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दर्द की दवा खराब कर रही आपकी किडनी

काफी विद् डॉक्टर. प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ की पहल, किडनी से जुड़ी बीमारियों पर मरीजों को मिली सटीक जानकारी पटना : बिहार में किडनी स्टोन के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इसलिये इसे स्टोन बेल्ट के नाम से भी जाना जाता हैं. आमतौर पर यह समस्या 20 से 40 साल की उम्र के […]

काफी विद् डॉक्टर. प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ की पहल, किडनी से जुड़ी बीमारियों पर मरीजों को मिली सटीक जानकारी
पटना : बिहार में किडनी स्टोन के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इसलिये इसे स्टोन बेल्ट के नाम से भी जाना जाता हैं. आमतौर पर यह समस्या 20 से 40 साल की उम्र के लोगों मे होती है.
पुरुषों में स्टोन या पथरी की बीमारी अधिक होती है. यह बीमारी मूत्र तंत्र का एक रोग है. इसमें किडनी के अंदर छोटे-छोटे पत्थर जैसे कठोर टुकड़े बन जाते हैं. अगर इलाज नहीं कराया जाये तो मौत भी हो सकती है. यह कहना है पारस अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट एवं किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ शशि कुमार का. डॉ शशि ने शनिवार को प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ अस्पताल की ओर से चलायी जा रही काफी विद् डॉक्टर की शृंखला में किडनी रोग पर चर्चा की. उन्होंने सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने मरीजों को बेहतर इलाज के बारे में जानकारी दी. साथ ही कई लोगों के रिपोर्ट चेक कर आगे इलाज की प्रक्रिया बतायी.
10 करोड़ लोग ग्रस्त
डॉ शशि ने कहा कि बिहार सहित पूरी दुनिया में 10 में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में किडनी यानी गुर्दे की बीमारी से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो थोड़े से भी दर्द में पेन किलर खा लेते हैं.
ऐसे में उनको किडनी की समस्या हो जाती है और अंत में यह किडनी फेल्योर का कारण बनता है. उन्होंने कहा कि देश में कुल 10 करोड़ लोग ऐसे हैं जो किडनी की बीमारी से परेशान हैं. इनमें खास कर किडनी इंजुरी के मामले सबसे अधिक देखने को मिल रहे हैं. डॉ शशि ने बताया कि किडनी इंजुरी की समस्या लोगों में अधिक बढ़ रही है. समय पर इलाज नहीं कराने की वजह से किडनी में पथरी होने की संभावना बन जाती है.
नमक और अन्य खनिज पदार्थ एक दूसरे के संपर्क में आते हैं, तो शरीर मे पथरी बनना शुरू होता है. कुछ स्टोन रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैं, तो कुछ का आकार काफी बड़ा होता है. अगर समय पर दवा खायें तो छोटे स्‍टोन मूत्र के जरिये शरीर से निकल जाते हैं. डॉ ने कहा कि किडनी स्टोन जेनेटिक कारणों, हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी कोई अन्य समस्या से होते हैं.
ये भी हैं कारण
डॉ शशि ने बताया कि किसी दुर्घटना से बहुत ज्यादा रक्त के बह जाने से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है. ऐसे में एक्यूट किडनी इंजुरी होने की संभावना बढ़ जाती हैं. डाइबिटीज, हाइ ब्लडप्रेशर, ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस और पेशाब में संक्रमण आदि के कारण किडनी से संबंधित बीमारियां हो रही हैं. उन्होंने कहा कि लोगों में एक्यूट किडनी इंजरी व क्रॉनिक किडनी डिजीज होते हैं.
होने वाली परेशानियां
अगर किडनी काम करना बंद कर देता है तो शरीर के हाथ और पैर में सूजन हो जाती है. साथ ही ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. हड्डियों में दर्द होने लगता है. इसके अलावा कमजोरी और उल्टी महसूस होती है. इतना ही नहीं रोग के बढ़ जाने पर सांस लेने में भी परेशानी महसूस होती है. अगर बीमारी गंभीर है तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है रोगी की जान जाने का खतरा बना रहता है.

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