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बनावटी नहीं, मन से लें संकल्प

कार्यशाला. आपदा से निबटने के लिए मुख्यमंत्री की अिधकारियों को नसीहत आपदा पर कम्यूनिटी करती है रिस्पांड, ओरिएंटेशन से और बेहतर करेगी काम हर थाने में होगी अग्निशमन की गाड़ियों की व्यवस्था अलग-अलग साइज की होंगी अग्निशमन की गाड़ियां पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा से निबटने के लिए अधिकारियों को बनावटी नहीं, बल्कि […]

कार्यशाला. आपदा से निबटने के लिए मुख्यमंत्री की अिधकारियों को नसीहत
आपदा पर कम्यूनिटी करती है रिस्पांड, ओरिएंटेशन से और बेहतर करेगी काम
हर थाने में होगी अग्निशमन की गाड़ियों की व्यवस्था
अलग-अलग साइज की होंगी अग्निशमन की गाड़ियां
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा से निबटने के लिए अधिकारियों को बनावटी नहीं, बल्कि मन से संकल्प लेने का निर्देश दिया है. शनिवार को अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यशाला ‘अग्निशमन सेवा-सुरक्षा, घर-घर तक’ में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यशाला तभी उपयोगी होगी, जब आप मन से संकल्प लेंगे. ऊपरी तौर पर या बनावटी संकल्प से काम नहीं चलेगा. इसके लिए जागृति अौर जागरूकता आवश्यक है.
टेक्नोलॉजी हर चीज के लिए उपलब्ध है और इसकी कोई कमी नहीं है, विकसित विज्ञान का लोग फायदा उठाएं. उन्होंने कहा कि बिल्डर-उद्योगपति सिर्फ माल बनाने के चक्कर में नहीं रहे. कोई ठिकाना नहीं है कि कहीं खुद फंस न जाएं. अगर भूकंपरोधी और आग जैसी आपदाओं से बचाव के लिए भवन का निर्माण नहीं किया और उसे बेच दिया तो क्या हुआ? कभी जब मिलने चले गये तो उसी समय आपदा आ जायेगी, तो कहां बच के जायेंगे.
इसलिए मकान बनाना सिर्फ जरूरी नहीं, उसे सुरक्षित बनाना जरूरी है. इसके लिए लोगों को सेंसेटाइज करना जरूरी है. जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे, तब तक संस्थागत काम नहीं होता है. सीएम ने कहा कि अग्निशमन में फायर सर्विस पहले से था. कम्यूनिटी तो रिस्पांड करती ही है.
उन्हें थोड़ा ओरियेंटेशन करा दें, तो और बेहतर काम करेंगे. अग्निशमन की गाड़ियों का साइज अलग-अलग होना चाहिए. इससे छोटी-बड़ी सड़कों पर आसानी से जा सके. हर थाने स्तर पर अग्निशमन की गाड़ियों की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए मोटरसाइकिल भी दी जायेगी. कुछ साल पहले मिस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने का प्रजेंटेशन दिखाया गया था. काम करने को कहा गया तो बाद में कह दिया गया कि यह लागू नहीं किया जा सकता.
जब लागू ही नहीं हो सकता था, तो दिखाया क्यो? अब कह रहे हैं कि हो सकता है, तो करें. सीएम ने कहा कि बिल्डिंग बाइलॉज का पालन होना जरूरी है. ऐसी बिल्डिंग बने, जिस पर आपदा का कोई असर न हो. कई जगहों पर तो जो टेंट लगते हैं वो भी फायरप्रूव रहता है. व्यापार ऐसा नहीं होना चाहिए कि आग लग जाये और लोग मर जाएं. कोशिश करनी है कि आपदा आये नहीं और अगर आ भी जाये तो रिस्पांस कम-से-कम समय में हो. आपदा के लिए पैसों की कमी नहीं है. आपदा पीड़ितों का सरकार के खजाने पर पहला अधिकार है.
कार्यशाला में होमगार्ड के डीजी पीएन राय ने कहा कि हर सप्ताह किसी स्कूल, मॉल में टीम जाती है और कार्यक्रम करती है. अब तक 200 थानों में अग्निशमन वाहन उपलब्ध कराये गये हैं और इस साल 300 थाने में उपलब्ध कराया जाना है. कार्यशाला में एनडीएमए के सदस्य एनसी मारवाह, आपदा प्रबंधन प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल सिन्हा, सदस्य उदय कांत मिश्र, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, सीएम से सचिव चंचल कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
अब तक नहीं बदला गया बिजली का तार : सीएम ने कहा कि आपदा किसी भी प्रकार से आती है. अगर किसी पर बिजली का तार गिर जाये तो वह भी आपदा ही. 72 हजार किलोमीटर के बिजली के तार व कंडक्टर बदलने के लिए हमने पहले ही निर्देश दिये थे.
अभी हाल में जनकपुर में एक हादसा हुआ, तब उस ओर ध्यान आया. जब हमने अधिकारियों से पूछा तो पता चला कि काम धीरे-धीरे चल रहा है. जब हमने राशि उपलब्ध करा दी है तो कहां समस्या आ रही है. इस मामले को अब आपदा प्रबंधन प्राधिकार भी देखे, ताकि पता चल सके कि सही से काम हो रहा है या नहीं.
होटल पाटलिपुत्रा की जांच का आदेश : मुख्यमंत्री ने कहा कि होटल पाटलिपुत्रा की बिल्डिंग में बने हॉल की जांच करवाने का उन्होंने आदेश दिया है. नगर विकास विभाग को कहा कि बैठक के लिए बने हॉल को कैसे क्लीयरेंस मिल गया? वहां होटल के ऊपर एक हॉल है, जहां आने-जाने के लिए एक ही रास्ता है. सरकारी काम के लिए बुकिंग हो जाती है, रेट भी कम लग जाती होगी, लेकिन अगर किसी दिन हादसा हो गया तो वे तो कह देंगे कि आपदा को लेकर भी यहां बैठक हो चुकी है. हमने इसको लेकर जांच कराने को कहा है.
टैक्स पर बोले
हमेशा रिलीफ ही देंगे, तो आसमान से आयेगा पैसा
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य सरकार की ओर से बढ़ाये गये टैक्स को वापस लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि कभी रिलीफ दिया तो कभी टैक्स बढ़ायेंगे. हमेशा रिलीफ ही देंगे तो आसमान से पैसा आयेगा. लोगों के घरों में सिर्फ रखने के लिए पैसा नहीं है. सरकार चलाने के लिए भी पैसों की जरूरत होती है. हमने काम किया था तभी तो बिहार की जनता ने तीसरी बार मौका दिया है. किसी काम को हम शुरू किये और कोई दूसरा उसका फायदा उठा ले ये कैसे होगा? टैक्स बढ़ायेंगे. इसपर अब सरकार पर जो दोष लगा रहे हैं तो पांच साल में तो फैसला कर ही लीजिएगा.
दी नसीहत
बहुत से अिधकारी नौकरी करते हैं, सेवा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से लोग नौकरी करते हैं, सेवा नहीं करते हैं. आइएस-आइपीएस में सर्विस (सेवा) जुड़ा है, लेकिन बहुत से लोग नौकरी करते हैं सेवा नहीं करते. कुछ समय पहल अग्निशमन की 150-200 गाड़ियां फैबरिकेशन के काम के लिए पड़ी हुई थी. जानकारी मिलने पर खुद पहल की तो काम आगे बढ़ा. यह जिम्मेदारी की चीज है. अधिकारी सेवा नहीं नौकरी करते हैं.
उन्हें लगता है कि उनका कौन कुछ बिगाड़ेगा, वे रिटायर कर ही जायेंगे, सब बेनिफिट मिल ही जायेगा, कौन रोकने वाला है? सरकार के गृह सचिव (आमिर सुबहानी) भी बैठे हैं, वे भी कोई कार्रवाई तो करेंगे नहीं.

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