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अब केंद्रीय मंत्रियों को बिहार की याद नहीं : संजय सिंह
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जब तक बिहार में चुनाव नहीं हुए थे, तब तक केंद्र के मंत्री और भाजपा नेताओं का रोज जमावड़ा बिहार में होता था. अधूरी योजनाओं का उद्घाटन भी करने से केंद्रीय मंत्री पीछे नहीं रहे. सुशील मोदी हर उद्घाटन में टोपी […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जब तक बिहार में चुनाव नहीं हुए थे, तब तक केंद्र के मंत्री और भाजपा नेताओं का रोज जमावड़ा बिहार में होता था.
अधूरी योजनाओं का उद्घाटन भी करने से केंद्रीय मंत्री पीछे नहीं रहे. सुशील मोदी हर उद्घाटन में टोपी पहन कर पहुंच जाते थे और फोटो खिंचा लेते थे. आज केंद्र वे वो नेता कहां हैं? जब बिहार में कुछ करने की बारी आयी तो उनको बिहार याद भी नहीं रहा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होनेवाले 20 शहरों की सूची जारी कर दी है. इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से एक भी शहर नहीं हैं. सूची में पहले स्थान पर ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर है.
महाराष्ट्र का पुणे दूसरे, राजस्थान की राजधानी जयपुर तीसरे, केरल का कोच्चि शहर चौथे और गुजरात का अहमादाबाद पांचवें स्थान पर है. इन शहरों में नौ शहर भाजपा शासित राज्यों के हैं.
यहां तक की मध्य प्रदेश के तीन शहरों को इसमें शामिल कर लिया गया है. प्रधानमंत्री के शहर अहमदाबाद को इसमें शामिल कर लिया गया. आखिर स्मार्ट सिटी की लिस्ट में पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर क्यों नहीं रहा? बिहार के किसी भी शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं करना केंद्र सरकार और भाजपा की नीयत को दर्शाता है कि वो बिहार के बारे में क्या सोचते हैं.
संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी को ये पता नहीं कि गंगा नदी पर नया पुल बनने से क्या फायदा होगा? कच्ची दरगाह व बिदुपुर के बीच गंगा नदी पर देश का सबसे लंबा छह लेन पुल के निर्माण से महात्मा गांधी सेतु पर भार कम होगा. इस पुल के निर्माण के बाद उत्तर बिहार की ओर जाने वाले को बड़ी राहत मिलेगी.
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