के तहत 60 फीसदी काम हुआ है. शेष काम प्रगति पर है.

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