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शीतलहर व पाला से बचाव के लिए जारी हुआ निर्देश

पटना: तापमान का पारा गिरते ही राज्य सरकार ने सूबे के सभी डीएम को इसकी चपेट में आनेवाले लोगों के लिए राहत व बचाव के पुख्ता इंतजाम करने का फरमान जारी कर दिया है. सोमवार को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने अपने निर्देश में कहा है कि वे अपने जिले में […]

पटना: तापमान का पारा गिरते ही राज्य सरकार ने सूबे के सभी डीएम को इसकी चपेट में आनेवाले लोगों के लिए राहत व बचाव के पुख्ता इंतजाम करने का फरमान जारी कर दिया है. सोमवार को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने अपने निर्देश में कहा है कि वे अपने जिले में बेघर गरीबों के लिए रैन बसेरों और अस्थायी शरण स्थलों की व्यवस्था करें, जिनमें दैनिक मजदूरी करने वालों और रिक्शाचालकों जैसे नि:सहाय लोगों के रहने की समुचित व्यवस्था हो.

उन्होंने सभी डीएम को निर्देश दिया है कि वे खुद रैन बसेरों व शरण स्थलों में अलाव जलाने वाले स्थानों का निरीक्षण व अनुश्रवण करें. जिलास्तर के वरीय पदाधिकारियों को इन स्थलों का घूम-घूम कर निरीक्षण करने का निर्देश दें. साथ ही स्थानीय मीडिया को अलाव स्थलों के बारे में पूरी जानकारी देकर उसका प्रचार-प्रसार करायें. शीतलहर व पाले से फसलों को होने वाले नुकसान के लिए मुआवजे का भी प्रबंध किया गया है. उसका भी सही ढंग से वितरण करायें. व्यास जी ने अपने पत्र में कहा है कि रैन बसेरों व अस्थायी शरण स्थलों में उपलब्ध पॉलीथिन शीट्स, टेंट और तारपोलीन शीट्स का उपयोग कर शीतलहर से लोगों के बचाव का इंतजाम किया जाये.

इन शरण स्थलों में प्रथम चरण में पर्याप्त संख्या में कंबल रखे जायें. इन कंबलों का इस्तेमाल केवल वहां शरण लेने वाले लोगों के लिए अस्थायी तौर पर किया जाये. साथ ही इन शरण स्थलों के बारे में व्यापक रूप से प्रचार कराया जाये, ताकि हर सामान्य व्यक्ति को इसकी जानकारी मिल सके.

गरीबों के बीच हो कंबल का वितरण
फुटपाथ पर निवास करने वाले गरीब, रिक्शाचालकों, दैनिक मजदूरों, नि:सहाय लोगों के बीच पर्याप्त संख्या में कंबल बांटने का भी निर्देश दिया गया है. ये कंबल समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे. इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी डीएम को निर्देश दिया है कि शीतलहर शुरू होते ही पर्याप्त मात्र में अलाव की व्यवस्था जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक सभी शहरी व अर्धशहरी स्थानों पर की जाये. अलाव की व्यवस्था करते समय डीएम यह ध्यान रखें कि वह ऐसे स्थानों पर जलाया जाये, जहां अधिकतर गरीब व निर्धन वर्ग के लोग निवास करते हों. अलाव की व्यवस्था खासकर धर्मशालाओं, मुसाफिरखानों, रिक्शा व टमटम पड़ावों, अस्पताल परिसरों और रैन बसेरों के समीप की जाये. गौरतलब है कि भारत सरकार ने शीतलहर व पाला को पिछले साल प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया है.

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