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नियोजित शिक्षकों को चार महीने से नहीं मिला वेतन

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में बहाल 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिल पा रहा है. केंद्र सरकार से सर्व शिक्षा अभियान मद में 771 करोड़ रुपये आने और राज्य सरकार की ओर से भी 478 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के बाद भी शिक्षकों को अक्तूबर महीने से […]

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में बहाल 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिल पा रहा है. केंद्र सरकार से सर्व शिक्षा अभियान मद में 771 करोड़ रुपये आने और राज्य सरकार की ओर से भी 478 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के बाद भी शिक्षकों को अक्तूबर महीने से वेतन की राशि नहीं मिल सकी है. 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों का वेतन योजना विभाग और वित्त विभाग में अटका है.
शिक्षा विभाग ने 2.57 लाख शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए योजना व विकास विभाग में मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है, जबकि 66 हजार नियोजित शिक्षकों के वेतन की सहमति के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव दिया गया है. दोनों विभागों की ओर से प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है, जिसकी वजह से शिक्षकों को वेतन जारी नहीं हो पा रहा है. वहीं, हाइ व प्लस टू स्कूलों के 33 हजार नियोजित शिक्षकों को वेतन की राशि का प्रस्ताव कैबिनेट भेज दिया गया है.
प्रारंभिक स्कूलों के 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों में से 2.57 लाख शिक्षकों को सर्व शिक्षा अभियान मद से वेतन की राशि दी जानी है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने योजना व विकास विभाग की प्राधिकृत समिति से मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. वहीं, प्रारंभिक स्कूलों के 66 हजार नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार की मद से वेतन दिया जाता है. इसकी मंजूरी के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को दिया गया है.
अब शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को योजना और वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद उसे शिक्षा विभाग कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा. राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही जिलों को सर्व शिक्षा अभियान और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से राशि जारी की जायेगी.
इसके बाद ही प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों के वेतन का भुगतान हो सकेगा. उधर, हाइ व प्लस टू स्कूलों के 33 हजार नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए जिलों से आये डिमांड के बाद प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद उस राशि को जिलों को जारी कर दिया जायेगा. हालांकि, विभागीय अधिकारी मानते हैं कि हाइ व प्लस टू के नियोजित शिक्षकों के लिए मार्च, 2016 तक की राशि जिलों को पहले ही दे दी गयी थी. साथ ही जिलों से राशि घटने की स्थिति में डिमांड मांगा गया था. जिलों से डिमांड भी आया था और वित्त विभाग की सहमति के बाद उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.

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