साइकिल से घर लौट रही थी छात्रा, 15 मिनट तक सड़क पर तड़पने के बाद तोड़ा दम
पटना : बोरिंग रोड चौराहा स्थित कुमार टावर के सामने गुरुवार को दर्दनाक हादसे में स्कूली छात्रा निशु कुमारी की मौत हो गयी. कोचिंग से पढ़ कर साइकिल से घर लौट रही निशु को सेंट माइकल स्कूल की बस ने टक्कर मार दी. उसके सिर में गंभीर चोट लगी और वह खून से लथपथ 15 मिनटों तक सड़क पर तड़पती रही. स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद से निशु को ऑटो में पीएमसीएच पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हादसा दोपहर ढाई बजे हुआ था.
घटना के बाद बस संख्या बीआर 01 पीएफ 0123 के चालक वीरेंद्र राय (हाजीपुर) ने वहां से बस लेकर भागने का प्रयास किया. हालांकि, युवकों ने खदेड़ कर बस को हड़ताली चौक के पास पकड़ लिया.
पुलिस ने वीरेंद्र राय के साथ ही खलासी गोविंद मंडल (सीतामढ़ी) को भी हिरासत में लिया है और बस जब्त कर लिया है. ट्रैफिक थाने में चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. निशु शेखपुरा (बेली रोड) की रहने वाली थी. उसके पिता लाल बिहारी सिंह आइजीआइएमएस के पास दुकान चलाते हैं. निशु चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी. निशु के अलावा लाल बिहारी सिंह की दो बेटी व एक बेटा है. लाल बिहारी सिंह बिहटा के पुरैनिया गांव के निवासी हैं.
कोचिंग से जा रही थी घर
निशु प्लस टू की छात्रा है. यह मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी के लिए बोरिंग रोड स्थित ब्रिलिएंट कोचिंग में पढ़ती थी. वह गुरुवार को सुबह आठ बजे अपने कोचिंग के लिए निकली. कोचिंग खत्म होने के बाद करीब छाई बजे बाद वह साइकिल से बोरिंग रोड चौराहा होते हुए शेखपुरा लौट रही थी. बीच में वह कुमार टावर के समीप रुकी अौर कुछ सामान लेने के लिए अंदर गयी. इसके बाद वह वापस लौटी और अपनी साइकिल निकाली. वह साइकिल पर बैठी ही थी कि स्कूल बस का पिछला चक्का उसकी साइकिल टकरा गया और उसका सिर बस की बॉडी से जोर से टकराया. इससे उसका सिर फट गया और वह लहुलहुान हो कर गिर पड़ी.
15 मिनट तक करते रहे पुलिस का इंतजार
अचानक हुई इस घटना के बाद लोग हतप्रभ रह गये और काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गयी. लेकिन, पुलिस के आने तक किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया. करीब 15 मिनटों बाद वहां पुलिस पहुंची. फिर निशु पीएमसीएच ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कोचिंग आइ कार्ड से हुई पहचान
उसके पास से मिले कोचिंग के आइकार्ड से उसकी पहचान की गयी और फिर परिजनों को मामले की जानकारी दी गयी. सूचना मिलने पर उसके पिता लालबिहारी सिंह व उसकी मां पीएमसीएच पहुंची. वे बेटी का शव देख कर मूर्छित हो गये. लोगों ने संभाला और फिर पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया.
डॉक्टर बनना चाहती थी निशु
निशु का सपना था कि वह डॉक्टर बने. इसके लिए हीउसने ब्रिलिएंट कोचिंग में एडमिशन लिया था. उसकेघर के पास ही आइजीआइएमएस संस्थान है, जिसके कारण वह भी सोचा करती थी कि वह डॉक्टर बने और लोगों की सेवा करे. पिता का छोटा-मोटा व्यापार है. लेकिन वह अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे. लेकिन तेज रफ्तार ने उनकी बेटी को तो छीन ही लिया, उनके
सपनों को भी तोड़ दिया. परिजनों के मुताबिक वह पढ़ने में काफी अच्छी थी और सभी के साथ काफी अच्छा व्यवहार रखती थी.