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बिहार के युवाओं में बढ़ रही लड़कियों की आबादी वृद्धि दर
रजनीश उपाध्याय पटना : बिहार में न केवल आबादी घटने के संकेत हैं, बल्कि युवाओं में लड़कों की तुलना में लड़कियों की आबादी की वृद्धि दर भी ज्यादा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में 2016 में छह से 23 साल की उम्र तक (अलग-अलग आयुवर्ग) की आबादी का अनुमानित आंकड़ा जारी किया […]
रजनीश उपाध्याय
पटना : बिहार में न केवल आबादी घटने के संकेत हैं, बल्कि युवाओं में लड़कों की तुलना में लड़कियों की आबादी की वृद्धि दर भी ज्यादा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में 2016 में छह से 23 साल की उम्र तक (अलग-अलग आयुवर्ग) की आबादी का अनुमानित आंकड़ा जारी किया है. इसके मुताबिक, वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में स्कूली शिक्षा के योग्य छह से 15 साल की आयु वर्ग की आबादी कम है.
पूरे देश की तुलना में बिहार में आबादी में कमी की दर ज्यादा है. हालांकि, उच्च शिक्षा के योग्य 16 से 23 साल की आयुवर्ग के लड़के-लड़कियों की आबादी में बढ़ोतरी होगी. मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, पूरे देश में छह से 15 साल की उम्र के लड़के-लड़कियों की संख्या पिछले साल की तुलना में इस साल कम होगी. लगातार तीसरे साल यह कमी दर्ज की जायेगी.
देश स्तर के अनुपात में बिहार में कमी का प्रतिशत अधिक है. बिहार के लिए यह इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह सर्वाधिक आबादी घनत्व (प्रतिवर्ग किमी में 1106) वाला राज्य है. राज्य की दशकीय आबादी वृद्धि दर 25.42 फीसदी सभी के लिए चिंता की बात रही है. 18 से 23 साल की आयु वर्ग की आबादी में बिहार समेत पूरे देश में इजाफा का अनुमान लगाया गया है. 16-17 साल की आयु वर्ग की आबादी में जहां बिहार में मामूली बढ़त होगी, वहीं देश स्तर पर इसमें कमी का आकलन किया गया है.
अनुमानित आबादी का एक संकेत यह भी है कि 16 से 23 वर्ष की आयुवर्ग के लड़कों की तुलना में लड़कियों की आबादी में बढ़ोतरी की दर ज्यादा है.
2015 की तुलना में 2016 में 18 से 22 साल की लड़कों की आबादी 1.1 फीसदी ज्यादा होगी, जबकि इसी आयुवर्ग की लड़कियों की आबादी 2.35 फीसदी ज्यादा होगी. इसी तरह इस साल 18 से 23 साल की आयुवर्ग की लड़कियों की आबादी 2015 से 2.46 फीसदी ज्यादा होगी, जबकि लड़कों के मामले में यह दर 1.19 फीसदी होगी. एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि 16-17 आयु वर्ग में जहां लड़कों की आबादी पिछले साल की तुलना में 0.37 फीसदी की कमी होगी, वहीं लड़कियों की आबादी 0.65 फीसदी बढ़ेगी. मालूम हो कि बिहार उन राज्यों में शामिल है, जहां लिंगानुपात (918) कम है.
हालांकि नयी चिंता की बात यह है कि छह से दस, 11 से 13 और 14-15 वर्ष आयुवर्ग की लड़कियों की आबादी में लड़कों की तुलना में ज्यादा कमी के अनुमान हैं. उदाहरण के लिए 11-13 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 3.57 फीसदी की कमी होगी, जबकि इसी आयुवर्ग के लड़कों की संख्या में यह कमी 2.2 फीसदी है. इसका अर्थ यह हुआ कि अगले सात-आठ साल बाद युवा आबादी के बीच का लिंगानुपात थोड़ा कम हो सकता है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आबादी का यह अनुमान रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट (भारत की आबादी का अनुमान 2001-2026) के आधार पर आकलन कर तैयार किया है.
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